रखने की जगह नहीं तो राजस्थान में कर रहे हैं भंडारण

रतलाम सहित पूरे प्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूं की रिकाॅर्ड खरीदी हुई है। प्रदेश सरकार ने 100 लाख टन गेहूं खरीदी का लक्ष्य रखा गया था। इसके मुकाबले 115 लाख टन गेहूं की खरीदी हो चुकी है। लक्ष्य से ज्यादा खरीदी होने से अब गेहूं के भंडारण की समस्या आ गई है क्योंकि सरकार ने लक्ष्य के हिसाब से गेहूं भंडारण की व्यवस्था कर रखी थी। जबकि लक्ष्य से ज्यादा खरीदी हो गई है। ऐसे में भंडारण के लिए गेहूं अब राजस्थान भेजा जा रहा है। अब तक 10 हजार टन गेहूं का भंडारण राजस्थान के गोदामों में किया जा चुका है। इधर रिकॉर्ड खरीदी को देखते हुए राज्य सरकार ने गोदामों में कैपेसिटी से 25 फीसदी ज्यादा गेहूं भंडारण के आदेश दिए हैं। यानी जिन गोदामों की कैपेसिटी 5000 टन है। उन गोदामों में अब 6000 टन गेहूं का भंडारण किया जा रहा है। जबकि पिछले साल यह स्थिति थी कि इस समय तक गेहूं की खरीदी 74 लाख मीट्रिक टन ही हुई थी। इससे 5000 टन की क्षमता के गोदामों में महज 2500 से 3000 टन गेहूं का भंडारण किया था। इस साल गोदामों में दोगुना गेहूं का भंडारण किया जा रहा है।

88 फीसदी गेहूं अब तक गोदामों में पहुंचा
प्रदेश में गेहूं की खरीदी 15 अप्रैल से शुरू हुई थी। अब तक 115 लाख टन गेहूं की खरीदी की जा चुकी है। इसके मुकाबले करीब 100 लाख टन गेहूं का परिवहन कर भंडारण किया जा चुका है। इससे प्रदेश के गोदाम गेहूं की बोरियों से फुल हो गए हैं। शेष बचे गेहूं का भंडारण अगले दस दिन में पूरा करने का लक्ष्य सरकार ने रखा है ताकि बारिश के पहले तक सरकारी खरीदी के सभी गेहूं का भंडारण हो जाए।
पिछले साल के मुकाबले 41 लाख टन गेहूं की खरीदी ज्यादा
इस साल लॉकडाउन के कारण गेहूं की खरीदी 15 अप्रैल से शुरू हुई। जबकि हर साल 25 मार्च के आसपास शुरू हो जाती है। सरकार ने 1925 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से गेहूं की खरीदी की। चूंकि मंडियां बंद थीं और सौदा पत्रक में भी किसानों को भाव नहीं मिल रहे थे। इससे किसानों का रुझान सरकार को गेहूं बेचने की तरफ ज्यादा रहा। इससे प्रदेश में अब तक 115 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी हो चुकी है। जबकि पिछले साल इस समय तक 74 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी हुई थी। यानी इस साल पिछले साल की तुलना में 41 लाख टन गेहूं की खरीदी ज्यादा हुई है।



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रतलाम के करमदी के वेयर हाउस में रखा कैपिसिटी से ज्यादा गेहूं।


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