एक कराेड़ का काेविड अाईसीयू वार्ड कागजाें में चालू, हकीकत मंे बंद, मरीज इंदाैर में करा रहे इलाज

जिला अस्पताल में कोरोना के मरीजाें का बेहतर ढंग से इलाज हाे सके इसके लिए काेविड आईसीयू वार्ड एक कराेड़ रुपए की लागत से लगभग दाे माह पहले तैयार किया गया था, किंतु इस सुविधा का लाभ काेविड के मरीजाें काे नहीं मिल पा रहा है। कहने काे ताे काेविड का यह आईसीयू वार्ड चालू है, किंतु हकीकत यह है कि दस बेड हैं सभी खाली पड़े हुए हैं।
काेविड के पाॅजिटिव मरीज या ताे हाेम क्वारेंटाइन हैं या फिर इंदाैर में इलाज करा रहे हैं। स्थिति ताे यह भी है कि सिविल सर्जन कह रहे हैं कि नहीं काेई दिक्कत नहीं है, आईसीयू वार्ड चालू है, जबकि उन्हाेंने ही नबंवर में एक पत्र उच्चाधिकारियों काे लिखा है, जिसमें आईसीयू वार्ड में सुविधाओं बढ़ाने की मांग की है। वहीं, सीएमएचओ डाॅ. एमपी शर्मा के बयान खुद इस बात की पुष्टि करते हैं कि काेविड के मरीज जिला अस्पताल के काेविड आईसीयू वार्ड में भर्ती हाेने के बजाए इंदाैर इलाज कराने जा रहे हैं। वह ऐसे कि अब से लगभग एक माह पहले उन्हाेंने ही भास्कर काे बताया कि 17 मरीज ट्रेस नहीं हाे पा रहे हैँ। उन्हें हाेम क्वारेंटाइन की सलाह दी गई थी, बाद में जब भास्कर ने उनसे सात दिन बाद इस संबंध में अपडेट लिया ताे उन्हाेंने कहा था कि इनमें से ज्यादातर मरीज बिना बताए इलाज कराने इंदाैर चले गए थे।
सीएमएचओ के इस बयान से स्पष्ट है कि काेविड के मरीज जिला अस्पताल में इलाज कराने के बजाए इंदाैर में इलाज कराना ज्यादा ठीक समझ रहे हैं। एेसे में एक कराेड़ की लागत से तैयार यह आईसीयू वार्ड कागजाें में ताे संचालित हाे रहा है, लेकिन हकीकत में बंद ही है।
सिविल सर्जन ने नवंबर में मिशन संचालक एनएचएम भाेपाल काे पत्र लिखा है, जिसमें यह मांग की है कि जिला अस्पताल में नवनिर्मित काेविड आईसीयू वार्ड में स्टाेर रूम नहीं है, जिसे बनवाना है। ये भी लिखा कि डाफिंग रूम में एक वाॅश बेसिन लगवाना है। यह भी सुझाव दिया गया है कि वार्ड में प्रवेश और निर्गम हेतु एक ही गेट है, आपातकालीन परिस्थिति के लिए एक गेट और हाेना चाहिए। आईसीयू वार्ड में चिकित्सक एवं नर्सिंग स्टाफ रूम नहीं है। यह भी बनवाया जाना है।
उपचुनाव के दाैरान कर दिया था औपचारिक शुभारंभ
स्थिति ताे यह भी है कि विधानसभा उपचुनाव के कुछ समय पहले औपचारिक रूप से वार्ड का शुभारंभ कर दिया था पर उसका लाभ वर्तमान में नहीं मिल रहा है, क्योंकि टेक्निकल रूप से अभी बहुत कमी हैं।
काेविड के आईसीयू वार्ड में
यह काम हाेना बाकी
जिला अस्पताल के कुछ डाॅक्टराें ने नाम ने छापने की शर्त पर बताया कि काेविड के आईसीयू वार्ड में अभी कई काम शेष हैं। जैसे कि अभी हर पलंग पर नेगेटिव सेक्शन नहीं बने जो आवश्यक है। पर्चेस कमेटी द्वारा आईसीयू वार्ड के लिए पिछले एक माह से नया जनरेटर खरीदने के स्वीकृति भेज दी पर अभी तक नहीं आया। ऐसे में अचानक बिजली जाने पर बेहतर जनरेटर चाहिए वो अभी नहीं है। स्टोर रूम नहीं है। डाॅक्टर और महिला मेडिकल स्टाफ के लिए बैठने जगह नहीं है। सुविधाघर एक ही है, जिसमें महिला एवं पुरुष दोनों को उपयोग करना होगा।
सीधी बात
डाॅ अतुल बिडबई, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल
नए कनेक्शन के लिए पत्र लिखा है
- क्या काेविड आईसीयू वार्ड चालू है?
सिविल सर्जन : हां चालू है - उसमें ताे टेक्नीकल स्तर पर बहुत कमियां हैं
-नहीं काेई कमी नहीं है। - काेविड के आईसीयू वार्ड में जनरेटर नहीं हैै?
-अभी हमने पुराने जनरेटर से कनेक्शन दिया है, नए के लिए पत्र लिखा है। - काेविड के आईसीयू वार्ड में अब तक कितने मरीज भर्ती हुए हैं?
-अभी उसकी जरूरत ही नहीं पड़ रही है। - सीएमएचओ खुद पॉजिटिव हैं और वे यहां भर्ती क्याें नहीं हुए ?
-वाे इंदाैर में उपचार करा रहे हैं, क्याेंकि वे इंदाैर के ही हैं।
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