जामना में भगवान पार्श्वनाथ का किया महा मस्तिकाभिषेक; पाषाण को भगवान बनाने गणाचार्य ने मूर्तियों के कान में पढ़ा सूर्य मंत्र

शहर के जैन मंदिर जामना(एमजीडी काॅलेज परिसर) में चल रहे पंचकल्याणक के छठवें दिन रविवार को गणाचार्य विराग सागर महाराज ने 12 जिन प्रतिमाओं के कान में सूर्यमंत्र का उच्चारण किया। अब श्रद्घालु इन प्रतिमाओं का पूजन कर सकेंगे। वहीं महोत्सव में भगवान के समोशरण (भगवान के दरबार) का आयोजन हुआ जहां पर गणाचार्य ने श्रद्घालुओं द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देते हुए उनकी जिज्ञासा काे शांत किया। श्रद्धालुओं ने भगवान पार्श्वनाथ की पूजा-अर्चना करते हुए महा मस्तिकाभिषेक और शांतिधारा अभिषेक किया गया।

गौरतलब है कि पंचकल्याणक के छठवें दिन सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में गणाचार्य विराग सागर महाराज और 70 अन्य जैन संतों ने 12 जैन प्रतिमाओं के कान में क्रमशः सूर्यमंत्र का उच्चारण किया। इस दौरान मौजूद श्रद्घालुओं णमो अरिहंताणं णमो सिद्धाणं णमो आयरियाणं मंत्र का जप करते हुए दिखाई दिए। प्रतिमाओं के कान में सूर्यमंत्र उच्चारण के बाद उपस्थिति लोगों ने भगवान अजितनाथ और भगवान महावीर स्वामी नाम के जयकारे लगाए। जिससे मंदिर सहित आसपास का पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।

मंदिर परिसर में बालिकाओं ने विभिन्न तरह के नृत्य की प्रस्तुति भी दी।महोत्सव में दोपहर के समय भगवान के समोशरण का सृजन किया गया। समोशरण में 12 सभाएं लगीं। समोशरण में जाकर भगवान ने अपनी दिव्य ध्वनि से धर्मोपदेश दिया। समोशरण श्रद्घालुओं के साथ पशुओं की सभा भी लगी। धर्मोपदेश की सबसे बड़ी विशेषता थी कि भगवान जो धर्मोपदेश दे रहे थे, हर पशु उसे अपनी भाषा में समझ रहा था। भगवान ने समोशरण में जाकर सभी के प्रश्नों के उत्तर दिए।

भूखे को दुत्कारें नहीं, प्यार से खाना खिलाएं, हमेशा भरा रहेगा भंडार: गणाचार्य
महोत्सव में आयोजित धर्मसभा में गणाचार्य ने भगवान पार्श्वनाथ के जीवन में प्रकाश डाले के बाद मौजूद श्रद्घालुओं से कहा कि अगर आपके घर पर कोई भूखा व्यक्ति आता है तो उसको कभी दुत्कारना नहीं, बल्कि आदर से भोजन कराना। ऐसा करने से आपके घर में कभी भोजन की कमी नहीं होगी। उन्होंने आगे कहा कि कर्म सिद्धांत पर भरोसा करो,क्योंकि कर्म ही ईमानदार होते हैं। समय का खेल निराला है, इसीलिए पाओ तो गुमान मत करो, खाओ तो गम मत करो। इस अवसर पर रतनलाल जैन,अशोक जैन, प्रभाष जैन, मुकेश जैन, जगदीश जैन,कमलेश जैन, अर्पित जैन, सुनील जैन, प्रकाश जैन,राजेंद्र जैन, उमेश जैन, संदीप मिश्रा, राॅविन जैन,राजेश जैन, उमेश शास्त्री, रमेश जैन, अगरचन्द जैन,निखिल जैन, निक्कू जैन, आशीष भैया आदि उपस्थित थे। महोत्सव का समापन सोमवार को होगा।



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स्वर्ण पालकी में भगवान की शाेभायात्रा निकालते श्रद्धालु।


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