मेथेनॉल और पानी से बनाई हाइड्रोजन, कार्बन उत्सर्जन में 70% कमी आएगी

आईआईटी इंदौर ने ऊर्जा के स्रोत के रूप में उपयोग की जाने वाली हाइड्रोजन गैस के उत्पादन के लिए नई प्रक्रिया की खोज की है। मेथेनॉल और पानी के मिश्रण से हाइड्रोजन हासिल करने की ये विधि सस्ती है। आईआईटी में केमेस्ट्री विभाग के छात्र महेंद्र कुमार अवस्थी और रोहित कुमार राय ने विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. संजय कुमार सिंह के मार्गदर्शन में यह रिसर्च की है।

संस्थान ने इस रिसर्च के लिए पेटेंट भी फाइल किया है। रिसर्च इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि भविष्य में ईंधन के रूप में हाइड्रोजन उपयोग करने वाले वाहनों को प्रचुर मात्रा में स्वच्छ हाइड्रोजन मिल सकेगी। इससे वाहन प्रदूषण को बड़े पैमाने पर कम करने में सहायता मिलेगी। दिल्ली जैसे शहरों में हाइड्रोजन मिश्रित सीएनजी गैस यानी एचसीएनजी से बसें चलाई जा रही हैं। सिर्फ हाइड्रोजन मिलाने की वजह से ही इन वाहनों से कार्बन उत्सर्जन में 70 फीसदी की कमी आई है।

फायदा यह: हाइड्रोजन बनाने के दौरान भी कार्बन डाईऑक्साइड नहीं निकलती

डॉ. संजय कुमार सिंह ने बताया, परंपरागत तरीके में बायोमास और जीवाश्मों के जरिए हाइड्रोजन गैस हासिल की जाती है। इस प्रक्रिया में कार्बन डाईऑक्साइड ज्यादा निकलती है। इसके विपरीत मेथेनॉल और पानी के मिश्रण से हाइड्रोजन बनाना आसान है। मेथेनॉल आसानी से उपलब्ध भी है। इसमें परथेनियम को उत्प्रेरक के रूप में उपयोग किया जाता है।

इस प्रक्रिया की मदद से हमने विशुद्ध हाइड्रोजन हासिल की है। इससे हाइड्रोजन गैस के शुद्धिकरण पर होने वाला खर्च भी कम होगा। यह प्रक्रिया कम तापमान पर हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करती है जो इसे और भी सस्ता बनाता है। सबसे खास बात ये है कि इस प्रक्रिया से हाइड्रोजन बनाने के दौरान कार्बन डाईऑक्साइड नहीं निकलता। इससे पर्यावरण प्रदूषण नहीं होता है।

आईआईटी इंदौर द्वारा की गई यह रिसर्च हाल ही में रॉयल सोसायटी ऑफ केमेस्ट्री के रिसर्च जरनल केटेलिस्ट साइंस एंड टेक्नोलॉजी में प्रकाशित हुई है। डॉ. सिंह ने बताया, दिल्ली में गैस से चल रही बसों में अब सीएनजी की जगह एचसीएनजी उपयोग की जा रही है। इसमें 20 फीसदी हाइड्रोजन मिलाई जा रही है। इससे वाहनों से निकलने वाली कार्बन उत्सर्जन में 60 से 70 फीसदी की कमी आई।

अमेरिका भी स्वच्छ ऊर्जा के स्रोतों पर दे रहा जोर

अमेरिका का ऊर्जा विभाग स्वच्छ ऊर्जा हासिल करने के कई तरीकों पर जोर दे रहा है। इन्हीं में से एक हाइड्रोजन का स्वच्छ विधि के जरिए उत्पादन करना भी है। हाइड्रोजन का उपयोग कर अमेरिका जीवाश्मों के जरिए मिलने वाले ईंधन पर निर्भरता कम करना चाहता है इसलिए ऊर्जा के नए तरीकों पर अनुसंधान कर रहा है।



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हाइड्रोजन गैस के उत्पादन के लिए नई प्रक्रिया की खोज


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