बीमारी इतनी भी गंभीर नहीं कि जेल में उपचार न हो सके, मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर आरोपी की अस्थायी जमानत अर्जी खारिज

मप्र हाईकोर्ट ने नारकोटिक्स मामले में गिरफ्तार एक आरोपी को अस्थायी जमानत देने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि बीमारी इतनी गंभीर नहीं जिसका इलाज जेल में ही नहीं हो सकता। जेल प्रशासन की ओर से पेश की गई मेडिकल रिपोर्ट को आधार मानते हुए जस्टिस राजीव कुमार दुबे की एकलपीठ ने आरोपी की ओर से दायर अर्जी खारिज कर दी। आबकारी मामले में आरोपी प्रमोद कुमार तिवारी की ओर से दायर की गई अर्जी में कहा गया है कि उसे रीवा पुलिस ने 2 अगस्त 2018 को गिरफ्तार किया था। वह केन्द्रीय जेल रीवा में निरुद्ध है और डायबिटीज तथा सूजन की बीमारी से पीड़ित है। आवेदन में राहत चाही गयी थी कि उसे उपचार के लिए तीन माह की अस्थायी जमानत प्रदान की जाये। सुनवाई के दौरान जेल प्रशासन की ओर से रिपोर्ट पेश की गई जिसमें कहा गया कि आरोपी को ऐसी कोई विशेष गंभीर बीमारी नहीं है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि इससे पूर्व भी आरोपी के पाँच जमानत आवेदन निरस्त हो चुके हैं। एकलपीठ ने मेडिकल रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद दायर अर्जी खारिज कर दी।

सिविल जजों के 252 पदों के लिए आवेदन की तारीख घोषित
मप्र हाई कोर्ट ने सिविल जज वर्ग 2 के 252 पदों पर सीधी भर्ती के लिए (प्रवेश स्तर) परीक्षा के विज्ञापन जारी कर उम्मीदवारों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए हैं। आवेदन 22 सितम्बर से 5 नवम्बर तक किए जा सकेंगे। 10 से 12 नवम्बर तक का समय आवेदनों में त्रुटि सुधार के लिए दिया जाएगा, परीक्षा तीन चरणों में होगी। ऑनलाइन प्रारम्भिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा व साक्षात्कार। विस्तृत जानकारी मप्र हार्इकोर्ट की अधिकृत वेबसाइट पर देखी जा सकती है।
एपीओ के तबादले पर इंदौर हाई कोर्ट की रोक
इंदौर हाई कोर्ट के जस्टिस पीके श्रीवास्तव ने इंदौर में पदस्थ अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी (एपीओ) के देवास तबादले पर रोक लगा दी है। एपीओ राजेन्द्र गंगेले की ओर से दायर याचिका में 20 अगस्त को इंदौर से देवास किए गए तबादला आदेश को चुनौती दी गई थी। आवेदक की ओर से अधिवक्ता सत्येन्द्र ज्योतिषी व विकास मिश्रा ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से पक्ष रखते हुए न्यायालय को बताया कि स्थानांतरण पॉलिसी के तहत संविदा अधिकारी का स्थानांतरण एक जिले से दूसरे जिला नहीं किया जा सकता। सुनवाई पश्चात न्यायालय ने स्थानांतरण आदेश पर रोक लगा दी।पी-3



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The illness is not so serious that the jail cannot get treatment, based on the medical report, the temporary bail application of the accused is dismissed


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