कोरोना संक्रमित महिला का बेटे व दामाद ने किया अंतिम संस्कार

गुरुवार रात शहर के मंडी टोला क्षेत्र निवासी मुन्नी बाई पति सीताराम शर्मा 55 वर्ष की मौत कोरोना संक्रमण से हो गई। पिपरिया में अब तक कोरोना से चार मौत हो चुकी हैं। गुरुवार को ही संक्रमित पाए गए डॉक्टर दंपति की हालत भी चिंताजनक बताई जा रही है उनका भोपाल में इलाज चल रहा है। बीएमओ डॉ. एके अग्रवाल ने बताया कि मुन्नीबाई को सांस लेने में परेशानी के कारण गुरुवार रात लाया गया था। उनका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया। इलाज शुरू करने के साथ ही बाहर भेजा जा रहा था तभी उनकी मौत हो गई। शुक्रवार सुबह अस्पताल से उनका शव सीधे शांतिवन श्मशान घाट लाया गया। पीपीई किट पहनकर उनके बेटे और दामाद ने अंतिम संस्कार किया। महिला के बेटे-बहू को क्वारेंटाइन किया गया है।
डाॅक्टर दंपती की हालत चिंताजनक
बीएमओ डॉ. अग्रवाल ने बताया कि गुरुवार को शासकीय अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर दंपती डॉ. एससी साहू व डाॅ. अनीता साहू के पॉजिटिव होने पर चिरायु अस्पताल भोपाल भेजा गया था। डॉ. साहू के फेफड़ों में निमोनिया का संक्रमण होने से उनकी हालत गंभीर थी। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि डॉ. अनीता साहू में भी निमोनिया संक्रमण के लक्षण पाए गए हैं। फिलहाल डॉक्टर दंपती की हालत चिंताजनक है। उन्हें ऑक्सीजन दी जा रही है।
अस्पताल का स्टाफ सुरक्षा को लेकर चिंतित
मुन्नीबाई की मौत के बाद अस्पताल में चिंता का माहौल देखा जा रहा है। अस्पताल स्टाफ का कहना है कोरोना के संदिग्ध मरीजों को सामान्य मरीजों के साथ जनरल वार्ड में रखा जा रहा है। मुन्नीबाई को पहले जनरल वार्ड में रखा गया जो कि बाद में कोरोना संक्रमित पाई गई और उनकी मौत भी हुई। अस्पताल स्टाफ ने कहा सुरक्षा के नाम पर अस्पताल में केवल मास्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था है। बिना किट के कोरोना मरीजों के पास जाना स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है। सरकारी अस्पताल में कोरोना के संदिग्ध मरीजों को जांच रिपोर्ट आने तक अलग वार्ड में रखे जाने की व्यवस्था की जाना चाहिए।
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