शिक्षा दिवस : गुरुओ ने सम्मान की जगह मांगा हक
शिक्षक दिवस पर एक तरफ शिक्षकों का सम्मान हो रहा था, वहीं दूसरी ओर शिक्षक सम्मान की जगह सरकार से हक मांग रहे थे। वहीं उच्च माध्यमिक शिक्षक परीक्षा में चयनित उम्मीदवारों ने शिक्षक भर्ती पूर्ण करने या इच्छा मृत्यु देने की मांग की।
अतिथि शिक्षक संघ ने नियमितीकरण करने के लिए हल्ला बोला, जबकि आजाद अध्यापक संघ के शिक्षकों ने पुरानी पेंशन बहाली करने की मांग की। काेराेना संक्रमण के बाद पहली बार शिक्षक दिवस पर भारी बदलाव देखने काे मिला। कोरोना महामारी के कारण शिक्षक भर्ती प्रक्रिया रोक दी है। इससे चयनित उम्मीदवारों में रोष है। उम्मीदवारों ने 14 अगस्त को राज्यपाल को इच्छा मृत्यु या नियुक्ति देने की मांग की थी।
इसके बाद भी भर्ती शुरू नहीं की ताे शनिवार को चयनित उम्मीदवारों ने सीएम के नाम ज्ञापन देकर 2018 शिक्षक भर्ती को पूर्ण करने की मांग की। चयनित उम्मीदवार वासुलाल उइके ने बताया मांगे पूरी नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा।
हड़ताल, आंदोलन से भी नहीं निकला हल : इधर संयुक्त अतिथि शिक्षक संघ ने अतिथि शिक्षकों की नियमितिकरण की मांग को लेकर शनिवार काे मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। संघ के जिला अध्यक्ष केसी पंवार व चिंताराम हारोड़े ने बताया कि अतिथि शिक्षक 13 वर्षों से अल्पवेतन पर शासकीय शालाओं में अध्यापन कार्य कर रहे हैं। इसके बाद भी उन्हें नियमित नहीं किया गया। उन्होंने नियमित करने की आवाज उठाई।
इस दौरान अजाबराव पाटिल, दुर्गेश मनोटे, माधोसिया मन्नासे, खेमराज झरबड़े, आनंद भौंडे, राजेश ठाकरे मौजूद थे।
पुरानी पेंशन करो लागू : शिक्षक दिवस पर आजाद अध्यापक शिक्षक संघ ने पुरानी पेंशन लागू करने, अनुकंपा नियुक्ति के नियमों का सरलीकरण कर अनुकंपा नियुक्ति देने सहित 12 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम डिप्टी कलेक्टर अनिल सोनी को सौंपा। संघ के जिलाध्यक्ष विनय सिंह राठौड़ के नेतृत्व में ज्ञापन दिया।
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