मां से दुष्कर्म, बेटे का पेट और हाथ-पैर बांध जंगल में मरने फेंका, मुंह में फेवीक्विक डाला ताकि वह रो भी नहीं सके

आलोट के पास गांव माल्या में मंगलवार सुबह करीब 8 बजे एक अमानवीय घटनाक्रम ने रौंगटे खड़े कर दिए। दो बदमाश अफजलपुर थाना क्षेत्र के गांव रातीखेड़ी से एक महिला व उसके 3 वर्षीय बेटे का अपहरण कर ले आए। माल्या के जंगल में रेलवे ट्रैक किनारे मासूम का पेट कपड़े से कसकर बांधा और मुंह में फेवीक्विक डालकर झाड़ियों में फेंक दिया ताकि रो भी नहीं सके। शुक्र है ग्रामीणों ने बच्चे को समय रहते अस्पताल पहुंचाया जहां उसकी जान बच गई। जिन शैतानों ने बच्चे की हत्या का प्रयास किया, वे दोनों महिला को लेकर भाग रहे थे। ग्रामीणों ने उन्हें भी पकड़कर पुलिस के हवाले किया।
हैरत ये है कि इतनी बड़ी घटना को पुलिस ने हल्के में लिया और कार्रवाई की बजाय अफजलपुर थाने का मामला बताकर वहां की पुलिस के सुपुर्द कर दिया। हालांकि 12 घंटे बाद रात 8 बजे अफजलपुर थाना पुलिस ने अपहरण, हत्या के प्रयास अौर दुष्कर्म का केस दर्ज किया है।
मंगलवार सुबह 7.30 से 8 बजे के बीच माल्या के कुछ युवक मवेशी चराने के लिए जंगल में रेलवे पटरी तरफ गए। वहां पलाश के पेड़ के नीचे झाड़ियाें में एक बच्चा बेसुध नजर आया। उसको पेट व हाथ के यहां से कपड़े से कसकर बांध रखा था। चरवाहों ने गांव के चौकीदार रामचंद्र को सूचना दी। वे ग्रामीणों को लेकर मौके पर पहुंचा और बच्चे को झाड़ियाें से निकालकर कपड़ा खोला, तब बच्चा सांस ले रहा था, इन्होंने पानी छिड़का तो बच्चा तड़पने लगा लेकिन कुछ भी बोल नहीं पा रहा था। ग्रामीण समझ नहीं सके कि बच्चा क्यों तड़प रहा है और कुछ बोल क्यों नहीं रहा।
उन्होंने डाॅयल 100 को सूचना दी और बच्चे को नहलाया ताकि उसे कुछ राहत मिल सके। आरक्षक हर्षवर्धन सिंह एवं पायलट रामेश्वर चौधरी गांव पहुंचे। ग्रामीणों ने बच्चे को आलोट अस्पताल भिजवाया। थोड़ी देर बाद रेलवे ट्रैक पर फाटक नंबर 14 के पास एक महिला व दो युवक भागते हुए नजर आए तो चौकीदार व ग्रामीणों ने इन्हें पकड़ लिया और पुलिस के सुपुर्द कर दिया।

बेरहमी - सुला दिया था मौत की नींद, ग्रामीणों की सतर्कता से बची जान
सिविल अस्पताल के डॉ. अब्दुल कादिर ने बताया बच्चे के मुंह में लार व गीली जगह होने से फेवीक्विक पूरी तरह सेट नहीं हुआ। उसे अस्पताल में नमक के पानी से गरारे करवाए जिससे फेवीक्विक निकल गई, अब बच्चा स्वस्थ है। समय पर पेट का कपड़ा नहीं खोलते और फेवीक्विक साफ नहीं करते तो उसकी जान जा सकती थी। ग्रामीण समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाते तो इसका बचना मुश्किल था।

प्रेम प्रसंग का लगा था मामला : महिला ने कहा कि मुझे अपहरण करके लाए, बेटे को मारने का प्रयास किया
महिला बाबरेचा की रहने वाली है और कुछ दिनों से मायके रातीखेड़ी थाना अफजलपुर जिला मंदसौर में रह रही थी। 18 जुलाई को वहां से 3 साल के बेटे के साथ लापता हो गई। परिजन ने अफजलपुर थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई। इसके बाद मंगलवार को ये माल्या के पास पकड़ाए। महिला व बच्चे का अपहरण करने वाले आरोपी का नाम हरीश सेन निवासी रातीखेड़ी एवं उसके सहयोगी का नाम मांगीलाल आंजना निवासी भाट पिपल्या बताया जा रहा है। घटनाक्रम देखते हुए मामला प्रेम-प्रसंग का लग रहा था लेकिन आलोट थाने में महिला ने पुलिस को बताया कि हरीश और मांगीलाल हमें डरा-धमकाकर ले आए। इन्होंने माल्या जंगल में बच्चे के मुंह में फेवीक्विक डाल दी तथा झाडि़यों में छोड़ दिया ताकि दम घुटने से वह मर जाएगा। मुझे अपहरण कर ले जा रहे थे लेकिन ग्रामीणों ने छुड़ा लिया।

अपहरण, हत्या के प्रयास व दुष्कर्म का प्रकरण दर्ज
बच्चे की हत्या का प्रयास आलोट थाना क्षेत्र के माल्या में हुआ लेकिन स्थानीय पुलिस ने अफजलपुर थाने की गुमशुदगी होने से पूरा मामला उन्हें सौंप दिया। आलोट थाना प्रभारी अशोक निनामा का कहना है कि डाॅयल 100 पहुंची और बच्चे को अस्पताल भेजा तथा महिला समेत तीनों लोगों को थाने लाए। अफजलपुर में गुमशुदगी थी इसलिए वहां की पुलिस को सुपुर्द कर दिया। एसडीओपी डीआर माले ने कहा कि अफजलपुर थाना प्रभारी मोहन मालवीय ने बताया हरीश व मांगीलाल के खिलाफ अपहरण, हत्या का प्रयास और दुष्कर्म का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।



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The mother was raped, the son's stomach and hands and feet tied up in the forest, thrown feviquic in the mouth so that she could not even cry.


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