निजी डॉक्टर करेंगे संक्रमितों का इलाज, इसके लिए एक अस्पताल की तलाश


निजी अस्पताल में इलाज की चाह रखने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है। कोरोना पॉजिटिव होने पर उन्हें इलाज के लिए इंदौर नहीं जाना होगा। जल्द ही रतलाम के प्राइवेट डॉक्टर्स भी पॉजिटिव मरीजों को इलाज करेंगे। इसके लिए एक अस्पताल तय होगा, जहां अलग-अलग डॉक्टर राउंड लेंगे। ऐसे अस्पताल की तलाश भी शुरू हो चुकी है।
हमारे शहर में अभी सिर्फ कोरोना पॉजिटिव मरीजों का सरकारी इलाज ही हो रहा है। प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी के कारण मरीजों की मौत के मामले भी सामने आ चुके हैं। अब ऐसा ना हो इसके लिए कलेक्टर भी एक्शन मोड में दिख रहे हैं। कलेक्टर ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के डॉक्टरों के साथ बैठक लेकर ऐसे अस्पताल का चयन करने का कहा है जहां आईसीयू की सुविधा हो। उस अस्पताल में कोराेना के कम लक्षण वाले मरीजों का इलाज हो सकेगा। इसके लिए आईएमए भी हामी भर चुकी है। इसी के साथ प्राइवेट अस्पताल की तलाश भी शुरू हो चुकी है।

सागोद रोड और 80 फीट रोड के अस्पताल को प्राथमिकता

  • कोविड के मरीजों के इलाज के लिए ऐसे अस्पताल की तलाश की जा रही है, जो खुले क्षेत्र में हो।
  • उस अस्पताल में पार्किंग की भी बेहतर सुविधा होना चाहिए।
  • अस्पताल में आईसीयू की सुविधा होना आवश्यक है ताकि मरीज की अचानक स्थिति बिगड़ने पर संभाला जा सके।
  • सागोद रोड और 80 फीट रोड पर प्राथमिकता से अस्पताल देखे जा रहे हैं।
  • आईएमए से जुड़े ज्यादातर डॉक्टर अलग-अलग समय पर राउंड लेने के लिए तैयार हैं। इसकी तैयारी हो चुकी है।

कलेक्टर बोले- पैसा तो जिंदगी-भर कमाना है, जनता की मानवता और आत्मीयता कमाइए
इधर, कलेक्टर गोपालचंद्र डाड ने स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी निजी अस्पताल किसी भी तरह का गंभीर केस लेने से मना नहीं करें। यदि कोविड सस्पेक्टेड है तो आप जिम्मेदारों को सूचना दे सकते हैं। पैसा तो जिंदगीभर सभी कमा लेते हैं। जनता की मानवता और आत्मीयता कमाइए। आप लोग फ्रंटलाइन वारियर्स हो इसलिए मना शब्द सामने नहीं आना चाहिए।
अस्पताल केस लेने से मना करें तो करें फोन
यदि कोई निजी अस्पताल केस लेने से मना करें तो आप डॉ. राजेश शर्मा के मोबाइल नंबर 9993325555 पर फोन कर सकते हैं। डॉ. शर्मा संबंधित अस्पताल से बात करेंगे। कलेक्टर ने आईएमए से नंबर मांगा था, आईएमए अध्यक्ष ने मरीजों की सुविधा के लिए यह नंबर दिया है।

फैसला तो हुआ... लेकिन बड़ी चुनौतियां बाकी हैं

  • 1. अस्पताल : अभी कोई प्राइवेट अस्पताल तय नहीं है। कोई अस्पताल देने के लिए आगे भी नहीं आया है।
  • 2. आईसीयू : खुले क्षेत्र में तीन या चार ही बड़े अस्पताल हैं, जहां आईसीयू की सुविधा है। उनकी हामी मिलना बहुत जरूरी है।
  • 3. इक्यूपमेंट : अलग-अलग डॉक्टर मदद के तौर पर इक्यूपमेंट दे सकते हैं। इसके लिए कितने डॉक्टर आगे आएंगे, यह भी स्पष्ट नहीं हो सका है।
  • 4. डॉक्टर : आईएमए के कुछ चुनिंदा डॉक्टर कोविड की सेवा में लगे हैं। कुछ मरीज के पास जाने से भी डर रहे हैं। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा डॉक्टर को आगे लाना भी चुनौती है।

इन शहरों में आईसीयू बेड भी आरक्षित
इंदौर, उज्जैन सहित अन्य शहरों में सरकारी के साथ ही प्राइवेट अस्पतालों में भी मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इसके लिए अलग-अलग अस्पतालों में बेड को आरक्षित किया गया है। हालांकि, अभी प्रशासन ने सख्ती या आदेश, निर्देश से बेड को आरक्षित करने का फैसला नहीं लिया है लेकिन, जल्द ही ऐसी स्थिति भी बन सकती है।

तय दर से 40% ज्यादा ले सकेंगे अस्पताल
कलेक्टर ने स्पष्ट कर दिया है कि फरवरी तक तय रेट लिस्ट के अनुसार 40% ज्यादा दर मरीजों से ले सकेंगे। इससे ज्यादा रुपए नहीं लिए जा सकेंगे।

कलेक्टर के साथ हमारी मीटिंग हुई थी। पॉजिटिव माइल्ड-टू-मॉडरेट मरीजों के लिए प्राइवेट अस्पताल को लेकर चर्चा हुई है, आईएमए के ज्यादातर डॉक्टर सेवा देने काे तैयार हैं। अभी हम अस्पताल की तलाश कर रहे हैं। आईएमए सहयोग करेगा। -डॉ. राजेश शर्मा, अध्यक्ष, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन



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