महाकाल मंदिर समिति के सदस्यों को हटाने के आदेश पर अंतरिम रोक

महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के 3 अशासकीय सदस्यों को हटाने के राज्य सरकार के आदेश पर बुधवार को हाईकोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है। राज्य सरकार से 4 सप्ताह में जवाब मांगा है।
मंदिर समिति में पं. आशीष पुजारी, दीपक मित्तल और पं. विजयशंकर पुजारी को 8 मार्च को राज्य सरकार ने सदस्य नियुक्त किया था। 14 जुलाई को शासन ने आदेश जारी कर तीनों को समिति से हटा दिया। तीनों सदस्यों की नियुक्ति कांग्रेस शासन में हुई थी, इस कारण प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही इनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई। 14 जुलाई के आदेश के विरुद्ध सदस्य दीपक मित्तल ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। उनके अभिभाषक यशवंत अग्निहोत्री व धर्मेंद्र चेलावत ने बताया याचिका में कहा है कि मंदिर प्रबंध समिति में महाकालेश्वर अधिनियम के तहत राज्य सरकार सदस्य नियुक्त करती है। धारा 6 में नियुक्ति के प्रावधान हैं और धारा 7 में सदस्यों का कार्यकाल 3 साल अंकित है। अिग्नहोत्री ने बताया अधिनियम के अनुसार नियुक्त सदस्यों को अधिनियम में दर्ज कारणों के बिना पद से 3 साल के पहले नहीं हटाया जा सकता। उच्च न्यायालय ने 14 जुलाई को जारी आदेश पर अंतरिम रोक लगाते हुए राज्य सरकार से 4 सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। समिति में तीन अशासकीय सदस्यों की नियुक्ति राजनीतिक आधार पर होती है। जिस दल की सरकार होती है, उनके समर्थक सदस्य बनाए जाते हैं। इसलिए सरकार बदलते ही सदस्यों पर भी संकट आता है।



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