हिन्दी मीडियम अंग्रेजी मीडियम

माध्यमिक शिक्षा मंडल की दसवीं की परीक्षा का रिजल्ट शनिवार को आया। लॉकडाउन के कारण हिंदी मीडियम का हिंदी का पर्चा नहीं हुआ जबकि इंग्लिश मीडियम में इंग्लिश स्पेशल और हिंदी जनरल का पर्चा नहीं हुआ। माध्यमिक शिक्षा मंडल ने इन विषयों की एग्जाम नहीं होने पर इसमें जनरल प्रमोशन दिया है। इससे हिंदी मीडियम में पढ़ने वाले स्टूडेंट को केवल एक विषय और इंग्लिश मीडियम में पढ़ने वाले स्टूडेंट को दो विषय में जनरल प्रमोशन मिला। इंग्लिश मीडियम के विद्यार्थी मेरिट के लिहाज से फायदे में रहे। वहीं हिंदी वाले पिछड़ गए। प्रदेश की मेरिट में दो व जिले की मेरिट में तीन स्टूडेंट ने बाजी मारी।

दसवीं का रिजल्ट इस बार तीन साल में सबसे कमजोर रहा। तीन साल पहले रिजल्ट 70.73 फीसदी रिजल्ट था। इस बार 65.26 फीसदी रिजल्ट रहा है। कमजोर रिजल्ट की वजह से हम प्रदेश में पिछड़ गए। इस बार हम प्रदेश में 18वें स्थान पर रहे। जबकि पिछले साल हमारा जिला छठे स्थान पर आया था। अब शिक्षा विभाग रिजल्ट की समीक्षा करेगा और कमजोर रिजल्ट वाले स्कूलों के प्राचार्यों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

3177 स्टूडेंट हुए फेल, 1656 को आई सप्लीमेंट्री
हाईस्कूल के लिए जिले के 14,077 बच्चों ने फाॅर्म भरा था। इसमें से 13,928 स्टूडेंट शामिल हुए थे। इसमें 13,915 स्टूडेंड का रिजल्ट जारी हुआ। इसमें से 5,463 स्टूडेंट फर्स्ट डिविजन, 3,582 स्टूडेंट सेकंड डिविजन एवं 37 स्टूडेंट थर्ड डिविजन रहे। वहीं 1656 स्टूडेंट को सप्लीमेंट्री आई है और 3177 स्टूडेंट फैल हुए हैं।

रतलाम जिले की मेरिट में पहले और दूसरे स्थान पर आईं गांव की बेटियां

पूजा पाटीदार
अंक: 400/393
पिता: राधेश्याम पाटीदार किसान, माता नर्मदाबाई गृहिणी, ग्राम कलालिया

सुहाना मेव
अंक: 400/391
पिता- फिरोज मेव वेल्डिंग व्यवसायी, माता नौशाद बी, ग्राम शिवगढ़
हीरल बोहरा
अंक: 300/293
पिता: राजेश बोहरा किराना व्यवसायी, माता संगीता बोहरा गृहिणी, रतलाम
हर्षिता गौड़
अंक: 300/293
पिता: गोविंद गौड़, शेयर ब्रोकर, माता-मीना गौड़ गृहिणी, रतलाम
प्रियांशु पाटीदार
अंक: 300/293
पिता: चंद्रप्रकाश पाटीदार किसान, माता-चंदाबाई गृहिणी, ग्राम कलालिया

संघर्ष की कहानी: पिता की मौत के बाद बहन चला रही है घर, मेरिट में पाया नौवां मुकाम

प्रदेश की मेरिट सूची में नौवें स्थान पर आए दसवीं केस्टूडेंट हर्ष अग्रवाल के पिता नहीं हैं। 9 साल पहले ही उनकी मौत हो गई। मम्मी ज्योति अग्रवाल गृहिणी हैं। घर का
खर्च बड़ी बहन हिमानी चलाती है। हर्ष ने स्कूल के अलावा 5 से 6 घंटे कोचिंग और घर पर पढ़ाई कर यह मुकाम पाया है। हर्ष को 300 में से 296 अंक मिले हैं। मास्टर माइंट कोचिंग संचालक गोविंद लालचंदानी ने उन्हें फ्री कोचिंग दी और स्कूल में भी उनकी फीस नहीं लग रही है।

उत्कृष्ट स्कूल का रिजल्ट इस साल 100% रहा
सागोद रोड स्थित उत्कृष्ट स्कूल का रिजल्ट इस साल भी 100 फीसदी रहा है। परीक्षा में 204 स्टूडेंट शामिल हुए। इसमें से 204 स्टूडेंट ही पास हो गए हैं। इसमें 192 फर्स्ट डिविजन, 12 सेकंड डिविजन आए है। प्राचार्य सुभाष कुमावत ने बताया स्कूल के सभी शिक्षकों की मेहनत से हर साल की तरह इस साल भी स्कूल का रिजल्ट 100% रहा है।

ऐसे होते हैं टॉपर: पहले से पता था कि पास हो जाऊंगा, इसलिए 11वीं के दो चैप्टर पूरे किए

प्रदेश की मेरिट में नौवें स्थान पर आए हर्षित सोलंकी ने दसवीं की परीक्षा समाप्त होने के बाद लॉकडाउन में 11 वीं की पढ़ाई शुरू कर दी। उन्होंने पीसीएम सब्जेक्ट के दो चैप्टर भी पूरे कर लिए हैं। हर्षित के पिता वीरेंद्रसिंह इलेक्ट्रिशियन हैं और मां ज्योत्सना सोलंकी बरबड़ रोड स्थित प्राइवेटस्कूल में टीचर है। हर्षित ने सोशल मीडिया से दूर रहकर पढ़ाई कर यह मुकाम पाया है। हर्षित को भी 300 में से 296 अंक मिले हैं। हर्ष कहते हैं कि स्कूल और कोचिंग के बाद यदि हम घर पर रिवीजन भी करें तो तुरंत सवाल का हल हो सकता है।

एक्सपर्ट व्यू : हिंदी विषय स्कोरिंग रहता है
एक्सपर्ट जितेंद्र जोशी ने बताया हिंदी मीडियम स्कोरिंग विषय रहता है। कई स्टूडेंट तो 100 में से 100 नंबर लाते हैं लेकिन इसकी एग्जाम नहीं हुई। हिंदी मीडियम के स्टूडेंट को एक विषय और इंग्लिश मीडियम के स्टूडेंट को दो विषय में जनरल प्रमोशन मिला है। मेरिट में इंग्लिश मीडियम के स्टूडेंट ज्यादा इसी वजह से आए हैं।

अच्छे नंबरों के लिए पढ़ाई के बीच में खेलना भी जरूरी

अच्छे नंबरों के लिए पढ़ाई के बीच खेलना भी जरूरी है। दो से तीन घंटे तक रेगुलर पढ़ाई के बीच यदि बीच में खेल हो जाए तो पढ़ाई भी अच्छी होगी और नंबर भी अच्छे आएंगे। यह कहना है दसवीं की प्रदेश की मेरिट में नौवें नंबर पर आए हर्षित सोलंकी का। हर्षित के साथ प्रदेश की मेरिट में हर्ष अग्रवाल ने भी नौवां स्थान पाया है। दोनों एग्जाम के पहले सोशल मीडिया से दूर रहे और मोबाइल का उपयोग भी कम किया लेकिन रिजल्ट खुलने के बाद दोनों ने एक-दूसरे से बात की और भास्कर की पहल पर वर्चुअल इंटरव्यू दिया। हर्षित सोलंकी ने बताया कि मैंने टेंशन फ्री होकर पढ़ाई की। स्कूल और कोचिंग के दौरान स्टूडेंट को टेंशन फ्री रहना चाहिए। यदि कुछ समझ में नहीं आ रहा है तो बगैर हिचक के टीचर से पूछना चाहिए और कोई भी सवाल मन में नहीं रखन चाहिए। इस पर हर्ष अग्रवाल ने कहा कि मैंने तो पढ़ाई के बीच-बीच में ब्रेक भी लिया। इस दौरान मैंने परिवार से बात की। इसके बाद पढ़ाई और आसान हो जाती है। मैंने तो इसी तर्ज पर पढ़ाई की भाई। जो बच्चे दसवीं की परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं वे भी इसी तर्ज पर पढ़ें।

कमजोर परिणाम वाले स्कूलों की समीक्षा होगी
डीईओ केसी शर्मा ने बताया यह सही है कि इस बार का रिजल्ट पिछले साल की तुलना में कमजोर रहा है। स्कूलों का रिजल्ट मंगा रहे हैं कि किन स्कूलों का रिजल्ट कमजोर रहा। इसके बाद कमजोर रिजल्ट वाले स्कूलों की समीक्षा की जाएगी। बता दें कि इस बार रतलाम जिला प्रदेश में मेरिट के मामले में 18 वें क्रम पर रहा है।



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