उज्जैन-देवास में कोरोना मरीज 60-90% होम आइसोलेशन
कोरोना को लेकर अदूरदर्शी सरकार ओर स्वास्थय महकमे की पोल हाल ही में स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़ों ने खाेली है। भास्कर के हाथ लगे यह आंकड़े चौंकाते हैं। उज्जैन और देवास में मिले 66 से 94% कोरोना पॉजीटिव होम आइसोलेशन में हैं यानी यहां कुल संक्रमितों में से 6 से 34% ही कोविड सेंटरों में हैं। मंदसौर, शाजापुर, आगर, रतलाम और नीमच में भी कमोबेश यही हाल है।
भास्कर पड़ताल में सामने आया है कि रतलाम में उज्जैन से अधिक संक्रमित मरीज मिलने पर यहां पहुंचे जांच दल ने माना कि संक्रमित की संख्या बढ़ने का कारण पाॅजिटिव मरीजों को होम आइसोलेट करना है, जिनकी मॉनीटरिंग नहीं की जा रही। होम आइसोलेट से पहले यह पता भी नहीं किया जाता कि संक्रमित को रखने के लिए परिवार के पास एक पृथक कमरा विथ अटैच लेथ बॉथ है भी या नहीं। नतीजा 10x50 के घर में रहने वाले संक्रमित अन्य परिजनों को भी संक्रमण की चपेट में ले रहेे हैं।
ये हैं चार सवाल, हमको जिनके जवाब चाहिए
- संभाग के 7 जिलों के सेंटरों में बेड खाली तो होम आइसोलेशन में रखने में सरकार की मंशा क्या?
- सातों जिलों की सभी तहसीलों में सरकारी अस्पताल, इन्हें कोविड सेंटर बनाकर संक्रमितों को क्यों नहीं रखा जा रहा...?
- जगह या मैन पॉवर की समस्या है तो सरकारी स्कूल बंद हैं, यहां अन्य मरीजों को शिफ्ट कर, जावरा की तरह अन्य तहसीलों के संक्रमितों को आइसोलेट करने में आखिर क्या परेशानी है...?
- मरीजों को स्वच्छ व खुले स्थान में रखने का प्रोटोकाॅल है। क्या सरकार यह मान चुकी कि होम आइसोलेशन में हर मरीज के पास एक कमरा विथ अटैच लेट-बॉथ हैं, जिससे वो अन्य परिजन के संपर्क में नहीं आएगा...?
10x50 जैसे छाेटे घरों वाले संक्रमित से कैसे बचें परिजन
यह स्थिति तब है, जब देश-विदेश में चल रही रिसर्च में यह संभावना जताई जा रही है कि कि शीतकाल मेें कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आ चुकी है। बावजूद उज्जैन में एक्टिव केस 275 में से 182 (66%) संक्रमित होम आइसोलेशन मेें है। देवास में तो हालात और चौंकाने वाले हैं।
यहां मिले 155 एक्टिव केस में से 146 (94%) होम आइसोलेट हैं। रतलाम में 34%, नीमच में 66%, शाजापुर मेें 70%, मंदसौर में 9%,आगर में 68% संक्रमित हाेम आइसोलेशन में रखे गए हैं। यह आंकड़े कोविड केयर सेंटरों के हैं, जहां कम लक्षण के मरीज रखे जाते हैं।
तहसील स्तर पर कोविड सेंटर बनाने से पॉजिटिव केस में आ सकती कमी
पॉजिटिव रेट संभाग मे लगातार बढ़ रहा है। दीपावली के समय बाजारों मे भीड़ इसका एक कारण है। रतलाम में जांच के दौरान यह 42% था जो शनिवार को 34% मिला। वही होम आइसोलेशन का प्रतिशत 42% होना भी एक महत्वपूर्ण कारण रहा है।
त्योहार और शादियों के इस दौर मे होम आइसोलेशन की निगरानी अच्छे से नहीं हो पाई। हमको होम आइसोलेशन को कम करना होगा, तहसील स्तर पर कोविड केयर सेंटर प्रारंभ करने होंगे। रतलाम के जावरा में कोविड केयर सेंटर बहुत अच्छे से कार्य कर रहा है ऐसा ही अन्य जिलों की तहसीलों में भी किया जाना चाहिए।
-डॉ. संजीव कुमरावत, डिप्टी डायरेक्टर, हैल्थ सर्विसेज, उज्जैन संभाग
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