गबन मामले में शाखा प्रबंधक को एक साल की जेल

जावर क्षेत्र के मांडला की सेवा सहकारी समिति प्रबंधक शशिकांत पिता बैद्यनाथ मेहता (54) निवासी रामनगर को समिति के उपभोक्ता रजिस्टर में शकर एवं गेहूं की राशि का फर्जी इंद्राज भरने के मामले में 27 साल बाद अदालत ने दोषी पाते हुए एक साल जेल की सजा दंडित किया है।
प्रकरण में शासन की तरफ से पैरवी कर रहे अभियोजन अधिकारी हरिप्रसाद बांके ने बताया कि आरोपी शशिकांत ने 25 अगस्त 92 से 16 मार्च 93 तक मांडला समिति के 11 किसानों के 13262 रुपए एवं उपभोक्ता रजिस्टर के अनुसार जांच करने पर गोदाम में शकर, गेहूं, चावल, घासलेट, तेल, चाय पत्ती, बारदान व अन्य सामग्री कुल 4562 रुपए 62 पैसे की सामग्री कम पाई गई। उपभोक्ता स्टाक रजिस्टर में शकर एवं गेहूं की राशि 2933 रुपए 35 पैसे का फर्जी इंद्राज किया गया। उपभोक्ता सामग्री बिक्री कर राशि 7913 रुपए 15 पैसे की राशि जमा नहीं की गई। साथ ही रजिस्टर के मुताबिक जांच के दौरान गोदाम में 10642 रुपए का खाद कम पाया गया। आरोपी द्वारा नकदी वसूली स्टाक रजिस्टर में फर्जी इंद्राज कर उपभोक्ता सामग्री बिक्री कर समिति की संपत्ति में से 35575 रुपए 45 पैसे का गबन किए जाने पर जावर थाना पुलिस ने फरियादी इंदरसिंह शाखा प्रबंधक जिला सहायक केंद्रीय बैंक मर्यादित शाखा जावर की शिकायत पर आरोपी शशिकांत मेहता के खिलाफ अपराध क्रमांक 45/1993 धारा 420, 409 भादंवि के तहत
केस दर्ज किया। एडीपीओ जाहिद खान ने बताया ने बताया कि आरोपी को न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी द्वारा सजा से दंडित किया गया।



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