153 लोगों की आपत्ति पर नहीं तोड़े जा सकते 3000 मकान; निरस्त सड़क को फिर से जोड़ने के खिलाफ एकजुट हुए रहवासी

अवधपुरी तिराहे से खजूरीकलां जाने वाली मौजूदा मास्टर प्लान में प्रस्तावित सड़क को नए प्लान में भी बरकरार रखने के निर्णय पर संयुक्त नगर विकास परिषद ने ऐतराज जताया है। परिषद के अध्यक्ष केपी द्विवेदी ने गुरुवार को विधायक कृष्णा गौर से मुलाकात कर सड़क को निरस्त करने की मांग की। द्विवेदी और उनके साथ विधायक से मिलने गए प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि 153 लोगों की आपत्ति पर 3000 घरों को नहीं तोड़ा जा सकता।
प्रतिनिधिमंडल से विधायक कृष्णा गौर ने कहा कि 153 लोगों की संयुक्त आपत्ति के आधार पर निर्णय लिया गया है। इस पर द्विवेदी ने कहा कि हम 3000 लोगों की मांग पर सड़क निरस्त हुई है। इसके लिए हमने लंबा संघर्ष किया है। हमारी मांग पर ही मास्टर प्लान-2031 के ड्राफ्ट में इस सड़क को निरस्त किया गया था। ड्राफ्ट पर सुनवाई के पहले ही दिन इस सड़क का मुद्दा उठा था।
क्रिस्टल आइडियल सिटी और रीगल मोहिनी होम्स सहित आसपास की कुछ अन्य कॉलोनियों के 153 लोगों ने सड़क को बरकरार रखने की मांग की। इस दौरान विधायक गौर ने भी उनकी मांग का समर्थन करते हुए कहा था कि यह सड़क इस क्षेत्र की लाइफ लाइन है। इस पर समिति के सचिव ज्वाइंट डायरेक्टर संजय मिश्रा ने सड़क बरकरार रखने की बात कही थी।
आज फिर हाेगी चर्चा... 1995 के प्लान में भी नहीं थी सड़क
सड़क बरकरार रखने के इस निर्णय से उषा नगर, कुंदन नगर, श्रीराम कॉलोनी, राजौरा फार्म हाउस, निर्मल नगर, गोपाल नगर, शिवलोक फेज-2, अम्मा कुटीर, टैगोर नगर फेज-3 आदि के रहवासी चिंतित हैं। द्विवेदी ने कहा कि सड़क को बरकरार रखने का निर्णय करने से पहले हमारी बात भी सुनी जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 1995 के प्लान में भी सड़क खजूरीकलां तक प्रस्तावित नहीं थी, बल्कि इसे अयोध्या बायपास पर समाप्त होना था। यह सड़क डीआरएम कार्यालय से आ रही है। यहां से साकेत नगर-प्रगति नगर होते हुए महात्मा गांधी स्कूल तक सड़क बनी हुई है। प्रतिनिधिमंडल को विधायक गौर ने शुक्रवार को फिर चर्चा के लिए बुलाया है।
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