1327 करोड़ का टारगेट, उत्पादन 50 फीसदी से भी कम!
आयुध निर्माणी खमरिया को इस वर्ष 1327 करोड़ का उत्पादन लक्ष्य दिया गया है लेकिन उत्पादन के मामले में इतना पिछड़ापन है कि टारगेट आधा भी नहीं हो सका है। दिसंबर का पहला सप्ताह बीतने के बावजूद टारगेट सिर्फ 600 करोड़ तक ही पहुँच पाया।
ऐसे तमाम विषयों से फिक्रमंद कर्मचारी बुधवार को महाप्रबंधक से मुलाकात कर कोई ठोस रणनीति बनाने पर चर्चा करेंगे। ओएफके के श्रमिक नेताओं का मानना है कि समय रहते अगर लक्ष्य को हासिल करना है तो वर्किंग टाइम को हर हाल में बढ़ाना होगा लेकिन निर्माणी प्रशासन ने अभी तक कोई पहल नहीं की है।
वर्क्स कमेटी नाम की
जीसीएफ, वीएफजे में ओवर टाइम दिया जा रहा है। कामगार यूनियन का आरोप है कि निर्माणी के हितों को लेकर वर्क्स कमेटी काे आगे आना चाहिए लेकिन मौजूदा कमेटी अपने सिद्धांतों को भुला बैठी है। निर्माणी तथा कर्मचारियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
ऊपर चकाचक, भीतर घटिया
निर्माणी की कैंटीन का कायाकल्प करने के लिए प्रशासन ने ऐड़ी चोटी का जोर लगाया। कैंटीन बाहर से तो चकाचक हो गई लेकिन भीतर भोजन की क्वालिटी एकदम घटिया हो चुकी है। पिछले दिनों दाल में कीड़े मिलने से यह प्रमाणित भी होता है। कैंटीन कमेटी निर्वाचित सदस्यों की लापरवाही से रखरखाव का स्तर गिरता जा रहा है। भरपेट भोजन का वादा करने के बाद अब मात्रा निर्धारित की जा रही है। दूसरी तरफ दरें भी बढ़ा दी गई हैं।
मुद्दे और भी
कुल 11 मुद्दे हैं जिसमें उत्पादन लक्ष्य को पूर्ण करने के लिए समूची निर्माणी को 54 घंटे ओवरटाइम प्रदान करने, किसी भी सेक्शन को गारंटी वेज में ना डालने, प्रमोशन के लिए एडवांस ट्रेड टेस्ट कराए जाने सहित अन्य विषय शामिल हैं। कामगार यूनियन के अध्यक्ष राजेंद्र चराडिया ने कर्मचारियों से एकजुटता की अपील की है।
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