अटल प्रोग्रेस-वे को लेकर किसान और सरकार आमने सामने, दोगुनी जमीन पर भी राजी नहींं किसान, अब बोले- चार गुना मुआवजा चाहिए

अटल प्रोग्रेस-वे को लेकर किसान और सरकार आमने-सामने हैं। प्रोग्रेस-वे के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी करना ही प्रशासन के लिए मुश्किल साबित हो रहा है। सरकार जमीन के बदले दोगुनी जमीन देने की बात कह रही है लेकिन किसान जमीन के बदले मुआवजे की मांग पर अड़े हैं। बुधवार को पड़ासला हनुमान मंदिर पर किसानों की बैठक हुई। इसमें उन्होंने जमीन के बदले चार गुना मुआवजा देने की मांग रखी है।

6 हजार करोड़ के कोटा-भिंड अटल प्रोग्रेस-वे का काम शुरू होने से पहले ही अड़चनें लगातार बढ़ती जा रही हैं। सरकार इस प्रोजेक्ट को बनाने का मन बना चुकी है और इसके लिए जरूरी प्रक्रिया भी शुरू कर दी है लेकिन प्रोग्रेस-वे में आ रही किसानों की जमीन अड़चन बनकर उभरी है, क्योंकि किसान जमीन देने को राजी नहींं हैं। सरकार किसानों को जमीन के बदले दोगुनी जमीन दूसरे जगह पर देने के निर्देश भी प्रशासन को दे चुकी है लेकिन किसान जमीन के बदले जमीन के बजाय मुआवजे की मांग कर रहे हैं।

बुधवार को अटल प्रोग्रेस-वे किसानों की बैठक सोंठवा-गोहेड़ा गांवों के बीच स्थित पड़ासला हनुमान मंदिर पर हुई। इस बैठक में किसान संघर्ष समिति का गठन किया गया। साथ ही किसानों ने जमीन के बदले दोगुनी जमीन न लेकर चार गुना मुआवजा लेने पर सहमति जताई। किसानों का कहना है कि उन्हें दोगुनी जमीन नहींं, बल्कि चार गुना मुआवजा चाहिए, मुआवजा नहींं मिलेगा तो वे सरकार को जमीन नहींं देंगे।

7 सितंबर को मुआवजे की मांग के लिए सहमति पत्र के साथ सौंपेंगे ज्ञापन

बैठक में किसानों ने फैसला लिया कि वे फिलहाल अचानक से कोई आंदोलन व विरोध-प्रदर्शन नहींं करेंगे। इसके पहले वे सभी किसानों से जमीन के बदले मुआवजे के मांग पत्र भरवाएंगे, फिर 7 सितंबर को कलेक्टोरेट पहुंचकर प्रशासन को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम ज्ञापन सौंपेंगे। इस ज्ञापन में वे मांग करेंगे कि उन्हें जमीन के बदले जमीन न देकर चार गुना मुआवजा दिया जाए ताकि वे अपने हिसाब से जमीन ले सकें। इसके साथ ही इसमें यह भी बताया जाएगा कि जो जमीन उन्हें आवंटित की जाने वाली है, वह कम उपजाऊ और कब्जे की है।

समिति के अध्यक्ष रामजीलाल और सचिव नरेश नियुक्त

किसानों की सहमति से संघर्ष समिति का अध्यक्ष रामजीलाल मीणा और सचिव नरेश मीणा को नियुक्त किया गया। इसके अलावा समिति में मीडिया प्रभारी हरी सिंह, कोषाध्यक्ष मलखान मीणा, उपाध्यक्ष राजेंद्र मीणा, शहीद मोहम्मद, रामकिशन योगी व संगठन मंत्री राम शंकर शर्मा को बनाया है।

आदेश के खिलाफ बैठक में किसानाें ने सरकार के खिलाफ भरे सहमति पत्र

जमीन के बदले दोगुनी जमीन देने वाले सरकारी आदेश के खिलाफ बैठक में किसानों ने सहमति पत्र भरे। संघर्ष समिति ने चार बिंदुओं के सहमति पत्र बनाए हैं। इस पर किसान का नाम व नंबर सहित उसकी सहमति के लिए हस्ताक्षर भी कराए जा रहे हैं। अब संबंधित किसानों के घर-घर जाकर यह सहमति पत्र भरवाए जाएंगे। इन सहमति पत्रों को मुआवजे की मांग के साथ प्रशासन को दिया जाएगा ताकि सरकार तक उनकी मांग पहुंचे।

बैठक में लिया निर्णय: कब्जाधारी को भी मुआवजा देने की मांग

किसानों ने बैठक में यह भी निर्णय लिया कि जिन किसानों की जमीन कागजों में नहींं है और वे मौके पर काबिज होकर किसानी कर रहे हैं, तो उन्हें भी मुआवजे की श्रेणी में रखा जाए। एेसे किसानों को भी जमीन छोड़ने पर मुआवजा दिया जाए। सभी किसानों को उनके बैंक खातों में सीधे मुआवजा दिया जाए।

जमीन अधिग्रहण को लेकर अब प्रशासन किसानो से करेगा चर्चा

किसानों की मांग को लेकर दैनिक भास्कर ने बुधवार के अंक में ‘अटल प्रोग्रेस-वे में दो गुनी भूमि देने की घोषणा, किसान इस पर राजी नहींं, जिद... मुआवजा ही चाहिए’ नामक शीर्षक के साथ खबर प्रकाशित की थी। इस पर कलेक्टर ने संज्ञान लेते हुए मामले में कब्जे वाली भूमि व कम उपजाऊ भूमि की जांच करने के साथ ही किसानों से चर्चा करने के लिए राजस्व अफसर को निर्देश दिए है ताकि समस्या का निदान हो सके।



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बैठक के बाद अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करते किसान।


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