कोरोना वायरस संक्रमण का बदल गया स्वरूप

ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए स्वरूप का पता चलने पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सतर्क हो गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय एवं राज्य सरकार ने सभी जिलों को अलर्ट जारी किया है। स्वास्थ्य विभाग ने ब्रिटेन से स्वदेश आने वाले यात्रियों की जांच के बाद यदि पॉजिटिव है तो अस्पताल में और निगेटिव होने पर होम क्वारेंटिन करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही होम क्वारेंटिन यात्रियों का हर दिन हेल्थ फालोअप भी लेने के निर्देश दिए हैं। ताकि देश में यह संक्रमण फैलने से पहले ही रोकथाम की जा सके। ब्रिटेन में कोरोना वायरस के जिस नए स्वरूप का पता चला है, वह नीदरलैंड्स, डेनमार्क, ऑस्ट्रेलिया, इटली और दक्षिण अफ्रीका में भी पाया गया है। इस खतरे को देखते हुए भारत सरकार ने ब्रिटेन से आने वाली सभी उड़ानों पर 22 से 31 दिसंबर तक रोक लगा दी है।
मास्क पहनें, भीड़ में न जाएं
^कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए फिलहाल मास्क पहनना और भीड़ वाली जगह में जाने से बचना ही एक मात्र उपाय है। वायरस के संक्रमण का दौर अभी जारी है। इसलिए लोग खुद सतर्कता बरते।
-डॉ.योगेश शर्मा, जिला महामारी विशेषज्ञ
संदिग्ध वार्ड में भर्ती चार मरीज भी ऑक्सीजन सपोर्ट पर, आइसोलेशन वार्ड से एक डिस्चार्ज
24 घंटे के भीतर 9 कोरोना के पॉजिटिव मरीज मिले। अब तक जिले में कुल 2189 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है। जिले में एक्टिव कोरोना के मरीजों की संख्या 65 है। इसमें से 12 पॉजिटिव मरीज जिला अस्पताल के आइसोलेशन में ऑक्सीजन सपोर्ट है। जबकि संदिग्ध वार्ड में भर्ती चार मरीजों का भी ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ इलाज चल रहा है। मंगलवार को कोरोना के आइसोलेशन वार्ड से ठीक होने पर एक मरीज को डिस्चार्ज किया। अब तक कुल 2062 लोग संक्रमण मुक्त होकर डिस्चार्ज किए जा चुके हैं।
9 महीने में मिले 2189 पॉजिटिव, 62 की हुई अबतक मौत, सबसे ज्यादा मौत सितंबर में
इधर, कोरोना वायरस संक्रमण के जिले में अबतक 9 महीने में 2189 पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं। इसमें से अबतक 62 की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा मौत सितंबर में 14 व अक्टूबर में 11 मरीजों की हुई। जबकि लॉकडाउन के दौरान अप्रैल-मई में कुल 14 मरीजों ने कोरोना पॉजिटिव होने के कारण दम तोड़ा था। दिसंबर महीने के 22 दिनों में कुल 151 मरीज संक्रमित मिल चुके हैं। एंटीबडी टेस्ट में यह बात सामने आ रही है कि तीन महीने बाद पाॅजिटिव मरीज के शरीर में एंटीबडी रिपोर्ट निगेटिव मिल रही है।
समस्या
कोविड-19 आईसीयू संक्रमण रिपोर्ट निगेटिव फिर भी बंद
इधर, जिला अस्पताल में 10 बेड के कोविड-19 आईसीयू यूनिट की संक्रमण रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। 91 लाख रुपए की लागत से बने आईसीयू में इलाज की सभी सुविधाएं हैं लेकिन ऑक्सीजन चेंज-ओवर की समस्या के कारण यूनिट शुरू नहीं हो पा रही है। यूनिट से ऑक्सीजन चेंज ओवर वाली जगह तक जाने के लिए सीधा रास्ता नहीं है। ऐसे में आईसीयू में ऑक्सीजन की सप्लाई बंद हो गई तो उसे चालू करने के लिए कम से कम स्टाफ को 25 से 30 मिनट का वक्त लगेगा। क्योंकि.. यहां तक जाने के लिए स्टाफ को टीबी वार्ड से होकर आना पड़ेगा। जानकारी के मुताबिक आईसीयू यूनिट के स्टाफ का भी प्रशिक्षण नहीं हो पाया है। स्टाफ को पिछले एक सप्ताह से ट्रेनिंग दी जा रही है।
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