कमीशन दो तो पुराने वाहन का भौतिक सत्यापन जरूरी नहीं, कुछ कमी तो भी सब कुछ होगा ओके

पुराने वाहनों को बेचने के बाद उनका भौतिक सत्यापन कराना जरूरी हाेता है। इसके लिए निर्धारित प्रक्रिया यह है कि बेचने और खरीदने वाले दोनों को वाहन सहित आरटीओ ऑफिस में मौजूद रहना चाहिए, पर कमीशन के फेर में नियम ताक पर हैं और मनमर्जी से पुराने वाहन नियमों को दर किनार कर बेचे जा रहे हैं। कमीशन के चक्कर में आरटीओ में सब नियम ताक पर हैं। जो भी कमीशन दे रहे हैं उन पर इन नियमों का कोई असर नहीं है लेकिन जो कमीशन नहीं दे पा रहे उनको वाहन सत्यापन कराना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। खासकर जब वाहन मालिक या खरीददार बुजुर्ग, विकलांग हो तो यह परेशानी और बढ़ जाती है। ऐसे असहाय लोगों के साथ कोई मुलामियत नहीं बरती जा रही है।

अलग-अलग वाहनों के रेट तय
पुराने वाहनों के ट्रांसफर कराने के लिए अलग-अलग वाहनों के रेट पहले से तय होते हैं। खरीददार को चिन्हित एजेंट से मिलते समय रेट बता दिए जाते हैं। राशि एडवांस में मिलने के बाद कागजी कार्यवाही पूरी कर ली जाती है। जानकारी के अनुसार टू व्हीलर के लिए 2 हजार रुपए कमीशन के अतिरिक्त फीस, टैक्स, वाहन के इंश्योरेंस सहित लिया जाता है। इसी तरह फोर व्हीलर के लिए 4 हजार रुपए कमीशन सहित फीस, टैक्स, इंश्योरेंस सहित लिया जाता है। हल्का कामर्शियल वाहन 8 हजार रुपए कमीशन, फीस, टैक्स, इंश्योरेंस सहित, इसी तरह ट्रक के लिए 10 हजार रुपए कमीशन लिया जाता है।

पूरे समय सक्रिय एजेंट
पुराने वाहन को ट्रांसफर कराने के लिए कागज आरटीओ ऑफिस में पहुंचते हैं तो वहाँ पर एजेंट सक्रिय हो जाते हैं। फाइल में हस्ताक्षर होने के पहले वाहन खरीददार को चिन्हित एजेंट से मिलने के लिए कह दिया जाता है। यदि वाहन खरीददार एजेेंट से मिल लेता है तो उसे इसके लिए रास्ता बता दिया जाता है। बिना भौतिक सत्यापन किए ही वाहन ट्रांसफर हो जाता है और बेचने वाले को आरटीओ ऑफिस में उपस्थित होने की जरूरत भी नहीं पड़ती है।

सीजिंग वाहनों में लेते हैं मोटी रकम
फायनेंस कंपनियों द्वारा जब किस्त वाहनों को सीज किया जाता है और उन्हें दोबारा बेचा जाता है तो वाहन ट्रांसफर कराने के लिए मोटी रकम ली जाती है। इसके लिए फायनेंस कंपनियों से कमीशन के लिए मोलभाव तक किया जाता है।

सैकड़ों वाहन रोज होते हैं ट्रांसफर
जानकारी के अनुसार रोज करीब 80 से 90 टू व्हीलर, 40 से 50 फोर व्हीलर एवं 15 से 20 ट्रकों को ट्रांसफर कराने के लिए आवेदन दिए जाते हैं।

वाहन का अंतरण दर्ज करते समय पंजीयन अधिकारी का यह स्व विवेक है कि वह ऐसी विधि जो कि वह ठीक समझे तथा संतुष्ट होकर वाहन का पंजीयन दर्ज कर सकेगा।
संतोष पॉल, आरटीओ



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Commission, physical verification of the old vehicle is not necessary, everything will be okay even if there is a shortage


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