1973 के बाद अब सोमवती अमावस्या और सोमवती पूर्णिमा का संयोग

इस साल श्रावण सोमवार से शुरू होकर सोमवार को ही खत्म होगा। तीन अगस्त तक चलने वाले श्रावण में 5 सोमवार का विशिष्ट योग है। श्रावण में 2 सोमवार को विशेष रूप से अमावस्या और पूर्णिमा पड़ रही है। श्रावण में पांच सोमवार 6 जुलाई प्रतिपदा, 13 जुलाई अष्टमी, 20 जुलाई अमावस्या, 27 जुलाई सप्तमी, 3 अगस्त पूर्णिमा पर विशेष योग बना है।
पंडित गोविंद शर्मा ने बताया श्रावण में सोमवती अमावस्या और सोमवार को पूर्णिमा का संयोग 47 साल पहले 1973 में बना था, जबकि 20 साल बाद श्रावण सोमवार को सोमवती और हरियाली अमावस्या का संयोग बन रहा है। इससे पहले 31 जुलाई 2000 में सोमवती और हरियाली अमावस्या एक साथ थी। श्रावण का आरंभ सोमवार व समाप्ति सोमवार को होने का योग पूर्व में 1976, 1990, 1997 व 2017 में बना था। अब 2024 में यह संयोग बनेगा। उस समय 22 जुलाई सोमवार से श्रावण शुरू होकर 19 अगस्त सोमवार को समाप्त होगा। इस साल हरियाली अमावस्या के दिन चंद्र, बुध, गुरु, शुक्र और शनि ग्रह अपनी-अपनी राशियों में रहेंगे। ग्रहों की इस स्थिति का शुभ प्रभाव कई राशियों पर देखने को मिलेगा। महिलाओं द्वारा तुलसी की 108 परिक्रमा की जाती है। इस योग में पौधारोपण करने से पूर्व में सभी दोष की समाप्ति होती है तथा ग्रहजन्य सभी दोषों का स्वत: ही क्षमन होता है। पौधारोपण से ग्रह दोष शांत होते है।
यह है योग- 20 जुलाई सोमवती हरियाली अमावस्या, 23 जुलाई हरियाली तीज, 25 जुलाई नागपंचमी, 30 जुलाई पवित्रा एकादशी, 3 अगस्त सोमवती पूर्णिमा, रक्षाबंधन, श्रावणी उपाकर्म।
सालों के बाद दोनों प्रदोष पर पड़ेगा शनिवार
पंडित शर्मा के अनुसार श्रावण में 18 जुलाई के बाद अब 1 अगस्त को प्रदोष पर शनिवार का संयोग निर्मित हो रहा है। इस योग में की गई शिव पूजा, अभिषेक, दान से जन्म कुंडली में स्थित शनि दोष सहित शनि की साढ़ेसाती के अनिष्ट प्रभाव का क्षमन होता है। सावन के तीसरे सोमवार को कई शुभ योग भी रहेंगे। इस दिन हर कार्य को सिद्धि करने वाला स्वार्थ सिद्धि योग बना रहेगा। इसके साथ ही इस दिन अमावस्या भी है तो यह सोमवार सोमवती अमावस्या के रूप में भी पूजा जाएगा। श्रावण की अमावस्या को हरियाली अमावस्या भी कहा जाता है। श्रावण के अंतिम सोमवार को रवि योग रहेगा। ज्योतिष में रवि योग को भी श्रेष्ठ सिद्धि कारक और मनोकामना पूर्ति के लिए उपयुक्त माना जाता है।



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