ठग ने वेरीफिकेशन मैनेजर बताकर ओटीपी पूछे और निकाले 1.17 लाख

इंजीनियर की पत्नी को जरा सी चूक भारी पड़ गई। उनके मोबाइल पर एक ठग ने बैंक का वेरीफिकेशन मैनेजर बनकर कॉल किया। उनसे डेबिट कार्ड की एक्सपायरी डेट, सीवीवी नंबर और खाता नंबर पूछ लिया। इसके बाद उनके मोबाइल पर आए चार ओटीपी पूछ लिए। इसके बाद उनके खाते से रुपए निकलते रहे लेकिन उन्हें पता ही नहीं लगा। क्योंकि बैंक खाते से जो मोबाइल नंबर जुड़ा है, वह दो महीने से बंद है। चार बार में उनके खाते से 1.17 लाख रुपए निकल गए।

पुलिस के अनुसार सिटी सेंटर के कैलाश विहार में रहने वाले बृजेश सिंह जादौन पेशे से इंजीनियर हैं। लॉकडाउन के बाद वह दिल्ली की नौकरी छाेड़कर यहीं रहकर व्यापार करने लगे। उनकी पत्नी दीप्ति का एसबीआई में खाता है।

गुरुवार दोपहर 1 बजे दीप्ति के मोबाइल पर कॉल आया। कॉल करने वाले ने कहा कि वह बैंक की मुंबई स्थित वेरीफिकेशन ब्रांच से बोल रहा है। सभी ग्राहकों का वेरीफिकेशन किया जा रहा है। ऐसा न करने पर खाता ब्लॉक हो जाएगा। दीप्ति ने पूरी जानकारी फोन पर बता दी। इसके बाद आए ओटीपी भी बता दिए। उनके खाते से रुपए भी निकल गए, लेकिन पता नहीं लगा।

प्रिंटर खरीदने थे, गूगल सर्च में दिखे विज्ञापन के नंबर पर काॅल किया ताे ठगे गए 45 हजार

सतीश शिवहरे निवासी सिकंदर कंपू किराना कारोबारी हैं। उनके यहां फोटोकॉपी मशीन भी लगी है। इसके लिए उन्हें पांच प्रिंटर खरीदने थे। वह ऑनलाइन सर्च कर रहे थे, तभी एक वेबसाइट पर पांच प्रिंटर मात्र 50 हजार रुपए में मिल रहे थे। उन्होंने दिए नंबर पर कॉल किया। जिस युवक ने कॉल उठाया उसने कहा कि अगर पूरा भुगतान एक साथ कर देंगे तो 5 हजार रुपए का डिस्काउंट मिलेगा। सतीश ने खाते में 45 हजार रुपए डाल दिए। इसके बाद वह नंबर बंद हो गया। उन्होंने शुक्रवार को माधाैगंज थाने में शिकायत की।

क्या रखनी थी सावधानी- गूगल पर तमाम ठगाें ने अपने विज्ञापन एवं नंबर जारी कर रखे हैं। बाताें में आकर किसी काे भी एडवांस पेमेंट न करें।

खाना मंगाने नंबर सर्च किया तो ठग ने एप डाउनलाेड कराया और खाते से निकाले 30 हजार रुपए

दीनदयाल नगर निवासी एंड्रयू मसीह होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रहे हैं। शुक्रवार को उन्होंने खाना ऑनलाइन ऑर्डर करने के लिए गूगल पर सर्च किया। इस दौरान एक एसएमएस आया, जिसमें एनीडेस्क एप डाउनलोड करने पर एक हजार पॉइंट मिलने की बात लिखी थी। एंड्रयू ने इसे डाउनलोड कर पूरी जानकारी भर दी। कुछ देर बाद खाते से 30 हजार रुपए निकल गए। उन्होंने अपना खाता ब्लॉक कराया और क्राइम ब्रांच थाने में शिकायत की।

क्या रखनी थी सावधानी- किसी भी मैसेज या काॅलर के कहने पर काेई भी ऐसा एप डाउनलोड न करें, जिसके बारे में आपकाे जानकारी नहीं है।

स्टेटमेंट से पता चला, खाते से निकल गए रुपए

रात 8 बजे पति बृजेश घर आए ताे दीप्ति ने उन्हें बताया कि मुझसे किसी ने फाेन कर ओटीपी पूछा था, लेकिन अब संदेह हाे रहा है। बृजेश ने बैंक स्टेटमेंट देखा तो पता लगा कि खाते से 1.17 लाख रुपए निकल गए। इसमें कुछ रुपए खाते में ट्रांसफर हुए और कुछ रुपए से खरीदारी की गई। शुक्रवार को वह बैंक पहुंचे और पूरी जानकारी निकलवाई। इसके बाद पुलिस से शिकायत की।

क्या रखनी थी सावधानी

काेई भी बैंक कभी किसी तरह का वेरिफिकेशन फोन कॉल के जरिए नहीं करता है। ऐसा कॉल आने पर बातों में नहीं आना चाहिए। बैंक से भी कॉल आए और वह ओटीपी या आपके खाते या डेबिट कार्ड से जुड़ी जानकारी पूछी जाती है तो भी यकीन न करें।



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