20 महीने में पैसा दोगुना करने का झांसा देकर 2.50 करोड़ रुपए ठगे

महज 20 महीने में रकम दाेगुना करने का लालच देकर तीन लाेगाें ने ढाई करोड़ रुपए ठग लिए। ठगी का शिकार हुए दस लोगों ने इस मामले में क्राइम ब्रांच थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। मुरार के तिकोनिया इलाके में इमेज आईसीजी प्रायवेट लिमिटेड और आईसीजी स्टॉक ब्रोकर लिमिटेड नाम से कंपनी चलाने वाले तीनों ने ठगी का ये कारनामा अंजाम दिया। ठगी का शिकार लोगों में मुरार के व्यापारी से लेकर फौजी तक शामिल हैं। आराेपी फरार हैं और पुलिस अब उनकी तलाश कर रही है।
चेक दिया लेकिन बैंक में भुगतान रुकवाया
पुलिस का कहना है कि दो कंपनियां बनाकर आरोपियों ने सैकड़ों लोगों से ठगी की है। इसके बाद जब लोगों ने पैसा वापस मांगा तो उन्हें चेक दे दिए। ठगों ने इसमें भी चालाकी दिखाई और पूरी चेकबुक गुम होने की सूचना बैंक में देकर भुगतान न करने का आवेदन लगा दिया। इस कारण जब लोगों ने चेक लगाए तो बैंक ने उन्हें भुगतान नहीं किया। जब बैंक में लोगों ने पता किया तो सामने आया कि चेकबुक गुम होने की सूचना सूरज द्वारा दी गई थी।
लोगों से फिक्स डिपाॅजिट कराई रकम और मेच्योरिटी से पहले भागे संचालक
क्राइम ब्रांच प्रभारी दामोदर गुप्ता ने बताया कि राहुल पुत्र वासुदेव भंडारे निवासी सीपी कॉलोनी मुरार, सुरेंद्र पुत्र अमर सिंह निवासी नदीपार टाल और सुरेंद्र पुत्र अमर सिंह निवासी नदीपार टाल इमेज आईसीजी प्रायवेट लिमिटेड और आईसीजी स्टॉक ब्रोकर लिमिटेड नाम से कंपनी संचालित करते थे।
तीनों ने 20 महीने में जमा रकम दोगुनी करने का लालच लोगों को दिया और कंपनी में फिक्स डिपॉजिट कराने के लिए कहा। मुरार के रहने वाले कई लोग इन तीनों के झांसे में आ गए और उन्होंने कंपनी में पैसा लगा दिया। पिछले साल जनवरी में कुछ लोगों के जमा की समयावधि पूरी हो गई तो उन्होंने पैसा मांगा।
कंपनी संचालकों ने उन्हें चेक दे दिए, लेकिन जब यह चेक बैंक में लगाए तो बैंक ने भुगतान नहीं किया। क्योंकि तीनों संचालकों ने बैंक को भुगतान न करने के लिए पत्र दे दिया था। इस कारण पीड़ित लोगों ने फिर से रुपए मांगे, लेकिन कंपनी संचालकाें ने रुपए देने से इनकार कर दिया। आखिर में यह लोग इकठ्ठे होकर एसपी ऑफिस पहुंचे। शनिवार दोपहर काे इस मामले में कंपनी के डायरेक्टर राहुल भंडारे, सूरज कौशल, सुरेंद्र सिंह पर एफआईआर दर्ज की गई।
पैसे मांगे तो दी हरिजन एक्ट की धमकी
ठगे गए कारोबारी दीपक बैस ने बताया कि वह पहले ऑटोमोबाइल कंपनी में काम करते थे। सूरज कौशल उनका परिचित था। उसके कहने पर ही उसकी कंपनी में पैसा जमा किया। जब यह पैसा वापस नहीं मिला तो हमने मांगना शुरू किया। इस कारण सूरज हरिजन एक्ट की एफआईआर दर्ज कराने की धमकी देने लगा। कुछ और लोगों ने पैसे मांगे तो भी उसने यही धमकी दी।
किससे कितने रुपए की ठगी
दीपक बैस- 14 लाख रुपए
अशोक गुर्जर- 54 लाख रुपए
प्रदीप लोधी- 12 लाख रुपए
रेखा श्रीवास- 14.29 लाख रुपए
आशीष राजपूत- 3.50 लाख रुपए
सतीश सिंह- 27 लाख रुपए
कुलदीप नरवरिया- 42 लाख रुपए
कृष्णकांत सिंह- 29 लाख रुपए
रामकृष्ण गुर्जर- 10.70 लाख रुपए
रमेश गुर्जर- 43 लाख रुपए
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