त्योहार मनाने का उद्देश्य टूटे हुए परिवार को मिलाना है: सांई रमेश
आज के दौर में युवा पीढ़ी बुजुर्गों की बात नहीं मानती, यही वजह है कि परिवार टूट रहे हैं। परिवार को टूटने से बचाने के लिए ही त्योहार मनाए जाते हैं। ताकि सभी त्योहार परिवार के लोग समाज के साथ एकत्रित होकर मनाएं। इससे ही परिवार का विघटन बचेगा।
यह बात कटनी वाले स्वामी शांतिप्रकाश आश्रम के पीठाधीश्वर सांई रमेश प्रकाश महाराज ने सीहोर की सिंधी कॉलोनी में कही। वे भोपाल से इंदौर जा रहे थे। संत सतरामदास मिशन और सखी बाबा आसूदाराम सेवा समिति के साथ प्रेम प्रकाश मंडल के के अनुरोध पर सांई अल्प प्रवास के लिए सीहोर में रुके। उन्होंने समाजजनों को 16 जुलाई से 25 अगस्त तक चल रहे झूलेलाल चालीसा का महत्व बताया। कोरोना संक्रमण के चलते उन्होंने ज्यादा संख्या में श्रद्धालुओं के इकट्ठे होने पर मना कर दिया था। सांई रमेश प्रकाश जी यहां करीब एक घंटे रुके। इसके बाद वे इंदौर के लिए रवाना हो गए। इस मौके पर हिमांशी असनानी, नंदकिशोर संधानी, राजेंद्र दासवानी, पूनम चंद्रकांत दासवानी, ओम जादवानी, नंदलाल जादवानी, बाबूभाई असनानी, संजय झमटानी, नरेश दासवानी, भारत दासवानी, राधे पंजवानी, मधु फुलवानी, शीलू मूलचंदानी, आशा गोगिया, मीना तलरेजा, उषा झमटानी, मीना दासवानी सहित बड़ी संख्या में संत सतराम दास मिशन, सखी बाबा आसूदाराम सेवा समिति और प्रेम प्रकाश मंडल के सदस्य मौजूद थे।
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