रेडियोलॉजिस्ट को खांसी, बुखार; सैंपल दिया तो बीएमओ बोलीं- मंजूरी लाओ, फिर होगा टेस्ट

अविनाश रावत,स्वास्थ्य विभाग में नर्स, डॉक्टर्स के कोरोना संक्रमित होने के बावजूद लापरवाही जारी है और ऐसे संदिग्ध कर्मचारियों के सैंपल लेने व जांच में आनाकानी की जा रही है। ऐसा ही मामला देपालपुर के स्वास्थ्य केंद्र पर पदस्थ डॉ. रघुनाथ सातनकर का सामने आया है। डॉ. सातनकर को कोरोना के लक्षण हैं, पर अफसर यह कहकर सैंपल टेस्ट नहीं कर रहे कि कलेक्टर या एसडीएम की अनुमति लेकर आओ।

डॉ. सातनकर ने बताया गौतमपुरा की एक महिला संक्रमित होने के बाद अरबिंदो में भर्ती हुई, उसकी सोनोग्राफी उन्होंने की थी। उसके बाद उन्हें सर्दी-खांसी हुई और बुखार आ गया। गुरुवार को देपालपुर में ही टीम को उन्होंने सैंपल दे दिया, लेकिन उसे जांच के लिए नहीं भेजा। टीम की डॉ. ऐश्वर्य अग्रवाल से पूछा तो वे बोलीं- दवाई लेकर काम करो, स्टाफ के सैंपल की जांच के लिए कलेक्टर की मंजूरी जरूरी है। अब इसी अवस्था में हर दिन 30-40 महिलाओं की सोनोग्राफी कर रहे हैं।

डॉ. सातनकर ने खुद सैंपल क्यों दिया?
डॉ. सातनकर को यदि सर्दी, खांसी और बुखार की शिकायत है तो मुझसे बात करना थी, सीधे सैंपल क्यों दे दिया? ऐसे तो हर कोई कोरोना की जांच कराने लगेगा। कोरोना जांच के लिए हमें एसडीएम को सूचना देकर अनुमति लेना होती है।

- डॉ. चंदा पंचोली, बीएमओ, देपालपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
जांच के लिए अनुमति जरूरी नहीं
स्टाफ में किसी को कोरोना के लक्षण लग रहे हैं तो तुरंत सैंपल और जांच जरूरी है। इसमें किसी तरह की अनुमति की जरूरत नहीं है। डॉ. सातनकर का भी टेस्ट करवाएंगे। बीएमओ से बात करूंगा।
-डॉ. प्रवीण जड़िया, सीएमएचओ



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Radiologist cough, fever; If the sample is given, BMO said - bring approval, test will happen again


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