वर्तमान और पूर्व सरकार ने प्रोत्साहन राशि की नीति को बंद किया, शिकार हो रहे मेधावी छात्र

मेधावी छात्र संघर्ष समिति मप्र के सदस्यों ने राज्य स्तरीय विरोध दिवस मनाकर राज्य सरकार का विरोध किया। यह विरोध सत्र 2018-19 के मेधावी छात्र जिन्होंने 75% से अधिक अंकों से अपनी हायर सेकंडरी परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले 70 हजार छात्रों को प्रोत्साहन राशि से वंचित करने की नीति के खिलाफ आयोजित किया गया।

प्रदर्शन में मेधावी छात्र संघर्ष समिति के सदस्य सुनील सेन ने कहा कि क्योंकि पिछली सरकार के द्वारा सत्र 2018-19 में जो मेधावी छात्र थे उनको लैपटॉप प्रोत्साहन राशि दिए जाने की नीति को बंद कर दिया गया था और अभी वर्तमान सरकार द्वारा भी उस राशि को नहीं दिया जा रहा है। प्रोत्साहन राशि इसीलिए दी जाती है ताकि छात्रों के बीच पठन-पाठन का बेहतर माहौल विकसित किया जा सके। किंतु विगत सरकार की छात्र विरोधी नीति व वर्तमान सरकार की छात्र विरोधी नियत के चलते आज कोरोना काल में भी छात्र आंदोलन करने पर मजबूर हैं।

प्रदर्शन को संबोधित करते हुए छात्र नेताओं ने कहा कि सरकार के पास हैलीकॉप्टर खरीदने के लिए पैसा है, चुनाव प्रचार के लिए पैसा है लेकिन हमारे लिए पैसा नहीं है। जब से यह लैपटॉप प्रोत्साहन राशि की योजना शुरू हुई है तब से लेकर आज तक सिर्फ एक ही वर्ष के छात्रों को इस योजना से वंचित किया जा रहा है। खुद को छात्र हितैषी बताने वाली वर्तमान सरकार पिछले 2 महीनों से चल रहे इस आंदोलन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रही है।

प्रदेश भर में सौंप चुके ज्ञापन : हम पिछले दो माह में 100 से ज्यादा ज्ञापन प्रदेश भर में विधायकों, मंत्रियों और अफसरों को ज्ञापन सौंप चुके हैं। किंतु अभी तक सिर्फ आश्वासन ही मिले हैं। यदि छात्रों की मांगें नहीं मानी जाती हैं, तो छात्र, सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होंगे। राज्यस्तरीय विरोध दिवस में पूरे प्रदेश भर से छात्र शामिल हुए है। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि हमारी मांगे नही मानी जाती तो राजधानी की सड़कों पर आकर छात्र सरकार के इस भेदभावपूर्ण रवैये का विरोध करेंगे।



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The present and former government discontinued the policy of incentives, meritorious students falling prey


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