नाके पर टोकन थमाकर ठेकाकर्मी वसूल रहे बालूरेत के 1500 व काली के 900 रु.
रेत परिवहन के लिए रॉयल्टी की जगह टोकन से रुपए वसूली को लेकर अकबरपुर फाटे पर शुक्रवार शाम विवाद हुआ। पथराव व मारपीट में दो ट्रैक्टर चालक व एक ठेकाकर्मी घायल हुआ। इसके बाद भी क्षेत्र में नाके लगाकर टोकन के नाम पर वसूली का काम चलता रहा। यहां रॉयल्टी की जगह टोकन देकर बालू रेत से भरे ट्रैक्टर के 1500 व काली रेत के ट्रैक्टर के 900 रुपए वसूले जा रहे हैं। क्षेत्र में इस तरह के 4 से अधिक जगह नाके लगे हुए है। यहां राशि चुकाने के बाद ही वाहन आगे बढ़ पाता है। नर्मदा किनारे अवैध रेत उत्खनन का सिलसिला लंबे समय से चल रहा। निजी कंपनी के माध्यम से रेत उत्खनन का ठेका लिया गया। नियमानुसार रेत परिवहन करने वालों से रॉयल्टी ली जाना चाहिए। लेकिन इसके बजाय टोकन थमाए जा रहे हैं।
पिस्टल थी, चलाई नहीं, मारपीट व तोड़फोड़ का केस दर्ज
अकबरपुरा में शुक्रवार शाम रॉयल्टी की बजाय टोकन थमाने से ही विवाद गहराया। यहां हवाई फायरिंग तक की बात सामने आई। हालांकि पुलिस ने हवाई फायर के मामले को सिरे से नकारते हुए कहा ऐसा कोई मामला नहीं था। कंपनी कर्मचारी के पास पिस्टल थी, लेकिन चलाई नहीं। दूसरे पक्ष ने पथराव किया। चारपहिया वाहन के कांच तोड़े। टीआई माधवसिंह ठाकुर ने बताया अकबरपुर विवाद के मामले में संजय पटेल व पप्पू मोरे ने शिकायत की है कि कंपनी के कर्मचारी रंजीत शर्मा व संतोष ठाकुर ने मारपीट की। वहीं रंजीत शर्मा व संतोष ठाकुर का कहना है कि संजय व पप्पू ने रॉयल्टी नहीं देकर गालीगलौज व मारपीट की। चारपहिया वाहन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। तोड़फोड़ व मारपीट का केस दर्ज किया गया है। दोनों पक्षों के कथन के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
टोकन लेने के बाद भी कार्रवाई का डर
रेत परिवहन से जुड़े लोगों का कहना है क्षेत्र में जगह-जगह रेत कंपनी के कर्मचारियों ने नाकाबंदी की हुई है। खदान से वाहन लेकर जाते ही बीच में रोककर रॉयल्टी की बजाय टोकन थमाया जा रहे हैं। बालूरेत के ट्रैक्टर से 1500 रुपए टोकन व खदान पर भराई के 2500 और काली रेत का टोकन 900 रुपए व भराई 2400 रुपए वसूली जा रही है। जबकि टोकन का कहीं से कहीं तक कोई नियम नहीं है। टोकन लेने के बाद भी पुलिस, खनिज व राजस्व विभाग की कार्रवाई का डर रहता है। रॉयल्टी स्थान पर टोकन कागज पर लिखा हुआ वह दिया जा रहा है। एबी रोड से जुड़े भोईंदा, चिचली व कठोरा क्षेत्र में 6 स्थानों पर नाके लगाए हैं। इसी तरह अकबरपुर फाटा, सायता रोड, बडगांव रोड, माकड़खेड़ा के लेपा रोड व दोगांवा रोड पर नाका बना रखा है।
खदान के अलावा भी खुदाई
रेत उत्खनन को लेकर क्षेत्र में पहले भी बडगांव, माकड़खेड़ा, अकबरपुर व भोईंदा में विवाद गहरा चुके है। इस समस्या के स्थायी निराकरण के लिए प्रशासन को रॉयल्टी पर ही रेत परिवहन को लेकर आवश्यक कदम उठाना चाहिए। इसके साथ ही खदान के अलावा भी हो रही खुदाई पर रोक लगाना चाहिए। भोईंदा व चिचली क्षेत्र मे डेढ़ साल पहले खुदाई की गई थी। वहां घन मीटर के हिसाब से खुदाई को चिन्हित किया गया था। साथ ही रिकवरी के निर्देश भी जारी थे। इसी तरह महेश्वर हाइडल प्रोजेक्ट की डूब में शामिल लेपा गांव में भी उत्खनन चल रहा है। शिकायतों के बाद एनजीटी की टीम ने निरीक्षण किया था। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। बता दें यहां अब भी रेत का उत्खनन होने से नर्मदा के किनारे खत्म हो रहे है। तेज बारिश व बाढ़ के समय खतरा बना रहता है।
दो माह पहले दिया था ज्ञापन
दो माह पहले रेत के दाम बढ़ाने से परेशान कारीगर, सेटिंग व्यवसायी व रेत परिवहन से जुड़े मजदूरों व ट्रैक्टर चालकों ने कलेक्टर के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा था। इसमें टोकन की जगह रॉयल्टी पर रेत देने की मांग की गई थी। इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
टोकन देने का नियम नहीं है
^मप्र में रेत परिवहन के लिए टोकन देने का कोई नियम नहीं है। ठेकेदार या किसी को भी रेत या खनिज से जुड़े हुए किसी भी प्रकार के परिवहन के लिए रॉयल्टी अनिवार्य है। बिना रॉयल्टी के रेत उत्खनन व परिवहन पर संबंधित के खिलाफ अवैध खनन का केस दर्ज व जुर्माना लगाया जाएगा। हाईकोर्ट के निर्देशानुसार पुलिस चोरी का प्रकरण भी दर्ज कर सकती हैं।
सावन चौहान, खनिज अधिकारी
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