छोटे भाई ने बेटे को बंदी बना लिया है, हाईकोर्ट ने कहा-बेटा जैविक पिता के पास
हाईकोर्ट में रिश्तों की मर्यादा को तार-तार करने का मामला सामने आया। इसमें बड़े भाई जयसिंह कुशवाह ने छोटे भाई पर ही 10 साल के बेटे को बंदी बनाने का आरोप लगाया और कोर्ट से गुहार लगाई कि बेटे को कैद से मुक्त कराया जाए।
हालांकि, कोर्ट के समक्ष जब सारी जानकारी प्रस्तुत की गई तो कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी, कहा कि याचिकाकर्ता ने यह बात छुपाई कि जिस व्यक्ति पर वह बेटे को बंदी बनाने का आरोप लगा रहा है, वह उसका भाई है और उसके बेटे का जैविक पिता भी है। मुंहबोले पिता की मार से तंग आकर वह अपने जैविक पिता के पास चला गया। ऐसे में यह कहना गलत है कि बेटे को बंदी बनाकर रखा गया है। हालांकि, कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि याचिकाकर्ता को यदि यह लगता है कि बेटे का भविष्य उसके जैविक पिता के हाथों में सुरक्षित नहीं है, तो वह उसकी सुपुर्दगी के लिए आवेदन दे सकता है।
बेटा बोला-पापा मुझे मारते हैं इसलिए मैं घर छोड़कर भाग गया था
एडवोकेट अनमोल खेड़कर ने बताया कि जय सिंह कुशवाह ने याचिका में इसका उल्लेख ही नहीं किया कि वह बेटे का जैविक पिता नहीं है और छोटे भाई देवेंद्र पर आरोप लगाया कि वह बेटे को उठाकर ले गया। वीसी के माध्यम से हुई सुनवाई में कोर्ट के समक्ष देवेंद्र के बेटे को भी पेश किया गया। उसने बताया कि जय सिंह कुशवाह उसे मारते हैं। इस कारण वह घर छोड़कर भाग गया। देवेंद्र ने बताया कि शादी के कुछ समय बाद उसकी पत्नी का निधन हो गया, जिसके बाद उसने दूसरी शादी कर ली। बेटे के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उसने बेटे को भाई को दे दिया लेकिन उन्होंने बेटे को विधिवत गोद नहीं लिया। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।
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