नए भारत के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेगी नई शिक्षा नीति : दुबे
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 नए भारत के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेगी। यह बात मंगलवार को सरस्वती विद्या मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आयोजित शिक्षक संगोष्ठी में सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान मध्यप्रदेश भोपाल के अध्यक्ष शिरोमणि दुबे ने कही।
कार्यक्रम की शुरुआत मां शारदे के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुई। अतिथि परिचय विद्यालय के प्राचार्य चंद्रसिंह सोनगरा ने करवाया। अतिथि स्वागत विद्यालय के आचार्य जितेंद्र मकवाना, यशवंत गुर्जर और दीप्ति साहू ने किया। दुबे ने यह भी कहा कि हमारा देश प्राचीन काल में शिक्षा का केंद्र था। विदेशों से विद्यार्थी अध्ययन के लिए भारत में आया करते थे।नालंदा और तक्षशिला विश्वविद्यालय प्रसिद्ध शिक्षा के केंद्र थे। परंतु धीरे-धीरे देश में विदेशी ताकतों का आगमन हुआ और उन्होंने हमारी सभ्यता, हमारी संस्कृति और हमारी शिक्षा व्यवस्था के ऊपर आघात किया। वर्तमान में बनाई गई शिक्षा नीति निश्चित रूप से भारत को ज्ञान का केंद्र बनाएगी। फिर से विश्व भारत की शिक्षा की तरफ आकर्षित होगा। बच्चों को स्कूलों में सैद्धांतिक शिक्षा के साथ-साथ व्यवसाय शिक्षा भी प्राप्त होगी। ताकि वे बेरोजगार ना रहें।
कार्यक्रम की भूमिका रखते हुए राजगढ़ विभाग के विभाग समन्वयक चंद्र पाठक ने कहा कि 34 वर्ष के बाद आई शिक्षा नीति से देश को बड़ी आशा है और निश्चित रूप से इस शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिए हम सभी को सकारात्मक सोच के साथ इसके क्रियान्वयन में जुट जाना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे शासकीय शिक्षक भगवान सिंह चौहान ने कहा कि शिशु मंदिर पचोर की ओर से आयोजित यह शिक्षक संगोष्ठी एक अच्छा प्रयास है।इसके माध्यम से हमें नई शिक्षा नीति के प्रारूप के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई। कार्यक्रम का संचालन दामोदर गुर्जर और आभार नीतू मित्तल
ने जताया।
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