प्रताड़ना से तंग रेलवे ठेकेदार ने सैनिटाइजर पीकर आत्महत्या की
रेलवे के ठेकेदार ऋषिनगर निवासी प्रमोद शुक्ला ने दो दिन पहले आत्महत्या करने के लिए सेनिटाइजर पी लिया था। बुधवार देर रात को इलाज दौरान उनकी मृत्यु हो गई। इसके पहले उसने पुलिस अधीक्षक माधवनगर के नाम दिए शिकायती आवेदन में रेलवे अधिकारी यतींद्र कुमार द्विवेदी, उनके फरार पुत्र अर्पित द्विवेदी व देवास जिले के कन्नौद निवासी उनके समधी राजेंद्र शर्मा पर मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए थे। समय रहते पुलिस कदम उठाती तो ठेकेदार की जान बच सकती थी। मृतक प्रमोद ने 31 जुलाई को पुलिस अधीक्षक के नाम दिए लिखित शिकायती आवेदन में लिखा था कि अर्पित कुमार द्विवेदी ने मेरे कार्य स्थल (उज्जैन-फतेहाबाद गेज कन्वर्जन कार्य) से तराफें, पाइप व अन्य सामग्री उठवा ली है, जिसकी कीमत सात लाख रुपए है। इसके बाद से वह कईं लोगों से मेरे नाम पर रुपए उधार लेकर अपने निवास अणु परिसर से 5 नवंबर 19 से अपनी पत्नी अंकिता के साथ फरार है। मैंने जब उसके पिता यतींद्र द्विवेदी को कहा तो उन्होंने भरोसा दिलाया था कि पुलिस कार्रवाई मत करना, मैं तुम्हें तुम्हारा सामान व राशि दिलवा दूंगा। बाद में मैंने अपने स्तर पर अर्पित की जानकारी निकाली तो पता चला कि वह उसके साले राघव शर्मा के साथ गुड़गांव दिल्ली में है। तब राघव शर्मा को मैंने मैसेज कर पूरे घटनाक्रम व अपनी परेशानी की जानकारी दी। कुछ देर बाद राघव शर्मा के पिता व अर्पित के ससुर राजेंद्र प्रसाद शर्मा (जन शिक्षक कन्नौद, देवास) ने मुझे फोन कर देख लेने की धौंस दी। इन सब से मेरी मानसिक व आर्थिक स्थिति बिगड़ी हुई हैं। बाजार से उधारी लेकर कार्य कर रहा हूं। लोग कर्ज वापसी के लिए दबाव बनाने लगे हैं। 30 जुलाई को मेरी गाड़ी का एक्सीडेंट भी हो गया। मेरे साथ भविष्य में होने वाली किसी भी अप्रिय घटना के लिए सारी जिम्मेदारी अर्पित द्विवेदी, उसके पिता यतींद्र द्विवेदी उसके ससुर राजेंद्र प्रसाद शर्मा की होगी। मेरी जानकारी अनुसार अर्पित द्विवेदी ने कई लोगों को मेरी साइड पर घूमाकर झूठ बोलकर काम दिलाने के बहाने से करीब 50 लाख रुपए की धोखाधड़ी की हैं। मेरी तरह अन्य लोगों ने भी पुलिस को शिकायत की लेकिन कार्रवाई नहीं होने से द्विवेदी परिवार निश्चिंत होकर सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। यहीं नहीं उनके परिवार वाले अर्पित व उसकी पत्नी अंकिता द्विवेदी की गुमशुदगी नीलगंगा थाने में लिखा कर पुलिस को गुमराह करने का भी अपराध कर रहे हैं। मेरा आग्रह है कि कार्रवाई करते हुए सभी को गिरफ्तार किया जाए। इन पर धोखाधड़ी व चोरी का प्रकरण दर्ज किया जाए। शिकायती पत्र में प्रमोद ने अर्पित, यतींद्र द्विवेदी और राघव तथा राजेंद्र प्रसाद शर्मा के मोबाइल नंबर भी लिखे थे।
शर्मा ने परिवार को उठाने की धौंस दी, मैं जीना नहीं चाहता
आत्महत्या के प्रयास के बाद बदहवास स्थिति में प्रमोद शुक्ला ने मीडिया में कहा था कि अर्पित दूर के रिश्ते में उनका भांजा लगता है। वे बाजार से उधार लेकर उसे करीब 14 लाख रुपए दे चुके हैं। उसके ससुर राजेंद्र प्रसाद शर्मा ने 29 नवंबर को फोन कर मुझे धौंस दी कि मुझे, मेरे बच्चे, मेरी पत्नी और घर वाले सभी को उठा लेंगे। उनकी धमकी के बाद से मेरी हालत ज्यादा खराब रहने लगी। मैने सेनिटाइजर पी लिया हैं, मैं जीना नहीं चाहता।
जिन लोगों का जिक्र किया उन तक पहुंच रही पुलिस
एडिशनल एसपी अमरेंद्र सिंह चौहान ने बताया मामले की जांच चल रही है। प्रमोद ने शिकायती आवेदन में जिन लोगों के नामों का उल्लेख किया था। उन तक पुलिस पहुंच रही है।
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