8 फीवर क्लीनिक पर आरएटी किट से होगी कोरोना की जांच

जिले में कोरोना संक्रमण लगातार तेजी से फैल रहा है। लोग इस बीमारी से दहशत में है। पॉजिटिव के साथ मृतकों का बढ़ता आंकड़ा भी प्रशासन के लिए चिंता बना हुआ है। सर्दी, खांसी, बुखार के मरीज मेडिकल या निजी अस्पताल से गोली-दवा लाकर घर पर ही इलाज करवा रहे हैं जो बिना लक्षण वाले कोरोना मरीज हो सकते हैं। वे आइसोलेशन वार्ड में जाने से बचने के लिए फीवर क्लीनिक पर जांच कराने नहीं पहुंच रहे हैं। ऐसे लोगों के लिए यह राहत वाली खबर है। सोमवार से जिले के 8 फीवर क्लीनिक पर रैपिड एंटीजन टेस्ट किट से मरीज के सैंपल की जांच होगी। आधे घंटे में रिपोर्ट मिल जाएगी। बिना लक्षण वाले मरीजों को अब आइसोलेशन वार्ड में नहीं भेजा जाएगा। उन्हें घर पर ही होम आइसोलेट करेंगे। इनकी स्वास्थ्य विभाग के कंट्रोल रूम से मॉनिटरिंग की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग की टीम कोरोना संदिग्ध मरीजों के सैंपल लेकर जांच के लिए रतलाम, इंदौर, भोपाल व जिला अस्पताल की लैब में भेज रही है। दूसरे शहरों से रिपोर्ट आने में दो से तीन दिन का समय लग रहा है। मरीज को समय पर जानकारी नहीं मिलती कि वह पॉजिटिव है। अब स्वास्थ्य विभाग ने नए व्यवस्था की है। जिले में संचालित आठ फीवर क्लीनिक पर ही कोरोना सैंपल की जांच शुरू हो जाएगी। मरीजों को सैंपल देने के बाद वहीं पर बैठाया जाएगा। रैपिड एंटीजन टेस्ट किट से क्लीनिक की टीम जांच करेगी और 20 से 30 मिनट में रिपोर्ट मिल जाएगी। इसमें बिना लक्षण वाले पॉजिटिव मरीज मिलने पर उन्हें घर पर शासन की गाइडलाइन अनुसार सर्वसुविधा युक्त मकान होने पर होम आइसोलेट किया जाएगा। सिर्फ कोरोना लक्षण वाले पॉजिटिव को ही आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करने के लिए भेजा जाएगा।
सोमवार से शुरू हो जाएंगी जांच
सिविल सर्जन डॉ. बीएल रावत ने कहा कि जिले में जिला अस्पताल नीमच, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जीरन, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पालसोड़ा, सिविल अस्पताल रामपुरा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनासा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुकड़ेश्वर, सिविल अस्पताल जावद तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिंगोली में फीवर क्लीनिक संचालित है। इन स्थानों पर कोरोना सैंपल की जांच के लिए जिला अस्पताल प्रबंधन को 750 रैपिड एंटीजन टेस्ट किट मिली है। जो सभी क्लीनिक पर भेजी जा रही है। सोमवार से इस किट के माध्यम से सैंपल की जांच शुरू हो जाएगी।
आइसोलेशन वार्ड में भर्ती नहीं करेंगे
सिविल सर्जन ने बताया कि रामपुरा, मनासा, कुकड़ेश्वर, जावद, सिंगोली के फीवर क्लीनिक पर मरीजों के सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर बिना लक्षण वालों को होम आइसोलेट करेंगे। जबकि कोरोना पॉजिटिव को पहले इन्हीं सेंटर के अस्पताल में भर्ती कर उपचार दिया जाएगा। कोई मरीज रिकवर नहीं होता है तो उसे जिला अस्पताल आइसोलेशन वार्ड में भेजा जाएगा।
यह भी जानिए... कौन सी जांच कब होगी
कोविड-19 की जांच के लिए कई तरह के टेस्ट किए जा रहे हैं। ज्यादातर लोग इन जांच में फर्क नहीं समझ पा रहे हैं। जैसे आरटी- पीसीआर, रैपिड एंटीजन टेस्ट और ट्रू नेट टेस्ट में क्या अंतर यह कैसे समझें। जानिए कोरोना की कौन सी जांच कब होगी...
आरटी- पीसीआर टेस्ट
क्या है: कोरोना वायरस की जांच का तरीका है। इसमें वायरस के आरएनए की जांच की जाती है। आरएनए वायरस का जेनेटिक मटीरियल है।
तरीका क्या है : नाक एवं गले के तालू से स्वाब लिया जाता है। ये टेस्ट लैब में ही किए जाते हैं।
रिजल्ट आने में कितना समय लगता है : 12 से 16 घंटे
एक्यूरेसी कितनी है : इस पद्धति की विश्वसनीयता लगभग 60% है। संक्रमण के बाद भी टेस्ट निगेटिव आ सकता है। मरीज को लक्षणिक रूप से भी देखा जाना जरूरी है।
रैपिड एंटीजन टेस्ट (रैट)
क्या है: कोरोना संक्रमण के वायरस की जांच की जाती है।
तरीका क्या है : नाक से स्वाब लिया जाता है। वायरस में पाए जाने वाले एंटीजन का पता चलता है।
रिजल्ट आने में कितना समय लगता है : 20 से 30 मिनट
एक्यूरेसी कितनी है :अगर टेस्ट पॉजिटिव है तो इसकी विश्वसनीयता लगभग 100% है। मगर 30-40 % मामलों में यह निगेटिव रह सकता है। उस स्थिति में आरटी-पीसीआर टेस्ट किया जा सकता है।
आरटी- पीसीआर टेस्ट
क्या है : ट्रू नेट मशीन के द्वारा न्यूक्लिक एम्प्लीफाइड टेस्ट किया जाता है। इस मशीन से टीबी व एचआईवी संक्रमण की जांच की जाती है। अब कोरोना का स्क्रीन टेस्ट किया जा रहा है।
तरीका क्या है :नाक या गले से स्वाब लिया जाता है। इसमें वायरस के न्यूक्लियिक मटीरियल को ब्रेक कर डीएनए और आरएनए जांचा जाता है।
रिजल्ट आने में कितना समय लगता है : तीन से चार घंटे
एक्यूरेसी कितनी है : 60 से 70 % मरीजों में कोरोना के संक्रमण की संभावना को बताता है। निगेटिव होने पर आरटी-पीसीआर किया जा सकता है।
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