समर्थन मूल्य पर 76435 क्विंटल ज्यादा गेहूं खरीदी क्योंकि लॉकडाउन में बंद रही मंडियां

समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी बंद हो चुकी है। पिछले साल की तुलना में इस बार किसानों ने पंजीयन कम करवाया। इसके बाद भी इस बार पिछले साल की तुलना में 76435 क्विंटल अधिक खरीदी हुई। जबकि करीब ढाई हजार किसान अपनी उपज समर्थन मूल्य केंद्र पर नहीं ले गए। बंपर उत्पादन व बेहतर खरीदी से क्षेत्र के सारे वेयरहाउस फुल हो चुके है और अब भी उपार्जन केंद्रों पर गेहूं परिवहन के लिए रखा हुआ है। इस बार अधिक खरीदी का कारण लॉकडाउन के कारण मंडियां बंद रहने को माना जा रहा है।
मंडियां बंद रहने से किसानों ने समर्थन मूल्य पर ही उपज बेचना उचित समझा। विकासखंड में इस साल 10 खरीदी केंद्र पर 1925 रुपए समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी की गई। इन केंद्रों पर पंजीकृत 6087 किसानों में से 3555 किसानों से 206053 क्विंटल खरीदी की गई। जबकि पिछले साल पंजीकृत 8000 किसानों में से 2275 किसान 129618 क्विंटल गेहूं लेकर खरीदी केंद्र पहुंचे थे।
पिछले साल हुई अतिवृष्टि से जलस्रोतों में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी होने का किसानों काे फायदा मिला। समय-समय पर सिंचाई व मौसम अनुकूल होने से गेहूं का बंफर उत्पादन हुआ। लॉकडाउन के चलते कसरावद और गेहूं की सर्वाधिक खरीदी वाली निमरानी उपमंडी बंद रही है। किसान अपनी उपज यहां नहीं बेच सके। खरीफ फसल की तैयारी व खाद-बीज के लिए आर्थिक जरूरतें पूरी करने किसान अपनी उपज लेकर समर्थन मूल्य केंद्रों पर पहुंचे।

अब बारिश से नुकसान की आशंका
बंफर उत्पादन व खरीदी से क्षेत्र के वेयरहाउस भर गए। अब भी कुछ केंद्रों पर गेहूं रखा हुआ है। कृषि उपज मंडी परिसर में बड़ी मात्रा में गेहूं परिवहन के लिए रखा हुआ है। दो दिन से बदले मौसम व बारिश की आशंका के चलते सहकारिता विभाग गेहूं के परिवहन की तैयारी कर रहा है। यदि बारिश होती है तो केंद्र पर रखे गेहूं व चना का नुकसान हो सकता है।
9 जून तक होगी
चना खरीदी

समर्थन मूल्य 4875 रुपए पर देवश्री मार्केटिंग सोसायटी चना खरीदी कर रही है। अब तक 620 किसानों से 11350 क्विंटल खरीदी हो चुकी है। फिलहाल निमरानी क्षेत्र में चने का परिवहन किया जा रहा है। सोसायटी प्रबंधक मोहन मालाकार ने बताया 9 जून तक चने की खरीदी करने के आदेश है।

केंद्रों पर रखे गेहूं के परिवहन के प्रयास जारी है
लाॅकडाउन के कारण किसानों का रुझान समर्थन मूल्य खरीदी केंद्रों पर अधिक रहा। यदि ऐसी स्थिति नहीं बनती तो निमरानी उपमंडी में उत्पादन के 50 फीसदी गेहूं की खरीदी हो जाती है। केंद्रों पर रखे गेहूं के परिवहन के प्रयास किए जा रहे हैं। - वीरेंद्रसिंह चौहान, खाद्य निरीक्षक

उपार्जन केंद्रों पर गेहूं खरीदी की स्थिति
केंद्र किसान खरीदी मात्रा
(क्विंटल में)
खामखेड़ा 445 26382
बोरावां 514 26622.50
बामखल 446 28534.50
बलकवाड़ा 325 16712
भीलगांव 287 18019.50
पीपलगोन 304 17438.46
बामंदी 308 14955.93
निमरानी 325 21795
कसरावद 239 18622
साटकुर 362 16972
(आंकड़े खाद्य विभाग के
अनुसार)

सौभाग्य योजना में गांवों तक पहुंचाएं बिजली

भगवानपुरा | भारतीय किसान संघ मालवा प्रांत ने सोमवार को किसानों की 12 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। तहसीलदार केशिया सोलंकी को दिए ज्ञापन में संघ ने लिखा कि क्षेत्र में आज तक कई इलाकों में बिजली नहीं पहुंची है। उन्हें सौभाग्य योजना के तहत घरेलू बिजली से जोड़ा जाए। जहां बिजली के मीटर नहीं लगने के बाद भी बिल आ रहे हैं उन्हें निरस्त किया जाए। कपिलधारा कुओं पर शासन की घोषणा अनुसार जल्द ही बिजली पहुंचाई जाए। संघ ने कहा- समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी की तारीख बढ़ाकर 15 जून की जाए। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा था कि खरीदी देर से होती है तो समर्थन केंद्र कम से कम 90 दिन तक किसानों की उपज खरीदें। जिला उपाध्यक्ष भोला काका, संजय मराठा, पठानसिंह, गोविंदसिंह, गजेंद्र चौहान, राजेंद्र मुजाल्दे, प्रेमसिंह सोलंकी आदि मौजूद थे।





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Bought 76435 quintals more wheat at support price as mandis closed in lockdown


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