30 मिनट तेज बारिश से 700 बोरी उपज भीगी तत्काल 300 रु. क्विंटल गिरे सोयाबीन के भाव

कृषि उपज मंडी में शुक्रवार सुबह नीलामी समय पर शुरू हुई, मौसम साफ था। दोपहर 12.30 बजे मौसम अचानक बदला और कुछ क्षेत्रों में बूंदाबांदी शुरू हुई। करीब आधे घंटे बाद पूरे शहर में तेज बारिश का दौर शुरू हुआ। इससे मंडी में खुले में नीलामी के लिए उपज के लगाए ढेर भीग गए। किसानों ने पानी से बचाव के लिए उपज पर तिरपाल डाले, लेकिन बहता हुआ पानी उपज के ढेरों में पहुंच गया। इससे करीब 700 बोरी सोयाबीन, अजवाइन सहित अन्य उपज खराब हो गई। बारिश थमने के बाद नीलामी शुरू हुई तो सोयाबीन के भाव 300 रुपए तक गिर गए।
जिले में तीन दिन से बारिश का दौर थमा हुआ था, शुक्रवार दोपहर में अचानक हुई बारिश से शहर तरबतर हो गया। हालांकि बारिश का यह दौर पूरे जिले में सक्रिय नहीं था। नीमच शहर में ही तेज बारिश हुई, करीब आधे घंटे बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को उठाना पड़ा। मंडी में उपज के ढेर लगाकर नीलामी का इंतजार कर रहे थे। तभी तेज बारिश शुरू हो गई। इससे खुले प्रांगण में रखी सोयाबीन, अजवाइन, धनिया, रायडा सहित अन्य उपज के ढेर बारिश से भीगने लगे। किसान अपने साथ लाए तिरपाल ढककर उपज को भीगने से बचाने का जतन करने लगे। तेज बारिश के कारण पानी सड़क पर बहा तो उपज के ढेर नीचे से भीग गए। जिसकी नीलामी भी नहीं हो सकी और किसानों को नुकसान उठाना पड़ा।

शेड में जगह नहीं हाेने पर खुले में लगाने पड़े थे ढेर

मंडी परिसर में अलग-अलग उपज के लिए शेड बने हुए है। शुक्रवार को सभी तरह की उपजाें की करीब 30 हजार बोरी की आवक थी। शेड में ढेर लगाने के बाद जगह नहीं मिलने पर खुले प्रांगण में उपज के ढेर लगाए थे। इस कारण बारिश से शेड और वाहनों में रखी उपज तो बच गई। लेकिन खुले में रखी उपज किसानों की आखों के सामने भीग गई। जिसका एक रुपया भी किसानों को नहीं मिला और करीब 700 बोरी उपज बेकार हो गई।

जो उपज नीलाम हो गई उसकी वापस नीलामी हुई

सुबह मंडी परिसर में 9.30 बजे नीलामी शुरु हुई। व्यापारियों ने एक-एक शेड में पहुंचकर उपज की खरीदी। दोपहर में बारिश हाेने के बाद जो उपज पहले नीलाम हो गई थी। उसके भीगने पर फिर से नीलामी की गई। क्योंकि तोल नहीं हाेने से यह प्रक्रिया अपनाई। जिसमें भाव कम होने से किसानों को नुकसान उठाना पड़ा। जबकि नियमानुसार एक बार नीलामी होने के बाद वह माल व्यापारी को हो जाता है।

किसानों की पीड़ा

केस-1 : राजस्थान के छोटी सादड़ी के ग्राम बरेखन निवासी किसान राकेश शर्मा ने बताया कि 20 बोरी अजवाइन व सोयाबीन लेकर आए थे। खुले में ढेर लगा रखा था, नीलामी से पहले बारिश हो गई। इससे उपज भीग गई और पानी के साथ बहने लगी। बरसते पानी में उपज को बोरी में भरना मजबूरी बन गया। करीब पांच से अधिक बोरी का नुकसान हो गया।
केस-2 : जावद तहसील के कलेपुर निवासी बंशीनाथ ने बताया कि पांच बोरी अजवाइन लेकर आया था। शेड में जगह नहीं मिलने पर बाहर ढेर लगाया। नीलामी समय पर शुरू नहीं होने के कारण बारिश से उपज भीग गई। इससे करीब डेढ़ बोरी उपज का नुकसान उठाना पड़ा और नीलामी हुई तो भाव भी कम मिलने से निराशा हुई।
केस-3 : उज्जैन जिले के नागदा से आए हरिसिंह व सुभाषसिंह ने बताया कि 30 बाेरी सोयाबीन लेकर आए थे। उपज के ढेर लगाए, नीलामी के बाद बारिश शुरू हो गई। इससे पानी में बहती उपज को समेटना पड़ा। पहले 2300 रु. क्विंटल भाव मिले थे, दोबारा नीलामी होने से 2 हजार रु. क्विंटल ही भाव मिले। बारिश से करीब पांच बोरी उपज खराब हो गई।

किसानों ने गेट पर ताला लगाया
मनासा | कृषि उपज मंडी परिसर में किसानों की उपज रखने के लिए बने टिन शेड में व्यापारियों ने कब्जे कर रखें हैं। उपज नीलामी खुले में होने से बारिश में उपज भीगने का अंदेशा रहता है। इसको लेकर भारतीय किसान यूनियन एवं कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को शेड से व्यापारियों का माल नहीं हटाने पर मंडी प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की ओर मंडी के मुख्य गेट पर ताला लगा दिया।
शुक्रवार सुबह 11.30 बजे के करीब बारिश का मौसम बनने से खुले में उपज के ढेर होने से किसान चिंतित हो गए। शेड में उपज नीलामी की बात को लेकर हंगामा कर दिया। अभा किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने मंडी के मुख्य गेट पर तालाबंदी कर आधे घंटे तक किसानों के साथ प्रदेश सरकार व मंडी प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध जताया और तहसील कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। इसमें बताया कि मंडी में शेड व्यापारियों के लिए नहीं किसानों की सुविधा के लिए बनाए गए हैं। किसानों की उपज खुले में रखने से बारिश होने पर भीग जाती है। किसानों ने कहा कि प्रशासन ने तीन दिन में शेड खाली नहीं करवाएं तो आंदोलन किया जाएगा। यूनियन जिलाध्यक्ष ईश्वरलाल पाटीदार, घनश्याम पाटीदार, शिव पोगरा,मनोहरसिंह सिसोदिया सहित किसान उपस्थित थे। ज्ञापन का वाचन जिलाध्यक्ष पाटीदार ने किया।



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700 sacks yielded by 30 minutes of heavy rain immediately Rs 300. Quintal falls of soybean prices


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