सरहद पर एक साथ रवाना होंगी 9 सारंग, 5 पूरी तरह तैयार बाकी की 4 में मेन टारगेट

ऑदुश्मन के सीने पर भारी भरकम गोले बरसाने की ताकत से लैस 5 सारंग गनें पूरी तरह से तैयार हो चुकी हैं, लेकिन अभी इनकी रवानगी में थोड़ा इंतजार करना होगा। दरअसल, सरहद पर 9 गनों को एक साथ रवाना किए जाने की योजना है। बीते दिन 5 गनों को इंस्पेक्शन नोट हासिल हो चुका है लिहाजा, जीसीएफ ने अब अगली 4 गनों को लेकर प्रोडक्शन की रफ्तार बढ़ा दी है। नई ताकत के साथ अपग्रेड हुई सारंग की तैनाती के लिए सैन्य स्तर पर प्लानिंग शुरू हो चुकी है। सूत्रों का कहना है कि उत्तरी क्षेत्र में गनों को मुस्तैद किया जा सकता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि लंबे अर्से के बाद ऐसा अवसर आ रहा है जब भारतीय सीमाओं की चौकसी स्वदेशी गनों के कंधों पर होगी। कुछ समय पहले ही धनुष तोप को भी सेना के हवाले किया जा चुका है। अब तक सरहद पर बोफोर्स गनों का बोलबाला रहा है। गौरतलब है कि गत दिवस सैन्य अधिकारियों की मौजूदगी में जीसीएफ प्रशासन को आई नोट प्रदान किया गया।

साल्टम से सारंग तक
पहले 130 एमएम गन को साल्टम गन कहा जाता था। नाम के पीछे इजरायली तकनीक को आधार बनाया गया था। अब ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड ने इसका भगवान श्रीकृष्ण के धनुष के नाम पर सारंग नाम रख दिया है। इस तरह के अपग्रेडेशन से फायदा यह है कि दूसरी गनों में उपयोग लाए जाने वाले (155 एमएम) एक ही तरह के गोले सारंग से भी फायर किए जा सकेंगे। पी-4

ऐसी 300 गनें
भारतीय सेना की ओर से आयुध निर्माणी बोर्ड को ऐसी 300 गनों को अपग्रेड करने का टारगेट दिया गया है। पता चला है कि जीसीएफ और वीएफजे इस अपग्रेडेशन में अहम भूमिका अदा कर रही हैं। 3 साल में ऐसी 300 गनों को नए 155 एमएम बैरल के साथ अपग्रेड किया जाना है।



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9 sarang will leave at the border together, 5 fully prepared, 4 of the remaining main targets


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