सड़कें नहीं, गार्डन की जगह उगी झाड़ियां, बिजली तक के लिए संघर्ष कर रहे लोग

शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जिसने यह सपना नहीं देखा होगा कि उसका भी अपना एक घर हो। जहां ज्यादा न सही मगर वो तमाम सुविधाओं जरूर हो, जिससे परिवार का जीवन सुगमता से बसर हो सके। मगर सर्वसुविधायुक्त कॉलोनी में मकान लेने के बाद जब हकीकत से सामना हुआ तो पता चला कि कॉलोनाइजर ने उन्हें झांसा दिया है। कॉलोनाइजर्स की बातों में आकर जीवनभर की पूंजी इन्हें सौंपने वाले लोगों के लिए दैनिक भास्कर एक अभियान शुरू कर रहा है। अभियान की शुरुआत देवास रोड स्थित पार्श्वनाथ सिटी से। टाउनशिप डेवलप करने वालों ने लोगों को एप्रूव्ड कॉलोनी में मकान और प्लाॅट देने का झांसा देकर धोखाधड़ी की है।
पार्श्वनाथ सिटी, देवास रोड स्थित नागझिरी एवं निमनवासा की 39.384 हेक्टेयर भूमि पर विकसित हुई है। कॉलोनी का निर्माण 2007 में पार्श्वनाथ डेवलपर्स ने शुरू किया था। दो चरणों में, पहले 29 मई 2010 और फिर 1 मार्च 2014 को नगर निगम ने कॉलोनी के आंतरिक विकास कार्यों का पूर्णता प्रमाण पत्र जारी कर दिया था। बंधक भूखंडों को मुक्त करने के लिए 16 अप्रैल 2018 को जारी हाईकोर्ट के आदेश के पालन में निगम ने भूखंड मुक्त किए। लेकिन एबीसी सेक्टर में स्कूल के लिए आरक्षित 9362 वर्ग मीटर भूमि और कनविनेंट शॉपिंग सेंटर के लिए आरक्षित 5422 वर्ग मीटर भूमि मुक्त नहीं की। क्योंकि कंपनी ने निगम से किए अनुबंध अनुसार एक साल में 12 जुलाई 2019 तक बाह्य विद्युतीकरण के लिए सब स्टेशन का निर्माण नहीं किया था। कॉलोनाइजर्स की इस भूल की कीमत यहां रह रहे लोगों को आए दिन अंधेरे में गुजारा कर चुकाना पड़ रही है।
दावा- शहर सबसे सुंदर कॉलोनी का, लेकिन हकीकत में सड़कें नहीं, बगीचे जंगल में तब्दील
टाउनशिप रहवासी संघ के अध्यक्ष मनीष शर्मा बताते हैं कॉलोनाइजर ने पार्श्वनाथ सिटी को शहर की सबसे सुंदर और सर्व सुविधायुक्त टाउनशिप होने का दावा किया था। प्लानिंग और टाउनशिप का नक्शा और ड्राइंग पर यह दावा सच भी दिख रहा था। मगर वर्तमान में हालात यह हैं कि न तो कॉलोनी में बेहतर सड़क है न सुकून देने वाले वो बगीचे जो टाउनशिप के विज्ञापन में दिखाए गए थे। अगर कुछ है तो चारों तरफ बगीचों में उग रही जंगलनुमा झाड़ियां और गड्ढों से भरी सड़क।
कैसे जारी हुआ पूर्णता प्रमाण-पत्र
यहां परिवार के साथ रह रहे हरीश जैन, अभिषेक जैन, ईश्वर पटेल, उमेश शर्मा, गौरव श्रीवास्तव, आशीष हरभजनका आदि ने बताया कि पार्श्वनाथ डेवलपर्स ने निगम से किए अनुबंध अनुसार कॉलोनी में विद्युत सब स्टेशन नहीं बनाया। तत्कालीन प्रकाश विभाग के अधिकारी ने काम किए बगैर ही कंपनी को कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी कर दिया। ऐसा कर दोनों ने धोखाधड़ी की है।
शहर के सभी जाेन में बनाएंगे कॉलोनी सेल, रखेंगे नजर
अब तक निगम कार्यालय में ही कॉलोनी सेल है। यहां स्टाफ भी सीमित है। अवैध कॉलोनियों पर रोक लगाने के लिए अब शहर के सभी 6 जाेन में कॉलोनी सेल बनाए जा रहे। जोन प्रभारी और उनके मातहत क्षेत्र में कटने वाली कॉलोनियों पर नजर रखेंगे।
- क्षितिज सिंघल, निगमायुक्त
निगम ने हैंडओवर किया, लेकिन यह पता नहीं लगाया कि सुविधाएं हैं या नहीं
निगम ने टाउनशिप को हैंडओवर तो किया मगर यह पता नहीं लगाया कि कॉलोनाइजर ने सड़क, बिजली और पानी जैसी सुविधाएं जुटाई हैं या नहीं। नतीजा 200 परिवारों के घरों की बिजली कब गुल हो जाए पता नहीं। कारण टाउनशिप में जो ट्रांसफार्मर है वह कॉलोनाइजर का निजी है। टाउनशिप डेवलप करने के लिए इसे लगाया था। इसका बिल भी कमर्शियल रेट पर बिजली कंपनी लेती है। होना यह था कि निगम ने जिस दिन कॉलोनी हैंडओवर की यहां लोगों को घरेलू कनेक्शन दिए जाना थे।
इसके लिए उच्च क्षमता का ट्रांसफार्मर लगाना था। मगर बिना भौतिक सत्यापन के ही निगम के तत्कालीन अधिकारियों ने कॉलोनी हैंडओवर की प्रक्रिया सांठगांठ कर पूर्ण कर दी। अब हाल यह है कि निजी ट्रांसफार्मर के बिल का भुगतान करने से कॉलोनाइजर आनाकानी करता है। इसका खामियाजा 200 से अधिक परिवार भुगत रहे हैं। अमूमन हर माह टाउनशिप की बिजली काट दी जाती है। लोग पानी तक के लिए तरस जाते हैं।
आप भी ऐसी ठगी का शिकार हुए हैं तो हमें बताएं
पक्की सड़क, भरपूर पानी, बिजली और गार्डन के साथ विकसित कॉलोनी का सपना दिखाकर धोखा देने वालों को सबक सिखाया जाना चाहिए। महंगे प्लॉट-मकान खरीदने के बाद भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे लोगों के हक की आवाज बनेगा भास्कर। कॉलोनाइजर-बिल्डरों के धोखे की शिकायत हमें करें।
शिकायतों की सत्यता की जांच के बाद भास्कर प्रमुखता से प्रकाशित करेगा और सपनों के लुटेरों पर पुलिस-प्रशासन से कार्रवाई करवाएगा।
सिर्फ वॉट्सएप करें- 9617777331
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