किसान विरोधी अध्यादेश वापस नहीं लिया तो सितंबर में होगा आंदोलन

क्रांतिकारी किसान मजदूर संगठन जिला होशंगाबाद इकाई ने बुधवार की दोपहर इटारसी में बैठक की। बैठक 4 घंटे चली। चार मुद्दों को लेकर संगठन ने किसानों से चर्चा की। बैठक में 400 किसानों में भाग लिया। संगठन ने केंद्र सरकार के तीन अध्यादेशों को किसान विरोधी बताया। इसके खिलाफ सितंबर में आंदोलन करने की रणनीति तैयार की। यदि ये अध्यादेश वापस नहीं लिया गया तो उग्र आंदोलन होगा जिसकी संपूर्ण जवाबदारी शासन-प्रशासन की रहेगी। दूसरा मुद्दा मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार के समय किसानों का दो लाख रुपए तक का कर्ज माफ करने को लेकर रहा। अल्प समय में रहते हुए सरकार गिर गई। अब संपूर्ण जवाबदारी वर्तमान सरकार की है।

वह किसानों का कर्ज माफ करें। बैठक में यह प्रस्ताव भी आया कि आईसीआईसीआई बैंक की तीखड़ ब्रांच में किसानों के खातों से गबन हुआ। यह रुपया वापस खातों में आए। चौथा मुद्दा यह था कि रेलवे ने जिन किसानों की भूमि अधिग्रहण की, उन किसानों के परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी दिलाई जाए।

प्रमुख रुप से राष्ट्रीय अध्यक्ष लीलाधर सिंह राजपूत, प्रदेश संगठन मंत्री बृजमोहन पटेल, प्रदेश प्रवक्ता संतोष नागर, प्राकृतिक प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष मानसिंह गुर्जर, जिला अध्यक्ष हरपालसिंह सोलंकी, तहसील अध्यक्ष बृजेश चौबे, जिला उपाध्यक्ष मनोज पटेल, प्रमोद पटेल, जिला प्रवक्ता प्रमोद यदुवंशी, मालवा ब्लॉक अध्यक्ष संतोष पटेल, केसला ब्लाक अध्यक्ष गौरव मालवीय, देवेंद्र पटेल, प्रदीप पटेल, सतीश यादव, वीरेंद्र यादव, मुकेश प्रजापति, रामकृष्ण व अन्य सदस्य एकत्रित हुए।



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इटारसी। क्रांतिकारी किसान मजदूर संगठन की हुई बैठक।


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