घरों में रहे मरीजों को दिए जा रहे पल्स ऑक्सीमीटर

इंदौर. होम आइसोलेशन वाले पॉजिटिव मरीजों को जिला प्रशासन पल्स ऑक्सीमीटर देने जा रहा है। इन्हें दिन में तीन से चार बार इससे शरीर में ऑक्सीजन का स्तर लेना होगा और उसकी रीडिंग मोबाइल एप्लीकेशन पर अपलोड करना होगी। जिससे कंट्रोल रूम में बैठी डॉक्टरों की टीम मॉनिटरिंग कर सके। यदि किसी में ऑक्सीजन का स्तर कम होता है तो तुरंत एम्बुलेंस भेजकर मरीज को अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने सौ नए पल्स ऑक्सीमीटर सिर्फ मरीजों के लिए खरीदे हैं। अभी सिर्फ पांच पॉजिटिव मरीजों को ही होम आइसोलेशन में रखा गया है।
सरकार ने ए-सिम्टाेमेटिक यानी ऐसे मरीज जिनमें बीमारी के कोई लक्षण नहीं है, उन्हें होम आइसोलेशन में रहने की अनुमति दी है। नई गाइडलाइन के अनुसार जिन मरीजों में बीमारी का कोई लक्षण नहीं है उन्हें होम आइसोलेशन में रखा जा सकता है। लेकिन उसके लिए शर्तें तय कर दी गई है। ऐसे लोगों को चिन्हित किया गया है जिनके घर बड़े हों। कमरे में अटैच वॉशरूम हो ताकि बाहर निकलने की जरूरत नहीं पड़े। घर में ऐसा कोई सदस्य हो जो खाने-पीने का ध्यान रख सके। एप्लीकेशन में उन्हें तीन-चार अपडेट करना होगा। कंट्रोल रूम में डॉक्टरों की टीम उसकी मॉनीटरिंग करेगी। इनमें से किसी के भी पैरामीटर खराब हो गए ताे तत्काल एम्बुलेंस भेज देंगे। बार-बार हेल्थ वर्कर काे देखना नहीं पड़ेगा।
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