आज से मंडी में व्यापारी और कर्मचारी हड़ताल पर, टैक्स माफी व किराया बढ़ाने की मांग पर अड़े बस संचालक

मंडी टैक्स की विसंगतियाें काे लेकर व्यापारी व कर्मचारी गुरुवार से हड़ताल करेंगे। व्यापारी टैक्स 1.70 रु. से 50 पैसे करने की मांग कर रहे हैं। वहीं बाहर खरीदी हाेने का मंडी के अधिकारी-कर्मचारी विराेध कर रहे हैं। इधर, बस ऑपरेटर्स छह महीने का टैक्स माफ करने और यात्री किराया प्रति किलोमीटर 1 रु. से बढ़ाकर 1.50 रु. किया करने की मांग पर अड़ गए हैं। टैक्स कम हाेने पर ही वे बसों का संचालन शुरू करेंगे।
कृषि उपज मंडी प्रभारी नारायण दशोरे ने बताया सभी अधिकारी-कर्मचारी गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं। नए एक्ट के पहले मंडी समिति को व्यापारी द्वारा खरीदी करने पर 1.70 रु. प्रति सैकड़ा याने एक क्विंटल पर 70 रु. सोयाबीन, गेहूं पर 28 रु, मक्का पर 20 रु. प्रति सैकड़ा की आवक हो रही थी। जो कि नया एक्ट आने से कम हो गई। कृषि उपज मंडी व थोक सब्जी मंडी से मंडी समिति को हर साल 13 करोड़ रु. की आय होती है। इसी में से प्रतिमाह 25 लाख वेतन 70 कर्मचारियों को बांटा जाता है। पहले इस सीजन में प्रतिमाह 4 लाख रु. रोज की आय थी जो अब घटकर 70 से 80 हजार रु. रह गई है। यही हाल रहे तो वेतन के लाले पड़ जाएंगे। इधर, व्यापारी संघ उपाध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि शासन मंडी टैक्स प्रति सैकड़ा 50 पैसे कर दे तो हम मंडी में ही खरीदी करेंगे। इस संबंध में एक प्रतिनिधि मंडल मंडी बाेर्ड से भी मिला। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। विरोध में व्यापारी 3 से 5 सितंबर तक हड़ताल पर रहेंगे। वहीं बस संचालक इंद्रजीत राजपाल ने बताया 22 मार्च से जिले में 230 बसों का संचालन बंद है। उस दौरान शासन ने बसों के संचालन पर 188 की कार्रवाई, परमिट निरस्त करने के आदेश दिए थे। लॉकडाउन में बसें नहीं चलीं, यात्रियों का एक टिकट भी नहीं काटा तो टैक्स किस बात का।
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