‘मैं व पत्नी होम आइसोलेट हुए तो पड़ोसी बोले- चिंता मत करो और सुबह-शाम पहुंचाने लगे खाना, फल, सब्जियां’
आनंदा कॉलोनी निवासी सॉफ्टवेयर कंपनी मालिक अविनाश सेठी बताते हैं लॉकडाउन के दौरान सब्जी व दूध लेने गया था। संभवतः वहीं से संक्रमित हुआ। 12 अप्रैल को बुखार आया तो डॉक्टर से चर्चा कर दवाइयां ले ली। बुखार नहीं उतरा तो 22 को विशेष अस्पताल में भर्ती हो गया और सैंपल दिया। 24 अप्रैल को डिस्चार्ज होकर घर आया। 25 अप्रैल को मैं व पत्नी पॉजिटिव निकले। स्वास्थ्य विभाग की टीम घर आई तो पड़ोसियों के कॉल आने लगे कि आप चिंता मत करो बच्चों को हम संभाल लेंगे। अस्पताल में कैश की जरूरत होगी तो भिजवाएंगे। टीम ने हमें होम आइसोलेशन में रहने के लिए कहा। फिर शुरू हुआ मदद का सिलसिला। बिना बोले सुबह-शाम पकवान आने लगे। गुलाब जामुन, खीर, श्रीखंड, आम, ड्रायफ्रूट, पनीर, चॉकलेट, केक, सब्जियां, दाल, चावल और साथ में बच्चों द्वारा बनाए गए गेट वेल सून के ग्रीटिंग कार्ड भी आ रहे हैं। यह सहायता अनमोल है। इसे मैं व मेरा परिवार जीवन भर नहीं भूलेंगे।
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