लॉकडाउन में स्वास्थ्यवर्धक, अब सिर्फ ठीकठाक, पिछले साल खराब थी हवा इसलिए धारा 144 लागू

कोरोना काल में कई शहरों में प्रदूषण कम होने से शहर की हवा की शुद्धता में बढ़ोतरी हुई थी। लेकिन अब प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है। पिछले एक सप्ताह में प्रदूषण मीटर 30 तक बढ़ा है। हवा की गुणवत्ता गुड कैटेगरी (स्वास्थ्यवर्धक) से मॉडरेट पॉल्यूटेड (मध्यम) स्तर की हो गई है। यानी शहर की हवा स्वास्थ्यवर्धक तो नहीं, सिर्फ ठीकठाक कह सकते हैं। शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स इस माह सुबह 10 बजे बाद से रात 8 बजे बाद तक 90-100 के पार पहुंच रहा है। पिछले साल नवंबर में 145 एक्यूआई पहुंचने से कलेक्टर ने प्रदूषण बढ़ने की आशंका में धारा 144 प्रभावशील कर दी। अब रात में 8 बजे से 10 बजे तक ग्रीन पटाखे ही फोड़ पाएंगे।
इससाल अक्टूबर के तीसरे हफ्ते से बारिश खत्म होने के साथ मौसम में बदलाव दिखा। अभी मौसम में नमी कम हो गई है। हवा का रुख दक्षिण-पश्चिमी से बदलकर उत्तर-पश्चिमी होने से तापमान में गिरावट हुई। सूक्ष्म धूल कण मध्यम ऊंचाई पर तैर रहे हैं। तेज धूप सबसे ज्यादा ऊंचाई पर होते हैं। नपा टैंकरों से पानी का छिड़काव कर धूल के गुबार रोकने के प्रबंध कर रही है। लेकिन सुबह छिड़काव के बाद दोपहर बाद धूल उड़ने लगती है।
लॉकडाउन में हेल्दी, अब है ठीकठाक
माह एक्यूआई
अप्रैल 46
मई 62
जून 60
जुलाई 64
अगस्त 68
सितंबर 70
अक्टूबर 89
नवंबर 100*लगभग
मप्र प्रदूषण बोर्ड की वेबसाइट
बड़ा कारण : जल आवर्धन व सीवरेज का सुस्त काम
शहरी क्षेत्र में जल आवर्धन व सीवरेज का काम सुस्त गति से चल रहा है। धूल के गुबार उठ रहे हैं। रात 8 बजे बाद धीरे-धीरे ट्रेफिक थमता है। नवग्रह तिराहा से खंडवा रोड तक, बिस्टान रोड क्षेत्र व बस स्टैंड क्षेत्र की पॉश कॉलोनियों के आंतरिक मार्गों से लगातार ट्रेफिक गुजरने से धूल उड़ती रहती है।
उपाय... खुदाई के बाद तुरंत हो मरम्मत
निर्माण कार्यों की खुदाई एकसाथ न हो। मरम्मत साथ में हो। वाहनों के धुएं की नियमित जांच। रोड स्वीपर मशीन से सड़कों की प्रतिदिन सफाई। फैक्टरियों से फैलने वाले धुएं की नियमित जांच।
दिवाली पर हवा का खराब स्तर होने की आशंका
जिस तरह शहर में हवा का प्रदूषण है अगर अगले दो दिनों में नहीं संभला तो दीपावली के बाद और ज्यादा प्रदूषण होगा। हरसाल की तरह इस साल रात में 8 से 10 बजे तक पटाखे चलाने का समय है। यदि ग्रीन पटाखे नहीं चलाए जाते हैं तो प्रदूषण स्तर मध्यम से खराब स्तर तक पहुंच जाएगा।
एक्यूआई के 6 स्तर को ऐसे समझें
0-50 अच्छा, 51-100 संतोषजनक, 101-200 मध्यम, 201-300 खराब, 301-400 बहुत खराब व एक्यूआई का 401-400 स्तर खतरनाक माना है। एक्यूआई बढ़ता है तो लोगों में सांस संबंधी बीमारियां बढ़ने लगती हैं। फेफड़ों, आंखों व त्वचा की एलर्जी की समस्या होने लगती है।
पिछले साल एक्यूआई 145 पर था
मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की नवंबर 2019 की वायु गुणवत्ता रिपोर्ट के अनुसार खरगोन का एयर क्वालिटी इंडेक्स 145 पर था, जो मध्यम श्रेणी दर्शाता है। आगामी कुछ दिनों में ठंड प्रारंभ होने के कारण एवं त्यौहारों के दौरान बहुत अधिक संख्या में पटाखों के उपयोग से परिवेशीय वायु गुणवत्ता और अधिक खराब होने की आशंका है। गृह विभाग के आदेश व नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली में प्रचलित वायु गुणवत्ता के प्रकरण को देखते हुए कलेक्टर अनुग्रह पी ने नगर पालिका क्षेत्र खरगोन के लिए धारा-144 लागू की है। धारा-144 के अंतर्गत जन सामान्य के स्वास्थ्य के हित को बनाएं रखने के लिए खरगोन शहर में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए गए है। इसके तहत खरगोन नपा क्षेत्र में सिर्फ ग्रीन क्रेकर्स के प्रस्फोटन की अनुमति रहेगी। अन्य समस्त प्रकार के पटाखों का विक्रय एवं उपयोग प्रतिबंधित रहेगा। ग्रीन पटाखे रात 8 बजे से 10 बजे तक फोड़े जाएंगे। बाकी अवधि में सभी प्रकार के पटाखों पर प्रतिबंध रहेगा। यह आदेश 11 नवंबर से 1 जनवरी 2021 तक प्रभावशील होगा। उल्लंघन पर धारा-188 में कार्रवाई होगी।
जल्द खरगोन से होने लगेगी मॉनीटरिंग
शहरी क्षेत्र में एक करोड़ की लागत से वायु निगरानी केंद्र बनेगा। यह जल संसाधन विभाग की छत पर स्थापित होगा। यहां से रोजाना शहर में बह रही हवा का अनुसंधान किया जाएगा। स्थानीय स्तर पर ही धूल के कण व प्रदूषण की स्थिति का पता चल जाएगा। अभी इंदौर से निगरानी टीम साप्ताहिक रिपोर्ट तैयार कर रही है। केंद्र बनने के बाद दिन में तीन बार शहर की हवा की रिपोर्ट दर्ज होगी।
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