नैक मूल्यांकन का उद्देश्य सतत स्तरीय शिक्षा का प्रवाह बनाए रखना है : डॉ. अहिरवार

नैक मूल्यांकन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विद्यार्थियों को सतत् स्तरीय ज्ञानवर्द्धक शिक्षा का प्रवाह बना रहे ताकि विद्यार्थी रोजगारोन्मुख होकर आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ सकें। यह बात प्राचार्य डॉ. बीडी अहिरवार ने कही। वे शुक्रवार को एक्सीलेंस गर्ल्स डिग्री कॉलेज में नैक के क्राइटेरिया 7 विषय पर चल रहे राष्ट्रीय वेबीनार के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि इस वेबिनार में देश-प्रदेश के 11 महाविद्यालयों एवं 1023 प्रतिभागियों ने अपनी सहभागिता दी। वेबीनार में अपने ज्ञान एवं अनुभव को साझा किए जाने से महाविद्यालयों को अपना-अपना नैक मूल्यांकन कराने में संबल मिलेगा।
डॉ. भावना ने कहा कि उच्च शिक्षा देश की रीढ़ होती है जिसके उन्नयन एवं विकास में नैक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। डॉ. नवीन गिडियन ने कहा कि क्रायटेरिया-7 के सभी बिन्दु ऐसे हैं जिन पर संस्थायें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कार्य कर रही हैं। संस्थाओं को सिर्फ सही दिशा और व्यवस्थित कार्य की आवश्यकता है। हम ई वर्ल्ड में रह रहे हैं, और अनुपयोगी ई बेस्ट को किस प्रकार प्रबंधन करें यह समस्या सभी संस्थाओं को आती है। डॉ. आलोक सहाय ने अपने अनुभवों के आधार पर पीयर टीम के संबंध में विचार व्यक्त किये। विश्व बैंक परियोजना प्रभारी डॉ. ऊषा नायर ने कहा कि नैक कराने के लिये प्राचार्य से लेकर अधिकारियों, कर्मचारियों को एक साथ टीम के रूप में कार्य करना होगा। तब नैक मूल्यांकन में सफलता मिलेगी। डॉ. रश्मि जेता ने कहा कि ज्ञान ही शक्ति है और शिक्षक केवल क्लासरूम तक नहीं वरन् उसके बाहर भी विद्यार्थियों को प्रभावित करता है। डॉ. फादर डेविस जार्ज ने कई महाविद्यालय के विकास के नवाचार संबंधित तरीकों को बताया। डॉ. विभा राठौर भोपाल ने विद्यार्थियों के सीखने के तरीकों पर प्रकाश डाला। वेबिनार में डॉ. संजय खरे, डॉ. शीतांषु राजौरिया, डॉ. श्वेता ओझा, श्रवण कुमार शर्मा, पुष्पेन्द्र पाण्डेय, अभिषेक दुबे एवं जुगल पटैल मौजूद थे।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3gdlC81

Share this

Artikel Terkait

0 Comment to "नैक मूल्यांकन का उद्देश्य सतत स्तरीय शिक्षा का प्रवाह बनाए रखना है : डॉ. अहिरवार"

Post a Comment