यूरिया का संकट नहीं मांग के अनुसार मिलेगा, पिछले साल से डेढ़ गुना आया

पिछले वर्षो के मुकाबले इस बार जिले के खाद वितरण केंद्रों पर खाद को लेकर काेई भी समस्या नहीं है। पहली बार किसानों को बोवनी के समय भी खाद के लिए भटकना नहीं पड़ रहा है।
इस बार खादी की पूर्ति पर्याप्त मात्रा में होने से किसान भी खुश हैं। हर बार की कमी को ध्यान में रखते हुए कुछ किसानों ने तो एक माह पूर्व ही यूरिया की व्यवस्था कर ली है। इस बार बीते वर्ष 31 हजार टन की तुलना में अभी तक 45 हजार टन यूरिया आ गया है। जो बीते वर्ष की अपेक्षा डेढ गुना अधिक है।
वर्तमान में यूरिया की कोई कमी नहीं है। इसी प्रकर डीएपी की भी पर्याप्त व्यवस्था हो गई है। किसानों की मांग के अनुसार खाद उपलब्ध कराया जा रहा है। 10 हजार टन डीएपी की उपलब्धता हो चुकी है। अभी भी जिले में 9 हजार मीट्रिक टन यूरिया भंडारित है। संयुक्त संचालक कृषि जितेंद्र सिंह ने बताया कि यदि निर्धारित दाम से अधिक दाम पर विक्रय करते हुए कोई पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
खाद की कोई कमी नहीं
जिले में इस बार खाद की कोई कमी नहीं है। लगातार रैक आती जा रही है। किसानों को खाद की कमी नहीं आने दी जाएगी। आने वाले समय में और खाद आती रहेगी।
- याेगेंद्र बेडा, एडीए
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