वन्यजीवों के लिए बनाने होंगे अंडरपास, तब ही मिलेगी बरेठा घाट के 7.5 किमी में फोरलेन बनाने की अनुमति

बैतूल- इटारसी 72 किलोमीटर फोरलेन के प्रोजेक्ट में बरेठाघाट सेक्शन में संशोधन होने से इसकी लागत बढ़ जाएगी। यानी तय है कि अभी जल्द लोगों को फोरलेन सुविधा नहीं मिल पाएगी।
दरअसल वन विभाग और वाइल्ड लाइफ के सुझाव पर एनएचएआई ने बरेठा घाट के 7.5 किलोमीटर सेक्शन में संशोधन करते हुए तकनीकी स्वीकृति के लिए प्रपोजल दिल्ली भेजा है, इसके अनुसार नई लागत निकालने के लिए सर्वे भी शुरू कर दिया गया है। इससे तय है कि काम करने वाली लांगजियांग जितेंद्र सिंह एंड कंपनी काे डिजाइन बदलाने पर लागत बढ़ने से फायदा ही होगा। इधर वन विभाग ने भी 7.5 किलोमीटर की लंबाई में आने वाली लगभग 24 हेक्टेयर जमीन अब तक एनएचएआई काे हैंडओवर नहीं की है, जब तक नए संशोधित वाइल्ड लाइफ प्लान के अनुसार नक्शा जमा नहीं होता है तब तक वन विभाग एनओसी नहीं देगा और वन क्षेत्र का यह एरिया हैंडओवर नहीं करेगा। ऐसे में इस हिस्से में काम शुरू नहीं हो सकेगा।

दूसरी बार हुआ ठेका, फिर भी समय पर पूरा नहीं हुआ काम

पूर्व में ट्रांसटॉय कंपनी को बैतूल औबेदुल्लागंज तक 121 किलोमीटर फोरलेन बनाने का 950 करोड़ का ठेका दिया गया था। लेकिन समय पर काम नहीं करने के कारण ठेका निरस्त कर दिया गया। इसके बाद दो टुकड़ों में प्रोजेक्ट को बांटकर बैतूल से इटारसी और इटारसी से औबेदुल्लागंज का अलग-अलग ठेका दिया गया। इसके बावजूद भी जितेंद्र सिंह एंड कंपनी समय अवधि में काम पूरा नहीं कर पाई।
बढ़ जाएगी लागत : 600 मीटर लंबे और 5 मीटर ऊंचे अंडरपास बनने से प्रोजेक्ट की लागत बढ़ेगी। इस तरह बढ़ी हुई लागत के लिए वित्तीय स्वीकृति लेने में भी समय लग सकता है। वन विभाग के अधिकारी एनएचएआई की ओर से इस क्षेत्र में सड़क निर्माण का काम शुरू करने के लिए वाइल्ड लाइफ प्लान प्रस्तुत नहीं किए जाने के कारण काम शुरू करने की मंजूरी नहीं देने की बात कह रहे हैं। इस तरह काम रुका है।

बरेठा घाट सेक्शन में संशोधन का प्रपोजल हेडक्वार्टर दिल्ली भेजा है
^वन विभाग से जमीन हमें मिली नहीं है। लगभग 24 हेक्टेयर जमीन हमें नहीं मिली है। बरेठा घाट की साढ़े सात किलोमीटर सड़क में कुछ संशाेधन किए जा रहे हैं। 600 मीटर लंबाई में अंडरपास बनाए जाने हैं। इसके लिए संशोधन का प्रपोजल हेडक्वार्टर दिल्ली भेजा गया है। वहीं लागत कितनी बढ़ेगी इसके लिए सर्वे करवाया जा रहा है। हेडक्वार्टर से मंजूरी मिलने पर काम किया जाएगा ।
- एमएन पूरबिया, डिविजनल मैनेजर, एनएचएआई

ठेका कंपनी के अधिकारी बोले- एनएचएआई और वन विभाग के बीच चल रही है बात
एनएचएआई के ठेके पर काम कर रही जितेन्द्र सिंह एंड कंपनी के प्रोजेक्ट इंचार्ज प्रमोद कदम ने बताया कि इस विषय में एनएचएआई और वन विभाग के बीच फाइल चल रही है। इस बारे में हम ज्यादा कुछ नहीं कह सकते। हमारी ओर से अब तक लगभग 40 प्रतिशत काम पूरा किया जा चुका है। एनएचएआई के निर्देश के अनुसार ही आगे काम किया जाएगा। फिलहाल एक माह पहले प्रोजेक्ट बनाकर फाइल हमने दे दी है। एनएचएआई के डिविजनल मैनेजर एमएन पूरबिया के द्वारा मंगलवार को ही इसे स्वीकृत कर आगे भेज दिया गया है।

जंगल क्षेत्र में वन प्राणियों की सुरक्षा के लिए अंडरपास बनाना जरूरी है
^उत्तर वनमंडल के वन क्षेत्र से एनएचएआई की सड़क बननी है। इस सेक्शन में वन्य प्राणी सड़क क्रॉस करते हैं, उनकी सुरक्षा के लिहाज से यहां अंडरपास बनने जरूरी हैं। इसके लिए 600 मीटर एरिया में 5 मीटर ऊंचे अंडरपास बनाए जाने हैं। लेकिन इसका वाइल्ड लाइफ प्लान अब तक एनएचएआई की ओर से प्रस्तुत नहीं किया गया है । इस प्लान के प्रस्तुत किए बिना हम इस क्षेत्र में काम करने की अनुमति नहीं दे सकते हैं।
- पुनीत गोयल, डीएफओ उत्तर वनमंडल

लागत निकालने सर्वे शुरू, तकनीकी स्वीकृति का प्रपोजल दिल्ली भेजा
बैतूल से इटारसी तक 72 किलोमीटर फोरलेन बनना है। 600 करोड़ के इस प्रोजेक्ट पर नवंबर 2017 में काम शुरू हुआ था। फरवरी 2020 में प्रोजेक्ट की टाइम लिमिट निकल चुकी है, लेकिन अब तक बरेठा घाट के 7.5 किलाेमीटर के एरिया में सड़क बनाने अनुमति नहीं मिल पाई है। वन विभाग के ऑब्जेक्शन के बाद इस हिस्से में प्रोजेक्ट को संशोधित किया गया है। सड़क के नीचे वन्य प्राणियों के निकलने के लिए 5 मीटर ऊंचे अंडरपास अलग-अलग जगहों पर लगभग 600 मीटर लंबाई के अंडरपास बनाए जाने हैं, इसकी तकनीकी स्वीकृति का प्रपोजल दिल्ली भेजा गया है। इसी के साथ अब यह सर्वे करवाया जा रहा है कि इससे लागत कितनी बढ़ेगी। इसके बाद वित्तीय स्वीकृति लेकर काम वन विभाग को जानकारी दी जाएगी और वन विभाग से जमीन हैंडओवर लेकर बरेठा घाट सेक्शन में काम शुरू करवाया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में लंबा समय लगेगा।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Underpass to be constructed for wildlife, only then will it be allowed to build fourlane in 7.5 km of Baratha Ghat


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2HYD8RI

Share this

0 Comment to "वन्यजीवों के लिए बनाने होंगे अंडरपास, तब ही मिलेगी बरेठा घाट के 7.5 किमी में फोरलेन बनाने की अनुमति"

Post a Comment