तीन साल में सिटी सेंटर से महाराजपुरा पर शिफ्ट हाे सकेगी डीआरडीओ लैब

सिटी सेंटर क्षेत्र से डीआरडीओ की लैब को शिफ्ट किए जाने के लिए महाराजपुरा पर प्रशासन द्वारा डीआरडीओ प्रबंधन को जमीन अगले सप्ताह तक दे दी जाएगी। उसके बाद डीआरडीओ प्रबंधन वहां काम शुरू कराएगा और सिटी सेंटर स्थित मौजूदा लैब परिसर से प्रतिबंध का दायरा भी कम होगा। डीआरडीओ प्रबंधन ने 2023 तक लैब को सिटी सेंटर से महाराजपुरा पर शिफ्ट करने की प्लानिंग की है।

फिलहाल डीआरडीओ को जमीन मिलने के साथ ही 200 मीटर का प्रतिबंधित दायरा घटाकर 50 मीटर और लैब शिफ्ट होने के बाद 10 मीटर कर दिया जाएगा। ऐसा होने पर दो चरणों में डीआरडीओ के आसपास बनी 122 सरकारी व निजी संपत्तियां कार्रवाई के दायरे से बाहर हो जाएंगी और करीब 9 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति बच जाएंगी।

मौजूदा लैब और आवासीय परिसर 70 एकड़ में... नई लैब तैयार होगी 140 एकड़ में

  • सरकार ने डीआरडीओ लैब के लिए महाराजपुरा एयरबेस के सामने की पट्‌टी पर 8 सर्वे नंबरों की 140 एकड़ जमीन आवंटित की है। इसके पास की जमीन पर ही केंद्र सरकार का प्लास्टिक इंस्टीट्यूट तैयार हो रहा है। अब तक की प्लानिंग के अनुसार यहां सिर्फ लैब बनाई जाएगी और सिटी सेंटर स्थित डीआरडीओ कैंपस में आवास और लैब का कुछ हिस्सा रहेगा। सिटी सेंटर कैंपस कुल 70 एकड़ जमीन में बना हुआ है जिसमें रक्षा विहार के आवास भी हैं।
  • सिटी सेंटर स्थित डीआरडीओ कैंपस के आसपास सरकारी व निजी भवनों के निर्माण के खिलाफ हाईकोर्ट में राजेश भदौरिया द्वारा याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए मार्च 2019 में आदेश दिए कि 200 मीटर के दायरे में बने निर्माण तोड़े जाएं। इस दायरे में 142 सरकारी व निजी बिल्डिंगों के निर्माण आ रहे हैं। हालांकि, हाईकोर्ट के आदेश पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से स्टे लिया हुआ है, साथ ही सरकार ने अब लैब को शिफ्ट किए जाने के लिए जमीन आवंटित कर दी है।
  • अगस्त के अंतिम सप्ताह में राज्य सरकार की कैबिनेट से लैब के लिए जमीन आवंटित होने के बाद जिला प्रशासन के अधिकारियों ने डीआरडीओ प्रबंधन में संपर्क किया था और जमीन पर विधिवत रुप से कब्जा लेने व प्रतिबंध का दायरा कम करने की बात कही। जानकारी के अनुसार अब इस पर सहमति बन चुकी है और कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने डीआरडीओ को जमीन दिए जाने के लिए कागजी प्रक्रिया भी पूरी कर दी है। अगले सप्ताह तक ये जमीन डीआरडीओ को दे दी जाएगी।

आवंटित जमीन अगले सप्ताह तक दी जाएगी
लैब के लिए आवंटित जमीन अगले सप्ताह तक डीआरडीओ को दे दी जाएगी। प्रबंधन से हुई चर्चा के अनुसार लैब 2023 तक शिफ्ट हो जाएगी और इस बीच सिटी सेंटर स्थित उनके परिसर के आसपास 200 मीटर के दायरे को कम किया जाएगा। ताकि वहां की संपत्तियों को नुकसान न पहुंचे। - किशोर कन्याल, एडीएम



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सिटी सेंटर में स्थित भवन,जो डीआरडीओ के दायरे में है।


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कलेक्टर से मांगा ग्वालियर के विकास का विजन डाॅक्यूमेंट; राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद थे

शिक्षा, पर्यटन, इंडस्ट्रीज समेत दूसरे सभी सेक्टरों में ग्वालियर को विकसित करने के लिए योजनाएं तैयार की जाएं। उनके विजन डॉक्यूमेंट बनाकर भेजें, ताकि एक प्लानिंग के साथ व्यवस्थित ढंग से विकास कार्य किए जा सकें।

ये बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को ग्वालियर एयरपोर्ट पर अधिकारियों की बैठक लेते हुए कही। अल्प प्रवास पर ग्वालियर एयरपोर्ट पर आए श्री चौहान ने कहा- ग्वालियर को सुशासन का मॉडल बनाएं। ऐतिहासिक नगरी ग्वालियर का सुनियोजित विकास प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। शहर के विकास के लिए प्रदेश सरकार पूरी तरह कटिबद्ध है। इसलिए विजन डॉक्यूमेंट की तर्ज पर ग्वालियर शहर के विकास के लिये एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार करें।

श्री चौहान ने कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को निर्देश दिए कि ग्वालियर शहर के विकास की कार्ययोजना में आर्थिक गतिविधियां, विकास योजनाएं, पर्यटन व शिक्षा सहित ऐसे सभी विषय शामिल करें, जो ग्वालियर शहर को एक विकसित एवं सुंदर शहर बनाने के लिए जरूरी हों। उन्होंने इसके प्रजेंटेशन जल्द से जल्द तैयार करने के निर्देश भी दिए। इस दौरान राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद रहे।

विशेषज्ञाें और आमजन से लिए जाएंगे सुझाव
विजन डाॅक्यूमेंट बनाने से पहले संभाग आयुक्त आशीष सक्सेना ने ग्वालियर शहर के विकास के संबंध में विशेषज्ञों एवं शहर के नागरिकों से सुझाव लेने के लिए एक टेलीफोन नंबर जारी करने के लिए कलेक्टर से कहा है। उधर, कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने मुख्यमंत्री को बताया कि शहर के सुनियोजित विकास की कार्ययोजना पर काम शुरू कर दिया गया है। शहर की प्रस्तावित विकास योजनायें, पर्यटन एवं आर्थिक विकास इत्यादि विषयों को ध्यान में रखकर कार्ययोजना तैयार की जा रही है।

ट्रांजिट विजिट पर आए थे शिवराज और सिंधिया
मुख्यमंत्री शिवराज चौहान एवं सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया सोमवार को शाम 4.15 बजे विमान से ट्रांजिट विजिट पर महाराजपुरा एयरपोर्ट आए थे। यहां से वे हेलीकॉप्टर द्वारा ओरछा के लिए रवाना हुए। ओरछा में स्थानीय कार्यक्रम में भाग लेने के बाद ग्वालियर विमानतल पर वापस आकर दाेनाें नेता विमान से शाम 6.15 बजे दिल्ली के लिए रवाना हाे गए।



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एयरपोर्ट पर अफसरों से चर्चा करते सीएम एवं राज्यसभा सांसद सिंधिया।


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भिंड में नहीं बिकीं पिस्टल ताे ग्वालियर डील करने आए तस्कर पकड़े, 8 पिस्टल बरामद

पिस्टल की डिलेवरी देने आए दो हथियार तस्कर मोनू बाथम व लक्ष्मीनारायण राठौर को पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने बरेठा पुल से पकड़ लिया। तस्कर खरगोन से पिस्टल लेकर पहले भिंड लेकर पहुंचे थे, लेकिन महंगे होने के कारण भिंड में नहीं बिके तो आरोपी इन्हें खपाने ग्वालियर लेकर आ गए। बरेठा पुल पर हथियार दिखाकर डील होने वाली थी तभी सूचना पर पुलिस ने इन्हें घेरकर पकड़ लिया।

क्राइम ब्रांच एएसपी सतेंद्र तोमर ने बताया कि सूचना सोमवार को सुबह सूचना मिली थी कि हथियार तस्कर बरेठा पुल के पास हथियारों की डीलिंग करने आने वाले हैं। इस सूचना पर थाना प्रभारी दामोदर गुप्ता टीम बनाकर तस्दीक कराने के निर्देश दिए गए। इस पर श्री गुप्ता ने क्राइम ब्रांच की टीम को सुबह ही बरेठा पुल के आसपास सादा कपड़ों में अलग-अलग तैनात कर दिया।

मुखबिर की सूचना के अनुसार दो युवक एक बैग लिए हुए दोपहर में बरेठा पुल के पास आते दिखे, दोनों युवक किसी वाहन से यहां तक पहुंचे थे। टीम ने इन्हें आने दिया, जब यह दोनों पुल के आसपास रुककर इंतजार करने लगे तभी टीम ने एकत्रित होकर दोनों को घेर कर पकड़ लिया। दोनों युवक के पास बैग में छह 32 बोर की पिस्टल मिली दोनों युवकों के पास एक-एक पिस्टल कमर में लगी हुई थी। सभी पिस्टल में मैग्जीन थी, 32 बोर के दो जिंदा राउंड भी आरोपियों के पास मिले।

भिंड में नहीं बिके तब यहां डील करने आए थे
हथियार तस्कर मोनू बाथम व लक्ष्मीनारायण राठौर दोनों भिंड के है। विगत सप्ताह ही आरोपी खरगोन से हथियार लेकर भिं‌ड पहुंचे। पिस्टल देशी थी, लेकिन यह महंगी थी। भिंड में जब 20-25 हजार रुपए में पिस्टल के खरीदार नहीं मिले तो आरोपियों ने अपने ग्वालियर के परिचित से संपर्क किया। आरोपी पिस्टल लेकर यहां दिखा कर डील करने आए थे।



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तस्करों से बरामद पिस्टल।


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अंडरपास के लिए रेलवे ने मांगे 7.49 करोड़ काम शुरू होने से पहले प्रोजेक्ट पर विवाद

सिटी सेंटर क्षेत्र की 50 हजार से अधिक आबादी और रोजाना करीब 2 हजार वाहनों को राहत देने के लिए प्रस्तावित एजी ऑफिस-महलगांव पुलिया का अंडरपास काम शुरू होने से पहले ही विवादों में आ गया है। इस प्रोजेक्ट का अनुमानित खर्च पहले डेढ़ करोड़ रुपए से शुरू हुआ फिर प्लान रिवाइज हुआ और 4 करोड़ 50 लाख रुपए का खर्च अनुमानित किया गया। अब फिर इसे रिवाइज कर 7 करोड़ 49 लाख रुपए का खर्च होने का अनुमान रेलवे द्वारा बताया गया है। उपचुनाव से पहले इस अंडरपास के लिए काम शुरू किए जाने का दावा सरकार द्वारा किया जा रहा था लेकिन अब प्रोजेक्ट पर कोई प्रक्रिया ही नहीं चल रही।

इस संबंध में पीडब्ल्यूडी सेतु संभाग के कार्यपालन यंत्री मोहर सिंह जादौन ने कहा कि रेलवे ने अंडरपास के लिए पहले डेढ़ और फिर साढ़े 4 करोड़ रुपए मांगे थे। 4 करोड़ 50 लाख रुपए शासन से स्वीकृत होने की सूचना भी आई थी लेकिन अब इसकी जगह 7 करोड़ 49 लाख रुपए मांगे हैं। इस मामले में फिलहाल शासन से कोई आदेश नहीं आया है।

3 मीटर चौड़ी पुलिया तोड़कर बनना है 6 मीटर चौड़ा अंडरपास... निकल सकेंगी बड़ी गाड़ियां
एजी ऑफिस के पीछे स्थित पुलिया को तोड़कर यहां 6 मीटर चौड़ा और 5 मीटर ऊंचा अंडर पास बनाया जाएगा। जिसमें से बड़ी गाड़ियांं भी आसानी से निकल सकेंगी। साथ ही अंडरपास में सम्पबैल लगाए जाएंगे, ताकि बारिश या दूसरे किसी पानी का वहां भराव न हो सके। क्योंकि, जलालपुर अंडरपास में अभी पानी भरने की बड़ी दिक्कत आती है और पानी खाली नहीं हो पाता। जिस वजह से कई वाहन चालक इस अंडरपास का उपयोग ही नहीं कर पाते।

हरिशंकरपुरम, माधव नगर रोड और महलगांव, सिटी सेंटर क्षेत्र को जोड़ने वाली ये पुलिया अभी 3 मीटर चौड़ी है और यहां से सिर्फ बाइक व ऑटो निकल पाते हैं। बड़ी कारें इस पुलिया से नहीं निकल पाती, उनके चालकों को सिटी सेंटर या महलगांव और माधव नगर रोड पर पहुंचने के लिए एजी ऑफिस पुल होते हुए 2 से 3 किलोमीटर तक का ज्यादा चक्कर लगाना पड़ता है लेकिन ये अंडरपास बनने पर समस्या खत्म हो जाएगी।

इस पुलिया को चौड़ा करने या अंडरपास बनाए जाने का प्रस्ताव करीब 3 महीने पहले सरकार के पास गया था। रेलवे ने प्रारंभिक प्रस्ताव में इस काम पर सिर्फ डेढ़ करोड़ रुपए खर्च बताया था लेकिन बाद में जब इसकी डीपीआर तैयार हुई तो ये खर्च 4 करोड़ 50 लाख रुपए बताया गया। जिसे रेलवे की स्वीकृति के बाद मंजूर कर लिया गया, लेकिन अब फिर रेलवे ने नया प्रस्ताव भेजा है और अंडरपास निर्माण के लिए 7 करोड़ 49 लाख रुपए की लागत आने की बात सरकार से कही है। इसके बाद शासन स्तर पर इसकी प्रक्रिया पूरी तरह रूक गई है।



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Railway asks for 7.49 crore work for underpass before dispute on project


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प्रहरियाें की लापरवाही और सशस्त्र गार्ड न भेजने के कारण अस्पताल से भागा था काेराेना पाॅजिटिव जावेद

जेएएच परिसर के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल से कोरोना संक्रमित बंदी जावेद खराब मौसम, अंधेरे का लाभ लेकर प्रशासनिक कमियों की वजह से भाग गया था। यह सार घटना की मजिस्ट्रियल जांच में निकला है। जांच अपर कलेक्टर रिंकेश वैश्य ने की। घटना 6 जुलाई की रात 10.49 बजे हुई थी, तब जेल के दो प्रहरी जावेद को लेकर अस्पताल पहुंचे थे। उक्त जांच छह बिंदुओं को आधार मानकर की गई।

ये निकला जांच में.... दाेनाें प्रहरियाें पर विभागीय जांच की कार्रवाई हो सकती है

  • तेज आंधी, बारिश, स्ट्रीट लाइट बंद देख बंदी ने पेशाब का बहाना किया और भाग गया।
  • बंदी के पहुंचने के वक्त बना खराब मौसम और अंधेरा ही घटना का मुख्य कारण रहे।
  • बंदी के भागने की घटना नहीं होती यदि जेल वाहन होता और अस्पताल में पहले सूचना दी गई होती।
  • ड्यूटी पर तैनात दोनों प्रहरियों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी थी, विभागीय कार्रवाई की जा सकती है।
  • प्रहरियों के कहने के बाद भी बंदी को अस्पताल ले जाने के लिए सशस्त्र गार्ड मुहैया नहीं कराया गया। भविष्य में ऐसा न हो।
  • बहुत जरूरी न हो तो रात में बंदी कहीं न भेजे जाएं। भविष्य में डॉक्टरों के परामर्श व दस्तावेज पूरे होने के बाद ही बंदी भेजे जाएं।

कोरोना ने रोकी जेएएच से जुड़ीं दो और जांचें

  • 14 अगस्त को दो मरीजों की मौत के बाद उनकी बॉडी बदलकर परिजनों तक पहुंची थीं। इसकी मजिस्ट्रियल जांच चल रही है। कोरोना के कारण डॉ. सार्थक जुगरान ने कुछ वक्त लिया है। इसी कारण देरी हुई है।
  • 21 नवंबर को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में आग लगी। घटना की जांच लश्कर एसडीएम को करनी है। सीएसपी लश्कर के स्वास्थ्य के कारण जांच रुकी है।


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Kareena Positive Javed had run away from the hospital due to negligence of guards and not sending armed guards


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दबंगों ने पहले युवक का सिर फोड़ा फिर कुल्हाड़ी से काट डाली अंगुली, बचाने आई मां को भी पीटा

जिले में दलित पर लगातार अत्याचार की घटनाएं सामने आ रही हैं। गोंदन के बाद अब सेवनी गांव में दबंगों ने दलित परिवार पर कहर ढहाया। आरोपी दबंगों ने खेत जोतने के विवाद पर युवक का सिर फोड़ दिया और कुल्हाड़ी से हाथ की अंगुली काट दी। बचाने आई मां को भी लात घूसों से पीटा। घटना सोमवार दोपहर एक बजे की बताई गई। पुलिस ने आरोपियों पर मारपीट व एससी-एसटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया है।

ग्राम सेवनी निवासी फरियादी शिवराम (22) पुत्र अशोक प्रजापति सोमवार को दोपहर में घायल अवस्था में अपनी मां कुंती के साथ इंदरगढ़ थाने पहुंचा और बताया- उसका गांव के ही रामदास और हरनारायण कुशवाहा से जमीन विवाद चल रहा है। सोमवार को दोपहर एक बजे शिवराम अपनी मां के साथ खेत पर पहुंचा तो वहां हरनारायण और रामदास कुशवाहा फरियादी के खेत पर बैठे मिले। आरोपियों ने फरियादी शिवराम से कहा कि यह खेत तुम नहीं जोतोगे बल्कि हम खुद जोतेंगे।

फरियादी ने कहा कि यह खेत हमारा है इसलिए हम जोतेंगे। इसी बात पर आरोपियों ने शिवराम और उसकी मां के साथ गाली गलौज की। मना करने पर आरोपियों ने लाठी कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। जिससे शिवराम के सिर में कुल्हाड़ी लग गई जिससे उसका सिर फूट गया। इसके बाद आरोपियों ने हाथ काटना चाहे लेकिन हाथ के बजाए शिवराम की अंगुली कटकर अलग हो गई। बचाने आई मां कुंति की भी लात घूसों से मारपीट कर उसे भी घायल कर दिया।



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प्रतीकात्मक फोटो


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बांद्राभान में मेला नहीं लगा पर रोक के बाद भी सैकड़ों श्रद्धालुओं ने किया स्नान

कार्तिक पूर्णिमा पर नर्मदा-तवा के संगम बांद्राभान पर स्नान का बड़ा महत्व है। प्रशासन ने स्नान पर राेक लगाई थी लेकिन आस्था के आगे चुनाैती कमजाेर पड़ गई। श्रद्धालुओं ने बांद्राभान संगम सहित नर्मदा घाटाें पर स्नान किया।

बांद्राभान में संगम पर भले श्रद्धालु कम नजर आए लेकिन नर्मदा और तवा के जल का अंतर साफ दिखा। गहराई के कारण नर्मदा जल में रेत नहीं दिखाई दी तो वहीं तवा का जल उथला होने जल के अंदर रेत साफ नजर आई।

काेराेना के कारण इस वर्ष बांद्राभान मेला नहीं लगा। जिला प्रशासन सहित शहर के प्रबुद्ध लाेगाें ने मेला नहीं लगाने काे लेकर शांति समिति की बैठक में सहमति जताई थी। इसके बाद प्रशासन ने निर्णय लिया गया था कि मेला आयाेजित नहीं किया जाएगा।

इन कारणाें से नर्मदा और तवा नदी संगम का महत्व

कार्तिक स्नान : कार्तिक मास में महिलाएं व्रत और हर दिन नर्मदा स्नान करती हैं। पूर्णिमा पर व्रत का समापन करते हैं, इसलिए स्नान का महत्व है।

कथा, पूजन : कार्तिक पूर्णिमा पर परिवार सहित स्नान और नर्मदा पूजन के साथ भगवान सत्यनारायण की कथा, पूजन का पुण्य माना है।

मुंडन, नर्मदा परिक्रमा : बच्चाें का मुंडन नर्मदा तट पर कराया। वहीं कार्तिक पूर्णिमा के दिन संकल्प लेकर लाेग नर्मदा परिक्रमा के लिए रवाना हुए।



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नर्मदा के गहरे और तवा के उथले पानी के संगम पर डुबकी


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स्कूटी से ट्रक के अगले चक्कों के बीच गिरी बच्ची, घबराए ड्राइवर ने भगाया ट्रक, पिछले से कुचल गई

बुदनी में प्रकाश पर्व पर सोमवार को एक ट्रक वाले की लापरवाही से समाज की प्रतिभाशाली बच्ची की दर्दनाक मौत हो गई। पिता के साथ गुरुद्वारे जा रही 14 साल की सॉफ्टबॉल नेशनल प्लेयर शैलजा तनेजा को ट्रक ने कुचल दिया। हादसा दोपहर 1.30 बजे बुदनी ओवरब्रिज की सलकनपुर रोड वाली ढलान पर हुआ। ओवरब्रिज के नीचे गुरुद्वारा है। बालिका शैलजा अपने पिता प्रेमकुमार के साथ स्कूटी पर बैठ कर वहीं जा रही थी।

ओवरब्रिज क्रॉस करते वक्त ढलान में तेज रफ्तार से आए ट्रक (एचआर 38 एम 6593) ने स्कूटी को टक्कर मार दी। शैलजा स्कूटी से ट्रक के दोनों अगले चक्कों के बीच में जा गिरी। उसके पिता ट्रक के अगले बाएं चक्के में फंसी स्कूटी के साथ फंस गए। यह देख आसपास के दुकानदार चिल्लाए। घबराया ड्राइवर तेज रफ्तार से ट्रक भगाने लगा। इससे शैलजा ट्रक के पिछले चक्कों से कुचल गई।

अगले चक्के में फंसी हुई स्कूटी को ट्रक घसीटता हुआ तकरीबन 500 मीटर तक ले गया। स्कूटी में फंसे प्रेमकुमार ने ट्रक के एक एंगल को पकड़े रखा, जिससे उनकी जान बच गई। जांघ, पैर और हाथों में रगड़ आई। भाग्यश्री कॉलोनी के सामने ट्रक रुका, जहां लोगों ने ड्राइवर को ट्रक से उतार कर धुनाई की और पुलिस के हवाले कर दिया।

जनवरी 2020 में तमिलनाडु में खेला था नेशनल

शैलजा बुदनी के डीडी कॉन्वेंट स्कूल की 8वीं की छात्रा और सॉफ्टबॉल की अच्छी खिलाड़ी थी। जनवरी 2020 में तमिलनाडु में नेशनल टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था। अगला टूर्नामेंट महाराष्ट्र में था पर लॉकडाउन के कारण स्थगित हो गया। शैलजा घर पर ही प्रैक्टिस कर रही थी। वह प्रेमकुमार तनेजा की मझली बेटी थी। बड़ी बहन और छाेटा भाई है। प्रेम कुमार की बुदनी में जनरल स्टाेर दुकान है।

स्पीडब्रेकर ना होने से तेज रहती है रफ्तार

घायल प्रेमकुमार के भाई और बालिका के चाचा संतोष तनेजा स्कूटी के आगे ही अपने वाहन से चल रहे थे। ब्रिज क्रॉस कर गुरुद्वारे वाले रोड पर भाई के आने का इंतजार कर रहे थे। उनकी आंखों के सामने ही हादसा हुआ। ब्रिज के नीचे स्पीडब्रेकर नहीं हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है-ढलान में वाहन बहुत तेज स्पीड में होते हैं। ऐसे में ब्रिज की सर्विस रोड की ओर टर्न लेने वालों के लिए हमेशा ही खतरा बना रहता है। बुदनी के राकेश तनेजा ने बताया मेरी भांजी की भी ऐसे ही एक हादसे में 3 साल पहले मौत हुई थी। यहां स्पीड ब्रेकर बनने चाहिए।



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अगले चक्के में फंसी स्कूटी को 500 मीटर घसीटता ले गया ट्रक


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हाेशंगाबाद में 43 क्विंटल प्रति हेक्टेयर धान बेच सकेंगे किसान

जिले में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में लिमिट का पेंच सुलझ गया है। अब साेहागपुर, पिपरिया और बनखेड़ी में 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और सिवनीमालवा, केसला, हाेशंगाबाद में 43 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के मान से खरीदी की जाएगी। जिले में 16 नवंबर से शुरू हुई समर्थन मूल्य की धान खरीदी में उपज की खरीदी लिमिट तहसीलवार अलग-अलग एवं कम होने से किसान नाराज थे।

किसान संगठन भी लिमिट बढ़ाने की मांग कर रहे थे। विधायक विजयपाल ने मुख्यमंत्री से चर्चा की थी। इस संबंध में कलेक्टर धनंजय सिंह भदौरिया ने भी शासन को पत्र लिखा था कि किसानों की मांग लगातार हो रही थी कि धान खरीदी की मात्रा बढ़ाई जाए। सहायक जिला आपूर्ति नियंत्रक अनिल तंतुवाय ने बताया शासन का आदेश आ गया है जिसमें खरीदी लिमिट में वृद्धि कर दी गई है जो 50 से 43 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक है।

लिमिट बढ़ने से केंद्रों पर बढ़ेगी उपज की आवक

खरीदी में उपज की लिमिट बढ़ने से अब जिले के सभी खरीदी केंद्रों पर किसानों की आवक बढ़ जाएगी। जिले में 45 केंद्रों से खरीदी हाे रही है। लेकिन कई केंद्रों पर अब तक उपज की आवक अच्छी तरह से नहीं हो रही है। खरीदी जा रही उपज की मात्रा कम होने से अब तक किसान केंद्रों पर इसलिए उपज लेकर नहीं जा रहे थे कि कम उपज बेचने के बाद यदि खरीदी लिमिट बढ़ती है तो उन्हें फिर भाड़ा लगाकर उपज बेचने जाना पड़ेगा।

अब तक यह हुई खरीदी

जिले में 16 नवंबर से शुरू हुई खरीदी में अब तक 1550 किसानों से 56 हजार 780 क्विंटल की खरीदी हो गई है। इसमें 47 हजार 303 क्विंटल धान का परिवहन हाे गया है। 1.35 कराेड़ का भुगतान हाे गया है। किसानों को अब नई व्यवस्था के तहत मैसेज आना भी शुरू हो गए हैं जिससे किसानों की आवक केंद्रों पर बढ़ना शुरू हो गई है। आने वाले दिनों में धान की आवक और बढ़ेगी।



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समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में लिमिट का पेंच सुलझ गया


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नेपाल बाॅर्डर से मिली मीणा समाज की लापता किशोरी, यूपी का फरहान अंसारी हिरासत में

फेफरताल से 22 नवंबर को अपह्रत हुई 14 वर्षीय बालिका काे साेमवार काे यूपी में नेपाल बाॅर्डर से सकुशल ढूंढ लिया है। यूपी अमराेहा निवासी युवक फरहान अंसारी काे भी पुलिस ने पकड़ा है। बच्ची और आराेपी युवक काे मंगलवार शाम तक हाेशंगाबाद लाया जा सकता है।

मीणा समाज शक्ति संगठन के प्रदेश पदाधिकारी माखन मीणा ने बताया सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बच्ची के मिलने की सूचना दी। आरोपी को भी पकड़ लिया है। मंगलवार शाम तक पुलिस उन्हें लेकर होशंगाबाद पहुंचेगी। देहात टीआई हेमंंत श्रीवास्तव ने बताया टीम गई है। अभी तक नाबालिग दस्तयाब नहीं हुई है।

परिजनों और हिंदूवादी संगठनाें ने किया था प्रदर्शन

फेफरताल निवासी बालिका के परिजनाें ने देहात थाने में उसकी गुमशुुदगी और अपहरण का केस दर्ज करवाया था। अमराेहा यूपी निवासी फरहान अंसारी पर बच्ची के अपहरण का शक जताया था। शनिवार काे हिंदूवादी संगठनाें और मीणा समाज के लाेगाें ने प्रदर्शन भी किया था। इसके बाद एसपी संताेष सिंह गाैर के निर्देश पर एसडीओपी मंजू चाैहान ने तुरंत टीम गठित कर यूपी और दिल्ली भेजी थी। अगले दिन परिजन और मीणा समाज के लाेग मुख्यमंत्री से भी मिले थे।



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पिता की हत्या करके भागा बेटा गिरफ्तार; खर्चा और जमीन को लेकर हुआ था विवाद

पिता के हत्यारे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के मुताबिक शनिवार रात अपने पिता की हत्या करने वाला आरोपी ध्याना आदिवासी अपनी बहन के घर भवारदा छीपावड़ (हरदा) की ओर जा रहा है। पुलिस टीम ने उसे गिरफ्तार किया।

पूछताछ में उसने कबूला कि साैतेले पिता छोटेलाल भल्लावी (80) खर्चा नहीं देते थे। हिस्से की जमीन देने में भी आनाकानी कर रहे थे। इस पर विवाद हुआ था। पुलिस आराेपी ध्याना काे मंगलवार को न्यायालय में पेश करेगी। गाैरतलब है कि मढावन गांव में अलाव तापते समय ध्याना आदिवासी ने पिता छोटेलाल भल्लावी (80) की ईंट और प्रेस मारकर हत्या कर दी थी।



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कार-मैजिक की टक्कर दर्जन भर से ज्यादा घायल, चीचली नहर की पुलिया के पास हुई दुर्घटना

स्टेट हाईवे रोड 22 पर चीचली नहर की पुलिया के पास सोमवार की सुबह 5:30 बजे कार और मैजिक ऑटो के बीच भिड़ंत हो गई। इसमें एक दर्जन भर से अधिक लोग घायल हाे गए। जिन्हें प्राथमिक उपचार के लिए स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया।

प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर रूप से घायल 5 लोगों को जिला अस्पताल रेफर किया गया है। पुलिस ने वाहन क्रमांक एमपी 37/2538 के चालक पर केस दर्ज किया है। घायलों में निशा पटेल, आरती 10 वर्ष, भारती 7 वर्ष, अजय 7 वर्ष, राघवेंद्र 37 वर्ष, सावित्री पटेल 21 वर्ष, प्रिंस उर्फ पुष्पराज 11 वर्ष, लल्लू और पुष्पेंद्र 13 वर्ष एवं राजेश बंजारा उम्र 35 वर्ष निवासी रीवा घायल हुए हैं।

पुलिस ने बताया कि सभी लोग शादी समारोह से घर वापस लौट रहे थे। उसी समय चीचली नहर की पुलिया के पास हादसा हो गया। घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया जहां से गंभीर रूप से घायल लोगों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।



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बर्तन सेवा न कर पत्तल-दाेने में छकाया लंगर; कोरोना गाइडलाइन का किया पालन

सिख धर्म के पहले गुरु गुरुनानक देवजी के 551वें प्रकाश पर्व पर मंगलवारा स्थित प्राचीन गुरुद्वारे में विशेष अरदास की गई। गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी हाेशंगाबाद ने इस बार काेराेना से सतर्कता रखते हुए इस बार बर्तन सेवा न कर पत्तल-दाेनाें में लंगर छकाया।

देश से काेराेना संक्रमण पूरी तरह से खत्म हाेने और किसान आंदाेलन काे सफल बनाने के लिए अरदास की। इसके लिए गुरुद्वारे में अरदास की गई। गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के काेषाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह अराेरा ने बर्तन की सेवा करने वालाें की संख्या बढ़ जाती है। साेशल डिस्टेंस का पालन नहीं हाेता इसलिए कमेटी ने इस बार स्टील के बर्तन में लंगर नहीं कराने का निर्णय लिया।

गुरुद्वारे में रात तक चले शबद कीर्तन

साेमवार काे अखंड पाठ साहिब का समापन हुअा। कीर्तन हजूरी रागी हरभजन सिंह, कीर्तन रागी जत्था परमजीत सिंह खालसा द्वारा किया गया। रात में कीर्तन स्त्री सत्संग जत्था, कीर्तन भाई परमजीत सिंह खालसा ने किया।

भीड़ के कारण नहीं निकाला नगर कीर्तन

साेमवार काे पहला माैका था जब गुरुनानकजी के प्रकाश पर्व पर शहर के मुख्य मार्गाें पर नगर कीर्तन नहीं निकाला गया। 1973 के बाद से गुरुद्वारे से प्रतिवर्ष नगर कीर्तन किया जा रहा है। लेकिन इस साल नगर कीर्तन नहीं निकाला गया।

सरब राेग का अउखदु नामु ।।
कलिआण रूप मंगल गुण गाम ।।

अर्थ : डाॅ. सुरिंदरजीत सिंघ ने बताया कि सभी प्रकार के दुखाें का नाश करने वाला भगवान का नाम है। भगवान का नाम जपने से सभी प्रकार के दुख, राेग का नाश हाेता है। हम वाहे गुरुजी के आगे अरदास करते हैं कि जाे भी बीमारियां दुनिया में फैल रही हैं उनका नाश हाे। भगवान की कृपा सब पर बनी रहे।



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551वां प्रकाश पर्व


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ठेकेदार के नहीं मिलने से बंद पड़ी खदानों से हो रही रेत चोरी

लगातार कार्रवाई के बाद भी माफिया रेत का अवैध कारोबार करना बंद नहीं कर रहा। तवा नदी की मराेड़ा, पवारखेड़ा और चपलासर में पोकलेन से अवैध रेत निकाली जा रही है। कुछ दिन पहले वैध खदानाें पर पाेकलेन पकड़ने की कार्रवाई की।

पुलिस से लेकर खनिज विभाग आए दिन रेत से भरे डंपर, ट्रक जब्त करता है। बावजूद इसके पूरी तरह से रेत के अवैध परिवहन पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। जिले में 109 खदानें किसी के पास नहीं हैं। इन रेत खदानों को ठेकेदार आने के बाद शुरू करने की कार्रवाई करेगा। रेत खदानें जो आवंटित नहीं हैं। उनसे अवैध और ओवरलोड परिवहन हो रहा है। इसके कारण जिले की सड़कों की हालात खराब हो रही है।

पुलिस और खनिज विभाग ने 170 से अधिक मामलाें में रेत चाेरी का प्रकरण भी दर्ज कराया है। पकड़े गए डंपरों में रेत निर्धारित क्षमता से अधिक भरी थी। डंपरों को जब्त कर थानों में खड़ा कर प्रकरण तैयार किया। कुछ डंपर में तो राॅयल्टी भी नहीं मिलती है। जिला खनिज अधिकारी शशांक शुक्ला ने बताया रेत चोरों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। नाकों पर भी जांच होती है।

रात में भी रेत चाेरी

रेत डंपरों के जब्त होने की कार्रवाई से रेत के अवैध परिवहन होने का खुलासा तो हुआ, लेकिन इस पर रोक लगाने में प्रशासन नाकाम रहा है। कार्रवाई के बाद अधिक संख्या में रात काे रेत का अवैध रूप से परिवहन किया जा रहा है।

एक हजार से ज्यादा मजदूरों के पास नहीं रोजगार : शासन ने जिले में हजारों मजदूरों को करोड़ों रुपए का बोनस का भुगतान नहीं किया है। जबकि शासन ने पिछले दो साल में इसके लिए 140 करोड़ रुपए बोनस के नाम पर रोक रखे हैं। जिले में सभी खदानें शुरू नहीं होने से 1 हजार से ज्यादा मजदूर बेरोजगार बैठे हैं। मजदूरों ने बताया उनके पास रोजगार नहीं होने के कारण परेशानी हो रही है। बोनस भी नहीं दिया गया है।

पंचायतों की बंद खदानों से हाे रहा अवैध खनन

जिले में पंचायतों की 16 बंद रेत खदानाें से रेत का अवैध खनन हाे रहा है। नए ठेकेदार के आने से पहले इन क्षेत्रों में रेत का अवैध खनन हाे रहा है। जिले में केवल 9 रेत की खदान ही संचालित हाे रही है।



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जब्त डंपरों से खाली कराई रेत पुलिस लाइन में सड़क पर फैल रही है।


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एक साल में नहीं बन सकी 7.5 किमी सड़क, अब मार्च 21 की नई डेडलाइन

धरमकुंडी से इटारसी तक 30 किमी लंबी सड़क बननी है किंतु 4 साल में काम पूरा नहीं हुआ। यानी एक साल में सड़क निर्माण कंपनी 7.5 किमी सड़क नहीं बना पाई। पीडब्ल्यूडी ने सड़क निर्माण कंपनी को नोटिस दिया है। अगली डेडलाइन मार्च 2021 दी गई है किंतु विभागीय अधिकारी खुद मान रहे हैं कि काम छह महीने के पहले पूरा नहीं हो पाएगा।

ठेका कंपनी बार-बार निर्माण कार्य की समय अवधि बढ़वा रही है। निर्माण में देरी होने से तकरीबन 50 गांवों और शहर की 12 कॉलोनियों के रहवासी परेशान हैं। नेशनल हाईवे से जमानी-धरमकुंडी मार्ग पर आचार्य मंगल भवन के मोड़ पर रोज सड़क जाम मिलती है। स्थानीय निवासी पूर्व पार्षद अरविंद चंद्रवंशी ने कहा, जुझारपुर रेल्वे गेट तक उबड़-खाबड़ रास्ते पर वाहन 10-15 किमी की स्पीड से ज्यादा नहीं चल पाते।

यहां से ऑयल डिपो के टैंकर और एफसीआई गोदाम के ट्रक दिन भर निकलते हैं। जमानी रोड और उससे लगे गांवों के लोग भी साइकिल, बाइक, ट्रैक्टर, कार-जीप से आते-जाते हैं। सड़क इनके पहियों से गिट्टी उचकतीं हैं और धूल के गुबार उठते हैं।

फैक्ट फाइल: निर्माणाधीन सड़क धरमकुंडी से इटारसी

लंबाई : 30.6 किलोमीटर।
चौड़ाई : 10 मीटर।
लागत : लगभग 54 करोड़ रुपए।
कार्य शुरू : अक्टूबर 2016।
डेडलाइन : 28 जून 2018।
देरी : 2 साल 5 माह से।

फैक्ट फाइल: अधूरा कार्य : 4 साल में नहीं बन सकी 30 किमी सड़क।

प्रभावित गांव : 48
कॉलोनियां : 12
शिवाजी नगर, प्यासा नगर, चैतन्य नगर, वृंदावन कॉलोनी, वर्मा कॉलोनी, दीवान कॉलोनी, कृष्णा विहार कॉलोनी, कैलाश विहार कॉलोनी, शिवराजपुरी कॉलोनी, ग्रीन वेली कॉलोनी, चयन कॉलोनी, पलकमती नगर, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी।

सड़क निर्माण में लेटलतीफी से यह परेशानी

सड़क पर वाहनों में टूटफूट और टायर-ट्यूब में कट लगना।
कच्चे रास्ते पर गिट्टी उचटने व धूल उड़ने की समस्या।
बारिश होने पर कीचड़ व पानी से भरे गड्ढे।
किसानों को अपनी उपज मंडी में लाना मुश्किल।
जमानी तक 12 किमी की दूरी में 45 मिनट लगना।
धरमकुंडी होकर हरदा-इंदौर रूट के आवागमन में बाधा।

एसडीओ बोले - कंपनी टाइम एक्सटेंशन करवा लेती है

निर्माण कार्य में देरी पर कंपनी को कई बार नोटिस जारी किए गए। कंपनी टाइम एक्सटेंशन करवा लेती हैं। दूसरी ठेका कंपनी को काम देते तो नए सिरे से प्रक्रिया करनी पड़ती। इस समय काम चल रहा है। अगली डेडलाइन मार्च 2021 है। पहले सोल्डर, गेप व पुलियाओं का काम करवाया जा रहा है। देरी होने पर पेनाल्टी लगाने का प्रावधान है।

-आरएस विश्वकर्मा, एसडीओ, पीडब्ल्यूडी, सिवनीमालवा



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सड़क निर्माण में लेटलतीफी से हो रही परेशानी


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संगठन को मजबूत करने कार्यकर्ताओं से की चर्चा, जिला कमेटी जल्द हाेगी गठित

नगर कांग्रेस कमेटी की बैठक साेमवार काे पत्रकार भवन में शाम तक चली। कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने संगठन को मजबूत करने एवं आगामी नगरीय निकायों के चुनाव की तैयारियों की रूपरेखा व रणनीति बनाने पर चर्चा की। वार्ड व बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को कार्य सौंपने के लिए वार्ड स्तर पर बैठकों का आयोजन करने का निर्णय लिया गया। यह भी कहा गया कि जनहित की समस्याओं को उठाना है। कांग्रेस के सह संगठनों के विस्तार व कार्य विभाजन की चर्चा भी हुई।

बैठक में पूर्व विधायक विजय दुबे काकू भाई, जिला कांग्रेस अध्यक्ष सत्येंद्र फौजदार, जिला उपाध्यक्ष पाली भाटिया, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष रवि जायसवाल, नीलम गांधी, पूर्व मंडी अध्यक्ष रमेश वामने, वरिष्ठ नेता मोहन झालिया,अजय शुक्ला, प्रदेश प्रवक्ता राजकुमार केलू उपाध्याय, जिला महिला कांग्रेस अध्यक्ष माधवी मिश्रा नगर कांग्रेस अध्यक्ष पंकज राठौर मौजूद थे।

कांग्रेस जिलाध्यक्ष सत्येंद्र फौजदार ने कहा जल्द ही जिला कांग्रेस कमेटी भी गठित की जाएगी। अपने स्तर जो कार्यकर्ता सक्रियता से कार्य कर सकता हो वह पद पर होगा। एक वार्ड में दो प्रभारी बनाए जाएंगे जो वार्ड की सारी गतिविधियों पर नजर रखकर कार्य करेंगे। जिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं को राजनीतिक द्वेषवश झूठे प्रकरणों में फंसाया गया हो उनकी सूची प्रदेश कांग्रेस को शीघ्र दी जाए।



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पत्रकार भवन में कांग्रेस की बैठक हुई


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ऑटो पार्ट्स की बिल्टी पर की जा रही थी शराब तस्करी, 65 लाख की शराब जब्त

एमपी के उज्जैन पुलिस को सोमवार की रात आठ बजे उस वक्त बड़ी कामयाबी हाथ लगी जब मुखबिर की सूचना पर सुरासा नाके पर वाहन चेकिंग के दौरान शराब लदी ट्रक पकड़ी। उसमें 580 पेटी अंग्रेजी शराब लदी थी, जिसकी कीमत 65 लाख रुपए आंकी जा रही है। ऑटो पार्ट्स की बिल्टी पर शराब की तस्करी की जा रही थी। चिमनगंज मंडी पुलिस ने क्लीनर को हिरासत में ले लिया है जबकि ड्राइवर मौका पाकर फरार हो गया।

टीआई अजीत तिवारी ने बताया कि सोमवार की शाम आगर रोड स्थित सुरासा नाके पर वाहनों की चेकिंग चल रही थी। इसी बीच मुखबिर ने सूचना दी कि आगर की ओर से एक मिनी ट्रक पर अवैध शराब तस्करी कर ले जाई जा रही है। जिस पर नाके पर ही पुलिस जवानों को घेराबंदी के लिए लगा दिया गया। रात करीब आठ बजे आगर की ओर से एक मिनी ट्रक आती दिखाई दी। उसे रुकने का इशारा किया गया। ड्राइवर ने गाड़ी रोक दी। पूछने पर बताया कि गाड़ी में आटो पार्ट्स लदा है, जो इंदौर जा रहा है। शक होने पर ट्रक (जीजे 31 टी 3878) का तिरपाल हटाया गया तो उसमें शराब की पेटियां लदी थीं। इसी बीच ड्राइवर मौका पाकर फरार हो गया। क्लीनर भी भागने की कोशिश कर रहा था लेकिन पुलिस जवानों ने उसे पकड़ लिया। ट्रक से एक ब्रांड की 360 और एक अन्य ब्रांड की 180 पेटी अंग्रेजी शराब जब्त हुई, जिसकी कीमत करीब 65 लाख रुपए है। पकड़े गए क्लीनर की पहचान करण पिता चूनाराम निवासी कोडियासर फतेहगढ़ जैसलमेर राजस्थान के रूप में हुई। जबकि ड्राइवर का नाम महेश बताया जा रहा है।

इसी ट्रक से शराब की तस्करी की जा रही थी

लुधियाना से इंदौर और इंदौर से राजकोट के लिए ऑटो पार्ट्स की बिल्टी थी

जांच में ट्रक से मिले कागजात से पता चला कि बिल्टी लुधियाना से इंदौर के लिए ऑटो पार्ट्स की थी। जो मे. श्रेयांश ओवरसीज ट्रेडिंग कंपनी फ्लैट क्रमांक 102, 11/3 साउथ तुकोगंज इंदौर के नाम थी। ट्रक से ऑटो पार्ट्स की एक और बिल्टी बरामद हुई, जो इंदौर से राजकोट के लिए बनी थी। यह बिल्टी मे. बडालिया वर्सेस ट्रेडिंग कंपनी श्रीनाथ कॉम्प्लेक्स ब्लॉक क्रमांक-3 विरावल टाकुदा संगम विलेज वीरावल तालुका कोटडा राजकोट गुजराज के नाम थी। ट्रक गुजरात के 152 वानियाफाड़ी गांव 1 तालुका धनसुरा मोडासा के चेतन कुमार जोशी पिता कन्हैया लाल के नाम रजिस्टर्ड है।



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चिमनगंज मंडी थाने में जब्त शराब की पेटियां


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पिता सो रहे थे, मां खाना बना रही थी, तभी युवक ने दोस्त को फोन पर कहा- मैंने जहर खा लिया है; अस्पताल में तोड़ा दम

चिमनगंजमंडी थाना क्षेत्र के दुर्गा कॉलोनी में रहने वाले नितेश पिता अमृतलाल सोनी (23) ने रविवार रात जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। जहर खाने के बाद उसने दोस्त सुमित को फोन किया। बोला, भाई मैंने जहर खा लिया है। आनन-फानन में उसे जिला अस्पताल लेकर आए। जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।

आत्महत्या की वजह नितेश का इंदिरा नगर में रहने वाली किसी युवती से प्रेम प्रसंग बताया जा रहा है। परिजनों ने बताया कि नितेश पटनी बाजार में एक दुकान पर नौकरी करता था। वह रोज रात में छत पर युवती से बात करता था। रविवार रात को भी वह छत पर युवती से बात कर रहा था। दोनों में किसी बात काे लेकर कहासुनी होने लगी। गुस्से में आकर नितेश ने जहरीला पदार्थ खा लिया।

हादसे के समय पिता घर में सो रहे थे। मां खाना बना रही थीं। दोनों भाई भी घर पर नहीं थे। इसी बीच जब सुमित आया तो घरवालों को हादसे की जानकारी हुई। तबीयत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल लाए। जहां इलाज के दौरान मौत हो गई। नितेश के जहर खा लेने की खबर मिलते ही युवती भी अस्पताल आई थी लेकिन हालत नाजुक देख वह चली गई। पुलिस ने मौके से जहर की पुड़िया बरामद की है।



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मृतक नितेश (फाइल फोटो)


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उज्जैन में 41 लाख की जमीन 12 लाख में नीलाम करने वाली तहसीलदार दीपाली निलंबित

कलेक्टर गाइड लाइन को धता बताते हुए 41 लाख की जमीन को मात्र 12 लाख में अपने पति रंजीत कर्नाल के ड्राइवर प्रेमकुमार दांगी को नीलाम करना तत्कालीन उज्जैन नायब तहसीलदार दीपाली जाधव (वर्तमान में देवास में तहसीलदार) को महंगा पड़ गया। लोकायुक्त पुलिस की चार्जशीट के बाद शासन ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। रजिस्ट्रार ने जब आपत्ति जताई तो दीपाली ने अपने ओहदे का प्रभाव दिखाते हुए रजिस्ट्रार पर दबाव बनाकर रजिस्ट्री करा दी थी।

यह है मामला

दरअसल, उज्जैन तहसील के बमौरा निवासी नाथूलाल ने अपनी 3.21 हेक्टेयर जमीन को बंधक रखकर बैंक से पांच लाख का लोन लिया था। लोन नहीं चुका पाने पर वर्ष 2014 में नाथूलाल की जमीन नीलाम हो गई। तत्कालीन नायब तहसीलदार दीपाली जाधव ने उक्त भूमि को अपने पति रंजीत कर्नाल के ड्राइवर प्रेमकुमार दांगी के पक्ष में महज 12 लाख 11 हजार रुपए में नीलाम कर दी। जबकि उस समय कलेक्टर गाइड लाइन के अनुसार उस भूमि की कीमत 41 लाख 60 हजार रुपए थी। शिकायत होने पर लोकायुक्त पुलिस उज्जैन ने पूरे मामले की जांच की।

नायब तहसीलदार के पति रंजीत कर्नाल

पति के साथ सांठगांठ कर की थी नीलामी

लोकायुक्त पुलिस इंसपेक्टर बंसत श्रीवास्तव ने बताया कि नियमों को ताक पर रखकर नायब तहसीलदार दीपाली ने जमीन की नीलामी की थी। इसमें उसके पति रंजीत कर्नाल ने भी साथ दिया। जांच में पता चला कि नीलामी में प्रेमकुमार दांगी के साथ उज्जैन के अशोक नगर निवासी सहदेव और नीमनवासा के रहने वाले रमेश गुर्जर ने बोली लगाई थी। प्रेमकुमार की बोली 12.11 लाख पर छूटी। प्रेमकुमार ने नीलामी राशि को जमा करने के लिए चेक दिया था लेकिन उसने उसी समय आवेदन देकर चेक वापस ले लिया और उसी दिन तीन बजे तक सरकारी खाते में 12.11 लाख रुपए कैश जमा कर दिया। जांच में पता चला कि प्रेमकुमार के खाते में उस समय इतनी धनराशि नहीं थी तो वह इतना कैश कहां से लाया। लोकायुक्त पुलिस की पूछताछ में उसने बताया कि यह सब मैडम (दीपाली) और साहब (रंजीत) का करा-धरा है। साहब ने ही पैसों की इंतजाम किया था। इंसपेक्टर बसंत श्रीवास्तव ने बताया कि रंजीत ने अपने इंदौर के पते पर प्रेमकुमार को किराएदार दिखाया था। उसी पते पर प्रेमकुमार का बैंक खाता भी खुलवाया था। प्रेमकुमार के पक्ष में नीलामी करवाने के बाद जमीन की रजिस्ट्री में रंजीत गवाह भी बना। जबकि यह नियमों के विरुद्ध था। नीलामी में पीठासीन अधिकारी का कोई सगा-संबंधी शामिल नहीं हो सकता है।

रजिस्ट्रार ने की थी आपत्ति

जांच अधिकारी बसंत श्रीवास्तव ने बताया कि मात्र 12 लाख में नीलामी करने को लेकर तत्कालीन रजिस्ट्रार ने प्रेमकुमार के पक्ष में जमीन की रजिस्ट्री करने से मना कर दिया था। तब दीपाली जाधव ने रजिस्ट्रार काे पत्र लिखकर रजिस्ट्री करने का दबाव बनाया।

नीलामी में शामिल होने से किया इंकार

जांच अधिकारी ने बताया कि नीलामी में तीन लोग आए ही नहीं थे। प्रेमकुमार के साथ बोली लगाने वाले सहदेव और रमेश गुर्जर ने लोकायुक्त पुलिस को दिए अपने बयान में बताया कि उन्हें न तो नीलामी के बारे में पता था और न ही वे बोली लगाने आए थे। पूरी नीलामी सिर्फ कागजों में की गई।

नोटिस के बावजूद बयान देने नहीं आईं थीं दीपाली

लोकायुक्त पुलिस के मुताबिक जांच के दौरान बयान देने के लिए तत्कालीन नायब तहसीलदार दीपाली जाधव को नोटिस भेजा गया था, लेकिन वह नहीं आईं। उधर, प्रेमकुमार दांगी भी बयान देने के बाद से फरार है। उसकी फरारी में ही इसी साल 15 जनवरी को कोर्ट में चालान पेश किया गया।



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तत्कालीन नायब तहसीलदार दीपाली जाधव


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उज्जैन-देवास में कोरोना मरीज 60-90% होम आइसोलेशन

कोरोना को लेकर अदूरदर्शी सरकार ओर स्वास्थय महकमे की पोल हाल ही में स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़ों ने खाेली है। भास्कर के हाथ लगे यह आंकड़े चौंकाते हैं। उज्जैन और देवास में मिले 66 से 94% कोरोना पॉजीटिव होम आइसोलेशन में हैं यानी यहां कुल संक्रमितों में से 6 से 34% ही कोविड सेंटरों में हैं। मंदसौर, शाजापुर, आगर, रतलाम और नीमच में भी कमोबेश यही हाल है।

भास्कर पड़ताल में सामने आया है कि रतलाम में उज्जैन से अधिक संक्रमित मरीज मिलने पर यहां पहुंचे जांच दल ने माना कि संक्रमित की संख्या बढ़ने का कारण पाॅजिटिव मरीजों को होम आइसोलेट करना है, जिनकी मॉनीटरिंग नहीं की जा रही। होम आइसोलेट से पहले यह पता भी नहीं किया जाता कि संक्रमित को रखने के लिए परिवार के पास एक पृथक कमरा विथ अटैच लेथ बॉथ है भी या नहीं। नतीजा 10x50 के घर में रहने वाले संक्रमित अन्य परिजनों को भी संक्रमण की चपेट में ले रहेे हैं।

ये हैं चार सवाल, हमको जिनके जवाब चाहिए

  • संभाग के 7 जिलों के सेंटरों में बेड खाली तो होम आइसोलेशन में रखने में सरकार की मंशा क्या?
  • सातों जिलों की सभी तहसीलों में सरकारी अस्पताल, इन्हें कोविड सेंटर बनाकर संक्रमितों को क्यों नहीं रखा जा रहा...?
  • जगह या मैन पॉवर की समस्या है तो सरकारी स्कूल बंद हैं, यहां अन्य मरीजों को शिफ्ट कर, जावरा की तरह अन्य तहसीलों के संक्रमितों को आइसोलेट करने में आखिर क्या परेशानी है...?
  • मरीजों को स्वच्छ व खुले स्थान में रखने का प्रोटोकाॅल है। क्या सरकार यह मान चुकी कि होम आइसोलेशन में हर मरीज के पास एक कमरा विथ अटैच लेट-बॉथ हैं, जिससे वो अन्य परिजन के संपर्क में नहीं आएगा...?

10x50 जैसे छाेटे घरों वाले संक्रमित से कैसे बचें परिजन

यह स्थिति तब है, जब देश-विदेश में चल रही रिसर्च में यह संभावना जताई जा रही है कि कि शीतकाल मेें कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आ चुकी है। बावजूद उज्जैन में एक्टिव केस 275 में से 182 (66%) संक्रमित होम आइसोलेशन मेें है। देवास में तो हालात और चौंकाने वाले हैं।

यहां मिले 155 एक्टिव केस में से 146 (94%) होम आइसोलेट हैं। रतलाम में 34%, नीमच में 66%, शाजापुर मेें 70%, मंदसौर में 9%,आगर में 68% संक्रमित हाेम आइसोलेशन में रखे गए हैं। यह आंकड़े कोविड केयर सेंटरों के हैं, जहां कम लक्षण के मरीज रखे जाते हैं।

तहसील स्तर पर कोविड सेंटर बनाने से पॉजिटिव केस में आ सकती कमी

पॉजिटिव रेट संभाग मे लगातार बढ़ रहा है। दीपावली के समय बाजारों मे भीड़ इसका एक कारण है। रतलाम में जांच के दौरान यह 42% था जो शनिवार को 34% मिला। वही होम आइसोलेशन का प्रतिशत 42% होना भी एक महत्वपूर्ण कारण रहा है।

त्योहार और शादियों के इस दौर मे होम आइसोलेशन की निगरानी अच्छे से नहीं हो पाई। हमको होम आइसोलेशन को कम करना होगा, तहसील स्तर पर कोविड केयर सेंटर प्रारंभ करने होंगे। रतलाम के जावरा में कोविड केयर सेंटर बहुत अच्छे से कार्य कर रहा है ऐसा ही अन्य जिलों की तहसीलों में भी किया जाना चाहिए।

-डॉ. संजीव कुमरावत, डिप्टी डायरेक्टर, हैल्थ सर्विसेज, उज्जैन संभाग



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सांकेतिक फोटो


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चौराहा व तिराहों पर हादसे बढ़े, निगम को प्लान देगी ट्रैफिक पुलिस

शहर के अंदर चौराहा व तिराहों पर हादसे रोकने के लिए ट्रैफिक पुलिस प्लान तैयार कर रही है। इन जगहों पर क्या इंतजाम किए जाए कि लोग हादसों का शिकार न हो सके। एसपी सत्येंद्र कुमार ने ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए हाल में समीक्षा की, जिसमें शहर के बाहर के ब्लैक स्पाटों के अलावा शहर के अंदर चौराहा व तिराहों को लेकर भी प्लान बनाने के निर्देश दिए हैं।

शहर के अंदर ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने व हादसे रोकने के लिए यातायात पुलिस ने तैयारी शुरू कर दी है। कई चौराहा व तिराहा समेत ऐसे मार्ग पर ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी खुद घूमकर जायजा ले रहे हैं कि कहां क्या सुधार की जरूरत है। मक्सी रोड पंड्याखेड़ी चौराहा पर एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत के बाद सिग्नल लगाए गए।

इसी के बाद एसपी ने शहर में ब्लैक स्पॉट पर सुधार के लिए ट्रैफिक पुलिस को रिपोर्ट तैयार कर संबंधित विभाग को देने के निर्देश दिए हैं, जिसमें शहर के अंदर के चौराहा व तिराहा भी शामिल हैं। यातायात डीएसपी एचएन बाथम ने बताया शहर में सभी प्रमुख मार्गों के चौराहा व तिराहा पर क्या सुधार होना है, इस बारे में रिपोर्ट नगर निगम समेत अन्य संबंधित विभाग को पुलिस अधीक्षक के माध्यम से भिजवाई जाएगी।

इन चौराहा व तिराहों पर रिपोर्ट के बाद सुधार

  • भरतपुरी आरटीओ तिराहा पर सिग्नल की दूरी अधिक होने से हादसे का खतरा है। दूरी कम तिराहा पर सिग्नल नजदीक करने व संकेतक जरूरी है।
  • ऋषिनगर पंप तिराहा पर लाेग रहवासी क्षेत्र में क्राॅस होते है। यहां दोनों और से वाहन आते हैं। स्पीड ब्रेकर व ब्लिंकर नहीं है।
  • पुलिस ऑफिसर मैस व दुर्गा प्लाजा तिराहा सबसे अधिक हादसों भरा हो गया। यहां रांग साइड से भी वाहन चालक घुसते हैं, जिससे आए दिन हादसे होते है। यहां ब्रेकर बने।
  • माधव क्लब रोड पर धन्नालाल की चाल व फ्रीगंज का मोड़ होने से यहां तिराहा भी ज्यादा जोखिमवाला हो गया।
  • फ्रीगंज में घासमंडी चौराहा पर बड़ी रोटरी बना दी लेकिन यहां चारों दिशा से आने वाले वाहनों की स्पीड रोकने के इंतजाम नहीं।
  • जीरो पाइंट ब्रिज के दोनों उतार पर आने-जाने का रास्ता पुल से लगा होने से आए दिन वाहन चालक आपस में भिड़ते हैं।
  • सांवेर रोड पर सिंधी कॉलोनी तिराहा, वेदनगर तिराहा पर भी स्पीड ब्रेकर बनाए जाते हैं तो हादसे रोके जा सकते हैं।


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देवासरोड स्थित पुलिस ऑफिसर्स मेस चौराहा, जहां रांग साइड जाती कार।


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कॉपी पर लिखा खुली जेल का सबक; मास्क न पहनकर जै गलती मैंने की है, वाे काेऊ न करै

मास्क नहीं पहननकर जै गलती मैने की है, वाे काेऊ न करै..यह सबक है खुली जेल में रखे गए युवक का। जाे उसने प्रशासनिक अफसराें के कहने पर कागज पर अपनी टूटी-फूटी हिंदी में कागज पर लिखा। दरअसल, रविवार काे बिना मास्क घर से निकले 22 लोगों को रविवार काे रॉक्सी, नया बाजार, फूलबाग व बारादरी से पकड़ा गया। इनमें से कोई दवा लेने जा रहा था तो कोई बैंड बजाने और बच्चे को दिखाने अस्पताल। इन सभी को टेंपो और सरकारी वाहन से कैप्टन रूपसिंह स्टेडियम में बनी खुली जेल लाया गया। उधर, रात के समय भी चारों अनुभाग में टीम घूमीं और बिना मास्क जो दिखाई दिया उनसे जुर्माना वसूला।

काेराेना की समीक्षा बैठक में शनिवार काे ग्वालियर के प्रभारी ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुुबे ने प्रशासन काे मास्क नहीं पहनने वालाें काे जुर्माना वसूलने के साथ खुली जेल में रखने के आदेश दिए थे। रविवार काे पहली बार प्रशासन ने इसकी शुरूआत की। मुरार में तहसीलदार नरेश गुप्ता ने रोको टोको अभियान के तहत 25 से ज्यादा लोग बिना मास्क पकड़े। इन्हें मौके पर ही मास्क दिए गए और जुर्माना भी वसूला गया। इसके बाद यहीं से 11 लोगों को दो टेंपो में बैठाकर स्टेडियम खुली जेल भेजा गया।

ऐसे ही रॉक्सी पुल, नया बाजार व बाड़ा क्षेत्र से कुल 13 लोग पकड़कर खुली जेल में भेजे गए। एसडीएम विनोद भार्गव ने कहा कि कुछ लोगों से मौके पर जुर्माना भी वसूला गया। खुली जेल का प्रभारी संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय राजीव सिंह को बनाया गया। उन्होंने अपर कलेक्टर किशोर कन्याल के साथ मास्क न लगाने वाले युवाओं को समझाइश भी दी।

बुजुर्ग और महिलाओं को खुली जेल से छूट
इस दौरान सिर्फ युवाओं को ही खुली जेल भेजा गया। बुजुर्ग व महिलाएं भी बड़ी संख्या में बिना मास्क मिले। इन्हें समझाइश दी गई और कुछ से जुर्माना वसूला गया।
यमराज ने समझाया जीवन का महत्व: सामाजिक न्याय के कलापथक दल के सदस्यों ने यमराज का रूप धारण कर खुली जेल पहुंचे लोगों को जीवन का महत्व। यहीं पर उन्हें बिना मास्क घर से बाहर न निकलने की शपथ भी दिलाई गई।

सबको पता है खतरा फिर भी लापरवाही
मास्क न लगाकर लापरवाही करने वाले सभी 22 लोगों से खुली जेल में कोरोना पर निबंध लिखवाया गया। इसमें सभी ने मास्क-सोशल डिस्टेंस जरूरी,साबुन से हाथ धोने की बात लिखी।

बाद में पैदल-पैदल आए वाहन लेने: रॉक्सी, नया बाजार व बाड़ा से जिन लोगों को बिना मास्क पकड़ा उन्हें दो घंटे से ज्यादा खुली जेल में रहने के बाद पैदल वापस आना पड़ा। ये वाहन पुलिस चौकी में रखवाए थे।



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खुली जेल में लोगों को निबंध लिखवाते अफसर।


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ग्वालियर सहित तीन महीने पूरे उत्तर भारत में ठंड के रिकॉर्ड टूटेंगे

अगले तीन महीने यानी दिसंबर से फरवरी 2021 तक उत्तर भारत के सभी राज्यों में कड़ाके की ठंड पड़ेगी और इसका असर मध्य भारत तक रहेगा। यहां जबरदस्त शीतलहर चलेगी। मौसम विभाग ने रविवार को सर्दी के तापमान का पूर्वानुमान जारी किया। उत्तर भारत में इन तीन महीनों में न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना है।

हालांकि, अधिकतम तापमान सामान्य से कुछ बढ़े रहने की संभावना है। मैदानी इलाकों में राजस्थान में सबसे ज्यादा कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, यूपी, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, प. बंगाल, ओडिशा व पूर्वोत्तर के राज्यों में दिन का अधिकतम तापमान सामान्य से डेढ़ डिग्री तक अधिक रहने की संभावना है।

मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक ग्वालियर में अगले तीन महीने रात का तापमान सामान्य से नीचे रहेगा। उदाहरण के तौर पर स्थानीय मौसम केंद्र के रिकॉर्ड में 29 नवंबर को शहर का औसत न्यूनतम तापमान 10 डिग्री दर्ज है लेकिन रविवार को तापमान 8.9 डिग्री दर्ज किया गया। जो कि सामान्य से कम रहा। शेष | पेज 5 पर



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फाइल फोटो


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युवती बालिग, कहीं भी जाने को स्वतंत्र; युवक ने अपनी प्रेमिका को परिजनों की कैद से छुड़ाने की गुहार लगाई थी

मप्र हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच में एक युवक ने याचिका दायर करते हुए अपनी प्रेमिका को परिजनों की कैद से छुड़ाने की गुहार लगाई। पुलिस ने युवती को कोर्ट में पेश किया, जहां उसने बताया कि वह बालिग है और याचिकाकर्ता से प्रेम करती है। लेकिन परिवारजन तैयार नहीं हैं।

इस पर कोर्ट ने कहा- प्रकरण की वस्तुस्थिति को देखकर यह प्रतीत होता है कि युवती को उसके परिजनों ने बंदी बनाकर रखा है। जबकि वह बालिग है और कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र हैं। कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया कि वे युवती की आयु सत्यापित करने के बाद जिस युवक के साथ वह रहना चाहती है, उसके सुपुर्द करें और उसकी जानकारी युवती के परिजनों को भी दें।

पड़ाव निवासी अभिषेक ने याचिका दायर करते हुए प्रेमिका के परिजनों पर उसे बंदी बनाने का आरोप लगाया। कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह युवती को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करें। युवती ने बताया कि याचिकाकर्ता से प्रेम करती है लेकिन धर्म अलग होने के कारण परिजन तैयार नहीं है। परिजनों ने उसे घर में कैद कर रखा है।



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ग्वालियर हाई कोर्ट (फाइल फोटो)


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