90 फीसदी दुकानें खुलीं, बैरिकेड्स हटाने पर गफलत, रास्ते बंद होने से लोग परेशान होते रहे

नगरीय सीमा के 29 गांवों में छूट के दूसरे दिन बाजार में रौनक लौटने लगी। 90 फीसदी दुकानें अब खुलने लगी हैं। इनमें किराना, इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल शॉप से लेकर जनरल स्टोर तक शामिल हैं। भौंरासला, बरदरी, रेवती, टिगरिया राव, कुम्हेड़ी, शक्करखेड़ी, भानगढ़ आदि में लोगों ने जहां दुकानों से खरीदारी की तो दोपहर में चौपाल या पेड़ के नीचे सुस्ताते नजर आए। कुछ गांवों के दुकानदारों ने दूसरे दिन साबुन, नमक, शकर, तेल आदि सामान जुटाया और ग्राहकों को बेचना शुरू कर दिया। जो चीज दुकान में नहीं होती तो वे ग्राहकों से एक-दो दिन में आकर ले जाने का कहते दिखाई दिए। दुकान संचालकों ने जिला प्रशासन की गाइड लाइन का पालन किया। लोग भी मास्क लगाकर दुकानों पर पहुंचे और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया। इलेक्ट्रॉनिक दुकान संचालित करने वाले कैलाश पटेल ने बताया इस बार लॉकडाउन में काफी नुकसान हुआ। पंखे, कूलर, फ्रिज की ब्रिकी नहीं हो सकी। अब दुकानें खुली हैं तो उम्मीद है ग्राहक आएंगे।

गांवों को छूट, लेकिन रास्ते अभी भी बंद, गैस डिलीवरी तक मुश्किल से हो रही
एक परेशानी यह भी देखने में आई कि प्रशासन ने भले की 29 गांवों में छूट दे दी हो, लेकिन पुलिस को अभी भी स्पष्ट नहीं है कि कहां रास्ते बंद रखना हैं और कहां खुले रखना है। ऐसा ही एक मामला भानगढ़ गांव में देखने को मिला। यहां से एमआर-10 जाने वाला रास्ता, जिससे गांव वाले आवाजाही करते हैं, वहां बैरिकेडिंग लगी होने से लोगों को काफी परेशानी हुई। जो पैदल थे, वे तो जैसे-तैसे निकल गए, लेकिन वाहन चालकों की काफी फजीहत हुई। यहां बैरिकेडिंग की वजह से भांग्या, शक्करखेड़ी, कुमेड़ी सहित अन्य गांवों के लोग भी आ-जा नहीं सके। लोगों ने बताया रास्ता बंद होने से उन्हें सात किलोमीटर घूमकर अरबिंदो के सामने से जाना पड़ेगा।

भाजपा ने दिया प्रस्ताव- 29 गांव पूरी तरह खोले जाएं, शहरी परिवहन को अनुमति दें
दो माह से बंद इंदौर शहर को कैसे खोला जाए, इसे लेकर भाजपा कोर ग्रुप की बैठक मंगलवार देर शाम हुई। बैठक में सांसद शंकर लालवानी, पूर्व महापौर मालिनी गौड़, सुदर्शन गुप्ता, महेंद्र हार्डिया, संभागीय संगठन मंत्री जयपाल सिंह चावड़ा और आकाश विजयवर्गीय मौजूद थे। सभी ने नगरीय सीमा से जुड़े सभी 29 गांवों को कड़ी शर्तों के साथ पूरी तरह खोले जाने की अनुशंसा की है। कोर ग्रुप ने यह भी कहा कि अब शहर में कंटेनमेंट एरिया को छोड़कर बाकी एरिया धीरे-धीरे कड़ी शर्तों के साथ खोले जाने चाहिए। यही नहीं सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के साथ परिवहन सुविधा भी शुरू की जाना चाहिए। कोर ग्रुप ने पालदा, सांवेर रोड, लसूड़िया और अन्य औद्योगिक क्षेत्रों को भी सशर्त अनुमति दिए जाने की मांग की।
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