शर्तों का उल्लंघन करने पर जमानत निरस्त
दुष्कर्म के एक आरोपी को जमानत की शर्तों का उल्लंघन करना महँगा पड़ गया। अपर सत्र न्यायाधीश संजय कुमार शाही ने आरोपी की जमानत निरस्त करते हुए उसे दोबारा जेल भेजने के लिए आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है। प्रकरण के अनुसार सूजी मोहल्ला निवासी एक युवती ने शांति नगर दमोहनाका निवासी आयुष विश्वकर्मा के खिलाफ दुष्कर्म का प्रकरण दर्ज कराया था। इस मामले में आरोपी को जेल भेजा गया था।
आरोपी की ओर से प्रस्तुत जमानत याचिका पर विचार करने के बाद न्यायालय ने 31 जुलाई 2020 को उसे इस शर्त के साथ जमानत दी थी कि वह किसी भी प्रकार के अपराध की पुनरावृत्ति नहीं करेगा। मदन महल क्षेत्र में 4 अगस्त 2020 को आरोपी ने युवती के साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी।
युवती की ओर से अधिवक्ता रजनीश चौबे ने तर्क दिया कि आरोपी ने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है, इसलिए उसकी जमानत निरस्त की जाए। सुनवाई के बाद न्यायालय ने आरोपी को पूर्व में मिली जमानत निरस्त कर दी है।
जिला न्यायालय में 18 सितंबर को कार्य से विरत रहेंगे वकील
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए 18 सितंबर को जिला न्यायालय के वकील कार्य से विरत रहेंगे। इस दौरान जिला अधिवक्ता संघ की बिल्डिंग को सेनिटाइज कराया जाएगा। अध्यक्ष सुधीर नायक और सचिव राजेश तिवारी ने कहा है कि जिला न्यायालय के भी कई सदस्य पॉजिटिव हो चुके हैं। एजी ऑफिस के स्टाफ के पॉजिटिव आने के बाद हाईकोर्ट को पाँच दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। जिला अधिवक्ता संघ ने रजिस्ट्रार और जिला न्यायाधीश से जिला न्यायालय को भी पाँच दिन बंद करने की माँग की थी, लेकिन जिला न्यायालय में कामकाज बंद नहीं किया गया है। इसको देखते हुए 18 सितंबर को कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया गया है। पी-2
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