ड्राय रन के बीच मेडिकल कॉलेज में अस्थायी कर्मियों ने काम बंद कर लगाए नारे, मांगा रोजगार, डीन बोलीं-आवेदन फारवर्ड किया

कोरोना काल के सबसे बड़े वारियर्स यानी स्वास्थ्यकर्मियों के शुक्रवार को 5 घंटे में दो पहलू दिखे। एक तरफ पहली बार कोरोना वैक्सीन का ड्राय रन हुआ, तो वहीं दूसरी तरफ मेडिकल कॉलेज में अस्थायी नर्सिंग स्टाफ के कर्मचारी हड़ताल पर बैठ गए। कर्मचारियों का कहना था कि उन्हें संविदा या स्थायी तौर पर काम पर रखा जाए। मेडिकल कॉलेज में 41, बाल चिकित्सालय में 24 और जावरा अस्पताल में 30 लोगों पर ड्राय रन किया। टीकाकरण के दौरान कलेक्टर गोपाल चंद्र डाड, डीन डॉ. शशि गांधी, सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर ननावरे मॉनिटरिंग करते रहे।
भास्कर लाइव - वैक्सीन लगाने के बाद कहा... मास्क पहनना नहीं भूलना, सैनिटाइजेशन भी करना है
समय - सुबह 9.45 बजे
स्थान - मेडिकल कॉलेज
स्थिति - जिस तरह चुनाव में वोट डालने के लिए जाते हैं... ठीक ऐसा ही माहौल यहां था। स्वास्थ्य विभाग के आशीष चौरसिया को टीका लगवाने का मैसेज मिला, वे 9.45 बजे केंद्र पर पहुंच गए। केंद्र पर पहुंचते ही सबसे पहले उनके हाथों को सैनिटाइज किया गया, उनका टेंपरेचर एक रजिस्टर में नोट किया। एक सिस्टर ने मोबाइल पर मैसेज को देखा, आईडी देखी। उनकी बाईं बाजू पर ऊपरी तरफ टीका लगाया गया। इसके बाद उन्हें एक अन्य कक्ष में भेजा। आधे घंटे बाद उन्हें बाहर जाने की अनुमति दी। अगले टीके की तारीख बताई गई। मास्क व सैनिटाइजेशन का बताया। 95 लोगों पर डमी वैक्सीन का रिहर्सल किया गया।
मेडिकल कॉलेज : ‘हमने ऐसे दौर में ड्यूटी की जब कोई इसके लिए राजी नहीं था, हमें हटाया नहीं जाए’
समय- दोपहर 12 बजे
स्थान- मेडिकल कॉलेज
स्थिति - गेट पर ही भारत माता की जय और हम अपना अधिकार मांगते नहीं किसी से भीख मांगते... के नारे लगाने लगा। नर्स तबस्सुम नकवी ने बताया हमने ऐसे दौर में ड्यूटी की है, जब कोई इस ड्यूटी को करने को तैयार भी नहीं था। हम 73 लोग हैं व अब ऑर्डर आया है कि सिर्फ 48 को रखेंगे। मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ शशि गांधी ने बताया कर्मचारी परमानेंट की मांग कर रहे थे, हमें आवेदन दिया जो कि हमने आगे फॉरवर्ड कर दिया है। सीएमएचओ से भी बात हुई है, उन्हें भी हॉस्पिटल में स्टाफ रखना है। ऐसे में स्टाफ कंटिन्यू हो जाएगा। इधर, स्टाफ ने लिखित आश्वासन मिलने पर आगे काम करने की बात कही।
यह ड्राय रन था... असली चुनौती अभी बाकी है, क्योंकि 14 लाख से ज्यादा लोगों को लगना है टीके
- समय प्रबंधन : जिले में शुक्रवार को 95 लोगों को टीके लगाए हैं। टीके लगवाने वाले तय समय पर पहुंचे। संख्या कम थी, जबकि जिले की जनसंख्या 14 लाख है। सभी तय समय पर पहुंचे यह मुश्किल है।
- सावधानी : टीका लगवाने के बाद मास्क को पहनने और सैनिटाइजेशन करने पर जोर दिया है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी इसका पालन कर सकते हैं लेकिन आमजन से यह पालन करवाना मुश्किल काम है।
- स्टाफ : वास्तविकता में जब टीके लगेंगे तब कुछ लक्षण भी सामने आ सकते हैं। ऐसे में मेडिकल टीम की जरूरत होगी। जिले में जितने ज्यादा सेंटर बनाना है, उतने ही ज्यादा स्टाफ की भी जरूरत होगी। जो चुनौती रहेगा।
- मोबाइल : मैसेज मोबाइल पर ही भेजे जा रहे हैं। एक तबका ऐसा भी है जो मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करता। उन्हें सेंटर तक लाना चुनौती रहेगी।
- बुजुर्ग : जिले में कई बुजुर्ग ऐसे भी हैं जो कि अपने घर से बाहर नहीं निकल पाते। इनके टीकाकरण का प्लान बनाना होगा।
- बीमारी : कई लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें पता नहीं होता है कि उन्हें शुगर या ब्लड प्रेशर है क्योंकि वे कभी जांच ही नहीं करवाते। टीकाकरण के दौरान ब्लड प्रेशर कम-ज्यादा ना हो। इसके भी इंतजाम करने होंगे।
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